कार्रवाई की तो 10 और बंधकों को मार देंगे, बलूच आर्मी की चेतावनी; पाकिस्तानी सेना के झूठ का पर्दाफाश
- मंगलवार, 11 मार्च 2025 को बलूचिस्तान के सिबी जिले के पास जफ्फर एक्सप्रेस ट्रेन पर हुए हमले में बीएलए ने ट्रेन को अपने कब्जे में ले लिया था।

बलूचिस्तान में जफ्फर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमले के बाद तनाव चरम पर पहुंच गया है। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने अपने ताजा बयान में पाकिस्तानी सेना को कड़ी चेतावनी दी है, जिसमें कहा गया है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे 10 और बंधकों को मार कर देंगे। बीएलए का दावा है कि उनके कब्जे में मौजूद अधिकांश बंधक पाकिस्तानी सैनिक हैं। इसके साथ ही, संगठन ने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन में अभी तक उनका कोई भी विद्रोही मारा नहीं गया है, जिससे पाकिस्तानी सेना के दावों को झूठा करार दिया जा रहा है।
कैसे हुआ हमला और बीएलए का दावा
मंगलवार, 11 मार्च 2025 को बलूचिस्तान के सिबी जिले के पास जफ्फर एक्सप्रेस ट्रेन पर हुए हमले में बीएलए ने ट्रेन को अपने कब्जे में ले लिया था। संगठन का कहना है कि उन्होंने रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया और ट्रेन पर हमला कर 214 लोगों को बंधक बना लिया, जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी सेना, पुलिस, और खुफिया एजेंसी (आईएसआई) के कर्मचारी शामिल हैं। बीएलए ने दावा किया कि इस हमले में 30 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और उनकी सेना ने 8 घंटे तक चली मुठभेड़ में पाकिस्तानी बलों को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। इसके अलावा, एक पाकिस्तानी ड्रोन को भी मार गिराने का दावा किया गया है।
बीएलए ने अपने बयान में कहा, "हमने ट्रेन और सभी बंधकों पर पूर्ण नियंत्रण बनाए रखा है। ये 214 बंधक युद्धबंदी हैं, और हम बलूच राजनीतिक कैदियों की रिहाई के बदले इन्हें छोड़ने के लिए तैयार हैं।" संगठन ने पाकिस्तान सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है, जिसमें बलूच राजनीतिक कैदियों, जबरन गायब किए गए लोगों और राष्ट्रीय प्रतिरोध कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की गई है। बीएलए ने चेतावनी दी, "अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं या सैन्य कार्रवाई की कोशिश की गई, तो सभी बंधकों को खत्म कर दिया जाएगा और ट्रेन को पूरी तरह नष्ट कर दिया जाएगा।"
पाकिस्तानी सेना का जवाब और बचाव अभियान
पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने इस हमले के बाद बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया है। बुधवार सुबह तक, सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, 104 यात्रियों को मुक्त कराया गया है, जिनमें 17 घायल शामिल हैं। हालांकि, बीएलए का कहना है कि उनके पास अभी भी सैकड़ों बंधक हैं। स्थानीय पुलिस ने बताया कि हमले में कम से कम 16 आतंकवादी मारे गए हैं, लेकिन बीएलए ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि उनका कोई भी लड़ाका हताहत नहीं हुआ है। इससे पाकिस्तानी सेना के प्रचार पर सवाल उठ रहे हैं।
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने बताया कि सिबी शहर के एक प्रमुख अस्पताल में आपातकाल घोषित कर दिया गया है और इलाके में भारी गोलीबारी की खबरें हैं। बचाव कार्य में हेलीकॉप्टर और विशेष बलों को तैनात किया गया है, लेकिन पहाड़ी और दुर्गम इलाके के कारण ऑपरेशन में मुश्किलें आ रही हैं।
बीएलए का उद्देश्य और बलूचिस्तान का संकट
बीएलए लंबे समय से बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने की मांग कर रहा है। संगठन का आरोप है कि पाकिस्तानी सरकार प्रांत के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रही है, जबकि बलूच जनता को गरीबी और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। हाल के वर्षों में बीएलए ने अपनी गतिविधियों को तेज किया है, जिसमें सुरक्षा बलों, रेलवे लाइनों और चीनी हितों पर हमले शामिल हैं। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब बलूचिस्तान में हिंसा में तेजी देखी जा रही है। पिछले महीने कलात शहर में हुए हमले में 18 सैनिक मारे गए थे।
अंतरराष्ट्रीय चिंता और आगे की स्थिति
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस हमले की निंदा की है और कहा कि सरकार "निर्दोष यात्रियों पर गोली चलाने वाले इन राक्षसों" से कोई समझौता नहीं करेगी। दूसरी ओर, बीएलए ने विदेशी निवेशकों को चेतावनी दी है कि वे बलूचिस्तान के संसाधनों के "शोषण" में हिस्सा न लें। यह हमला न केवल पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता पर भी सवाल उठा रहा है। आने वाले घंटे इस संकट के समाधान के लिए निर्णायक साबित होंगे।
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