चीनी 5 हजार रुपये, तेल 4000 रुपये और... गाजा में इतनी महंगाई की भूखे मरने की नौबत
सीनियर अधिकारी ने दावा किया कि गाजा में पहले डेढ़ साल में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 3,500 कैलोरी की सहायता पहुंचाई गई, लेकिन इसका अधिकांश हिस्सा हमास की ओर से लूट लिया गया। यह गंभीर चिंता का विषय है।

गाजा में इस बार ईद-उल-अजहा की नमाज मस्जिदों में नहीं, बल्कि घरों, स्कूलों और धार्मिक स्थलों के मलबे में अदा की गई। फिलहाल युद्धविराम की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही और न ही लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था है। ईद के मौके पर आमतौर पर होने वाली परंपराएं जैसे बलि का मांस, सामुदायिक भोज और बच्चों के लिए उपहार यहां पूरी तरह बदल चुके हैं। गाजा में अब केवल एक ही चीज चर्चा का विषय है, वो है भोजन। यहां भोजन की भारी कमी है। एक वायरल पोस्ट में दावा किया गया कि गाजा में पारले-जी बिस्किट 24 यूरो (लगभग 2,400 रुपये) में बिक रहे हैं।
गाजा के बाजारों में बुनियादी सामानों की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि वे लगभग सभी की पहुंच से बाहर हैं। लिए अप्राप्य हो चुकी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 1 लीटर खाना पकाने का तेल 4177 रुपये, 1 किलो चीनी 4914 रुपये, 1 किलो आटा 1474 रुपये, 1 किलो टमाटर 1106 रुपये और 1 कप कॉफी 4423 रुपये में बिक रही है। ऐसी कीमतें उस क्षेत्र में अकल्पनीय हैं जहां लगभग किसी के पास आय का कोई स्रोत नहीं है।
इजरायल ने हमास पर भोजन लूटने का लगाया आरोप
इजरायल का दावा है कि हमास सहायता सामग्री को लूट रहा है। एनडीटीवी से बातचीत में इजरायली दूतावास के प्रवक्ता गाय निर ने कहा, 'हमास के नकाबपोश बंदूकधारी गाजा के लोगों पर गोलीबारी कर रहे हैं क्योंकि हमास नहीं चाहता कि यह अभियान सफल हो। पहले डेढ़ साल में गाजा में भेजे गए 80 प्रतिशत सहायता ट्रकों को हमास ने लूट लिया।' हमास इन सामग्रियों को ऊंची कीमतों पर बेचकर आर्थिक और राजनीतिक नियंत्रण बनाए हुए है। संयुक्त राष्ट्र की खाद्य और कृषि संगठन ने चेतावनी दी कि सितंबर तक गाजा में करीब 5 लाख लोग विनाशकारी खाद्य असुरक्षा का सामना करेंगे, जो भुखमरी से ठीक पहले की सबसे गंभीर स्थिति है।
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