सिरमौर में नेशनल हाईवे पर लैंडस्लाइड, बाल-बाल बचे यात्री, कार छोड़ भागे लोग
जानकारी अनुसार जैसे ही मलबा गिरना शुरू हुआ, मौके पर अफरा-तफरी मच गई। हाईवे पर चल रहे डबल लेन निर्माण कार्य के चलते पहाड़ी क्षेत्र पहले ही संवेदनशील बना हुआ था।

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के शिलाई उपमंडल में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा टल गया। यहां उतरी गांव के पास निर्माणाधीन नेशनल हाईवे पर अचानक भूस्खलन हो गया। यह घटना उस समय हुई जब वहां से कई वाहन गुजर रहे थे। भूस्खलन होते ही लोग अपनी कारें सड़क किनारे छोड़ सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। गनीमत यह रही कि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। एक कार को आंशिक रूप से नुकसान जरूर पहुंचा, लेकिन समय रहते सभी लोग सुरक्षित निकलने में कामयाब रहे।
जानकारी अनुसार जैसे ही मलबा गिरना शुरू हुआ, मौके पर अफरा-तफरी मच गई। हाईवे पर चल रहे डबल लेन निर्माण कार्य के चलते पहाड़ी क्षेत्र पहले ही संवेदनशील बना हुआ था। सिरमौर पुलिस के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है लेकिन सुरक्षा के लिहाज से निर्माण स्थल पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
मौसम ने बदला मिजाज, कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि
हिमाचल प्रदेश में मई के अंतिम सप्ताह में मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदला हुआ है। शुक्रवार को राज्य के कई हिस्सों में तेज बारिश और ओलावृष्टि दर्ज की गई जिससे तापमान में गिरावट आई है। वहीं जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के ऊंचाई वाले इलाकों में ताजा बर्फबारी दर्ज की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 31 मई और 1 जून के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी वर्षा, तेज हवाएं (50–60 किमी प्रति घंटा) और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है। इसके अलावा 5 जून तक येलो अलर्ट भी प्रभावी रहेगा।
राजधानी शिमला में बारिश से थमी रफ्तार
शुक्रवार सुबह राजधानी शिमला में हुई तेज बारिश से जनजीवन कुछ देर के लिए अस्त-व्यस्त हो गया। सड़कें फिसलन भरी हो गईं और ऑफिस तथा स्कूल जाने वालों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। शिमला के साथ-साथ जुब्बड़हट्टी, सुंदरनगर, कांगड़ा, पालमपुर और बैजनाथ में भी गरज-चमक के साथ वर्षा दर्ज की गई।
लाहौल घाटी में बर्फबारी से किसानों में खुशी
लाहौल-स्पीति जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश ने किसानों के चेहरे खिला दिए हैं। इस समय घाटी में नकदी फसलों की बुवाई का समय चल रहा है जिसमें पर्याप्त नमी की आवश्यकता होती है। किसानों का कहना है कि समय-समय पर हो रही वर्षा से इस बार बेहतर फसल की उम्मीद है।
मैदानी जिलों में गर्मी से राहत
राज्य के मैदानी जिलों ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर में भी बारिश और तेज हवाओं ने भीषण गर्मी से राहत दी है। ऊना में जहां तापमान 41 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया था, अब वहां पारा गिरकर सामान्य स्तर पर पहुंच गया है। बिलासपुर में बीती रात 65 किमी प्रति घंटा और हमीरपुर के नेरी में 61 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आंधी चली, जिससे कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित रही।
बीते 24 घंटे में हुई भारी वर्षा
पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में उल्लेखनीय वर्षा दर्ज की गई है। राजगढ़ में सर्वाधिक 70 मिमी बारिश हुई, जबकि घाघस में 47 मिमी, जुब्बड़हट्टी में 46.1 मिमी, कुसौली में 40 मिमी, बलद्वारा में 37 मिमी और धर्मपुर में 32.4 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। सोलन, मंडी और कांगड़ा के विभिन्न क्षेत्रों में भी मध्यम से भारी वर्षा हुई है।
मौसम विभाग और प्रशासन ने आम जनता से सावधानी बरतने की अपील की है। विशेष रूप से किसानों और बागवानों को ओलावृष्टि से फसलों की रक्षा के लिए जालियां लगाने की सलाह दी गई है। तेज हवाओं और आंधी-तूफान के समय लोगों को घरों में सुरक्षित रहने, दरवाजे-खिड़कियां बंद रखने और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग हटाने की हिदायत दी गई है। बिजली गिरने की स्थिति में खुले स्थानों और पेड़ों के नीचे शरण न लेने की चेतावनी दी गई है।
रिपोर्ट : यूके शर्मा
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