नौकरी ना छोड़ने के लिए मिले 853 करोड़ रुपये, गूगल ने इसलिए रोका था ये कर्मचारी Google Paid 853 crore rupees to Stop Key Employee From Joining Twitter Here is Why, Gadgets Hindi News - Hindustan
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नौकरी ना छोड़ने के लिए मिले 853 करोड़ रुपये, गूगल ने इसलिए रोका था ये कर्मचारी

गूगल ने करीब एक दशक पहले अपने कीमत कर्मचारी को नौकरी छोड़ने से रोकने के लिए बड़ी रकम ऑफर की थी। टॉप एग्जक्यूटिव नील मोहन को रोकने के लिए करीब 10 करोड़ डॉलर के बेनिफिट्स उनको मिले थे।

Pranesh Tiwari लाइव हिन्दुस्तानThu, 29 May 2025 11:17 AM
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नौकरी ना छोड़ने के लिए मिले 853 करोड़ रुपये, गूगल ने इसलिए रोका था ये कर्मचारी

जब भी कोई कर्मचारी नौकरी छोड़कर जाने लगता है तो पिछली कंपनी उसे रोकने की कोशिश करती है, खासकर तब अगर वह बहुत काबिल हो। इसके अलावा अगर कर्मचारी उस कंपनी से जुड़ने वाला हो, जो कॉम्पिटीशन दे सकती है तो उसे रोकना और भी जरूरी हो जाता है। ऐसा ही एक खास मामला साल 2011 का है, जब Google ने अपने एक कर्मचारी को Twitter टीम का हिस्सा बनने से रोकने के लिए बहुत बड़ी रकम का भुगतान किया था।

मामला गूगल के हाई-प्रोफाइल कर्मचारी नील मोहन से जुड़ा था, जो गूगल में बड़ी पोजीशन पर थे। वे गूगल में ऐड प्रोडक्ट्स टीम लीड कर रहे थे और माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Twitter (अब X) उन्हें अपने चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर के तौर पर जॉब ऑफर कर रहा था। गूगल को जैसे ही इस बात का पता चला, कंपनी ने उन्हें रोकने के लिए भारी-भरकम रकम पेश की। बता दें, नील मोहन अब कंपनी की लोकप्रिय सेवा Youtube के CEO हैं।

 

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पॉडकास्ट में सामने आई जानकारी

गूगल की ये कहानी Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामथ के साथ हो रहे एक पॉडकास्ट में सामने आई। कामथ ने कहा कि किस तरह टेक कंपनियों के बीच जबरदस्त कॉम्पिटीशन देखने को मिलता है और वे टैलेंट को अपने पास रोककर रखना चाहते हैं। कामथ ने पॉडकास्ट में कहा, "मुझे याद है कि गूगल ने आपको जॉब ना छोड़ने के लिए 10 करोड़ डॉलर (करीब 853 करोड़ रुपये) ऑफर किए थे।"

नील मोहन को ट्विटर में जाने से रोकने के लिए गूगल ने उन्हें 100 मिलियन डॉलर (करीब 853 करोड़ रुपये वैल्यू) के स्टॉक ऑप्शंस ऑफर किए थे, यह एक तरह से भविष्य में मिलने वाला बोनस था और इसके लिए जरूरी शर्त ये थी कि वे कंपनी के साथ बने रहें। यह प्रपोजल इतना अच्छा था कि मोहन ने ट्विटर का ऑफर ठुकरा दिया और गूगल की टीम में बने रहे।

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दरअसल, गूगल को डर था कि अगर कोई सीनियर लीडर ट्विटर जैसी कंपनी में चला गया, तो इससे उसके बिजनेस को खासकर विज्ञापन के क्षेत्र में, जो Google की कमाई का सबसे बड़ा जरिया है, नुकसान हो सकता है। इसके अलावा मोहन जैसे अनुभवी व्यक्ति के साथ कंपनी की टेक और स्ट्रेटजिक जानकारी भी दूसरी कंपनी के पास जा सकती थी।

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