‘बम धमाके या भूकंप जैसा लगा’; प्रत्यक्षदर्शियों ने याद किया अहमदाबाद विमान हादसे का मंजर
अहमदाबाद में एयर इंडिया के AI 171 विमान हादसे का मंजर इतना भयावह था कि उस इलाके में रहने वाले प्रत्यक्षदर्शी आज भी उस मंजर को याद कर सिहर उठते हैं। इस हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि एक यात्री चमत्कारिक रूप से बचने में कामयाब रहा।

अहमदाबाद में एयर इंडिया के AI 171 विमान हादसे का मंजर इतना भयावह था कि उस इलाके में रहने वाले प्रत्यक्षदर्शी आज भी उस मंजर को याद कर सिहर उठते हैं। इस हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि एक यात्री चमत्कारिक रूप से बचने में कामयाब रहा।
अहमदाबाद के उस इलाके के निवासियों ने जहां विमान हादसा हुआ था, अपने भयावह अनुभव को याद करते हुए कहा कि पहले तो ऐसा लगा जैसे भूकंप या बम विस्फोट हुआ हो। वहीं एक महिला ने कहा कि दुर्घटना की आवाज से ऐसा लगा जैसे उनके कान के पर्दे फट जाएंगे।
आवाज़ से ऐसा लगा जैसे हमारे कान के पर्दे फट जाएंगे
विमान दुर्घटना की प्रत्यक्षदर्शी रेखा क्षत्रिय ने शनिवार को घटना के बाद के भयावह क्षणों को याद करते हुए कहा कि भले ही उनका परिवार तेज आवाजों का आदी है, लेकिन विमान हादसे की आवाज से ऐसा लगा जैसे उनके कान के पर्दे ही फट जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि उनके घर का सारा फर्नीचर बुरी तरह से हिलने लगा था।
रेखा क्षत्रिय ने कहा कि मैं पिछले 13-14 सालों से यहां रह रही हूं। उस दिन दोपहर करीब 1:30 बजे हमने तेज आवाज सुनी। वैसे तो हम तेज आवाज सुनने के आदी हैं, लेकिन इस बार ऐसा लगा कि हमारे कान के पर्दे फट जाएंगे। ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो। हम लंच करने बैठे ही थे कि हमारे घर का फर्नीचर जोर-जोर से हिलने लगा। एक पल के लिए तो ऐसा लगा जैसे बम विस्फोट हुआ हो, फिर जब हम बाहर निकले तो देखा कि विमान क्रैश हो गया है। हमने हर जगह विमान के टूटे हुए टुकड़े देखे। यह समझना मुश्किल था कि यह विमान क्रैश था या आतंकी हमला या कुछ और। पूरा आसमान काले धुएं से भर गया था। हर जगह आग की ऊंची-ऊंची लपटें उठ रही थीं।
एक अन्य युवक प्रियांशु ने उस दिन का अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा, "इलाका काले धुएं से भर गया था। मैं घर पर था। आग एक इमारत से दूसरी इमारत में फैल गई। मुझे ऐसा लगा जैसे भूकंप या बम विस्फोट हो गया हो।"
दुर्घटनास्थल से करीब 500 मीटर दूर रहने वाले बहादुर क्षत्रिय ने कहा कि उन्होंने अपने दोस्तों और सुरक्षा कर्मियों के साथ मिलकर मलबे से पांच लोगों को बचाने में मदद की। हालांकि, उन्होंने बताया कि बचे हुए लोगों की हालत गंभीर है।
उन्होंने कहा, ''मेरा घर दुर्घटनास्थल से 500 मीटर दूर है। मैंने एक जोरदार धमाका सुना। पहले तो मुझे लगा कि यह कोई भयंकर तूफान है या भूकंप... लोग चिल्ला रहे थे कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। जब मैंने जाकर देखा तो हर तरफ धुआं था। चारों तरफ आग लगी हुई थी। हम मेस के पास गए जहां छात्र मदद के लिए चिल्ला रहे थे। सेना के जवानों के साथ मिलकर हमने मलबे से पांच छात्रों को जिंदा निकाला, लेकिन उनकी हालत बेहद गंभीर थी, फिर हमें लगा कि शायद नीचे मलबे में कोई फंसा हुआ है। हमें एक शव बहुत बुरी हालत में मिला।''
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