भारत के बॉर्डर पर चीन से अस्पताल बनवा रहा बांग्लादेश, मरीज भेजे पाकिस्तान
- राजदूत ने जानकारी दी कि युन्नान प्रांत से एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल अगले सप्ताह बांग्लादेश आ रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सहयोग बढ़ाना है।

चीन ने बांग्लादेश की बहुप्रतीक्षित तीस्ता नदी परियोजना को क्रियान्वित करने और देश में चार अस्पताल बनाने की तत्परता दिखाई है। इसके साथ ही चीन ने अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिशोधात्मक टैरिफ के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने की योजना का भी खुलासा किया है। ढाका में आयोजित एक सेमिनार में चीनी राजदूत याओ वेन ने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए पागलपन भरे टैरिफ फैसले से वैश्विक व्यापार व्यवस्था को खतरा हुआ है। चीन का कहना है कि बांग्लादेश और यूरोपीय संघ जैसे देश मिलकर इस संकट का हल निकालें और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सही दिशा में ले जाएं।
राजदूत ने कहा कि बांग्लादेश सरकार की ओर से चीनी कंपनियों को तीस्ता नदी जल-प्रबंधन परियोजना में भाग लेने का निमंत्रण मिला है और अब चीन इस परियोजना को शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चीन और बांग्लादेश के रिश्ते किसी एक सरकार या पार्टी पर आधारित नहीं हैं, बल्कि ये जनहित पर केंद्रित हैं।
टैरिफ संकट पर चीन का रुख
राजदूत याओ वेन ने बताया कि अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादों पर 145% तक का टैरिफ लगाया गया, जिसके जवाब में चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 125% टैरिफ लगाया। चीन का कहना है कि वह मुफ्त व्यापार और वैश्विक न्याय के लिए लड़ रहा है। उन्होंने कहा, "हम पीछे नहीं हटेंगे। हम फ्री ट्रेड के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन हम बातचीत से भी पीछे नहीं हटते।"
स्वास्थ्य और शिक्षा सहयोग की नई पहल
राजदूत ने जानकारी दी कि युन्नान प्रांत से एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल अगले सप्ताह बांग्लादेश आ रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सहयोग बढ़ाना है। युन्नान में चार चीनी अस्पताल पहले ही बांग्लादेशी मरीजों का इलाज कर रहे हैं। अब चीन की योजना है कि बांग्लादेश में नए अस्पताल खोले जाएं। इसके अलावा, नॉर्थ-साउथ यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र भी खोले जाएंगे, जिससे मध्य-पूर्व और यूरोप में रोजगार के लिए श्रमिकों को प्रशिक्षित किया जा सके।
याओ वेन ने बताया कि प्रधान सलाहकार की चीन यात्रा दोनों देशों के बीच राजनीतिक सहयोग और आपसी विश्वास को गहरा करने का प्रतीक है।
बांग्लादेश ने "वन चाइना पॉलिसी" का समर्थन दोहराया और ताइवान की स्वतंत्रता के विरोध में चीन के रुख का समर्थन किया।
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