चीन अब संयुक्त राष्ट्र को सीधी टक्कर देने जा रहा है। शुक्रवार को ड्रैगन ने दर्जनों देशों के साथ मिलकर नया वैश्विक मध्यस्थता समूह बनाया है। इस समूह में पाकिस्तान, इंडोनेशिया, बेलारूस समेत कई देश शामिल होंगे।
चीनी राष्ट्रपति की बेटी शी मिंग्जे ने हार्वर्ड में गोपनीय नाम से पढ़ाई की और वर्तमान में उनकी US में स्थिति को लेकर विवाद चल रहा है। अमेरिकी वीजा प्रतिबंधों ने उनके रहस्यमयी जीवन को फिर सुर्खियों में ला दिया।
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने हाल ही में यह ऐलान किया है कि चीनी छात्रों का वीजा आक्रामक तरीके से रद्द कर दिया जाएगा। इस पर चीन का रिएक्शन पहली बार सामने आया है। चीन ने अमेरिकी सरकार को जमकर सुनाया है।
विदेशी कर्ज के बोझ और गिरते विदेशी मुद्रा भंडार के चलते पाकिस्तान की हालत पस्त है। चीन उसे अरबों का कर्ज देने जा रहा है। इस डील से चीन ने ना सिर्फ पाकिस्तान को राहत दी है, बल्कि खुद के लिए दोहरा फायदा भी सुनिश्चित किया है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि उन चीनी छात्रों के वीजा अब आक्रामक तरीके से रद्द किए जाएंगे, जिनका संबंध चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से है या जो अमेरिका के लिए संवेदनशील माने जाने वाले क्षेत्रों में पढ़ाई कर रहे हैं।
चीन का यह भी मानना है कि सीधे बातचीत से हमलों में कमी आएगी, उनके कर्मी सुरक्षित होंगे और यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि बगैर किसी रोक के खनिज निकाले जा सकें।
चीन बीते कई सालों से यह कारोबार चला रहा है। गरीब देशों को विकास के नाम पर चीन कर्ज जरूर देता है, लेकिन उस देश में विकास होने की बजाय अर्थव्यवस्था की नैया ही डूब जाती है। श्रीलंका इसका हालिया उदाहरण है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि यदि टैरिफ वॉर ऐसे ही जारी रहा तो चीन में 90 लाख नौकरियां मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में छिन सकती हैं। इसके अलावा चीन में प्रॉपर्टी ग्रोथ भी पहले से काफी डाउन है।
चीनी दूतावास ने बांग्लादेश में रह रहे अपने नागरिकों को एक अहम सार्वजनिक नोटिस जारी करते हुए चेतावनी दी है कि वे ‘विदेशी दुल्हन खरीदने’ से दूर रहें। ऐसा करने पर उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
रिपोर्ट में पाकिस्तान के बारे में कहा गया कि उसकी सैन्य प्राथमिकताएं क्षेत्रीय पड़ोसियों के साथ सीमा पार झड़पों, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और बलूच राष्ट्रवादी उग्रवादियों के बढ़ते हमलों, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और परमाणु आधुनिकीकरण पर केंद्रित रहेंगी।