ईरान पर इजरायली हमलों में 406 लोग मारे गए, 654 घायल हुए; मानवाधिकार समूह ने और क्या बताया
बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, ‘हम यहां इसलिए हैं क्योंकि हम अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं, जो अब इजरायल के हर नागरिक के लिए स्पष्ट है। सोचिए कि अगर ईरान के पास इजरायल के शहरों पर गिराने के लिए परमाणु हथियार होता तो क्या होता।’

ईरान में इजरायली हमलों में कम से कम 406 लोग मारे गए हैं, जबकि 654 अन्य घायल हुए हैं। एक मानवाधिकार समूह ने रविवार को इसकी जानकारी दी। वाशिंगटन स्थित समूह ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स ने कहा कि उनका आंकड़ा पूरे ईरान का है। ईरान की सरकार ने इजरायली हमलों में हताहतों की संख्या का कोई आंकड़ा नहीं दिया है। इस हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए और परमाणु स्थलों को निशाना बनाया गया। समूह ने कहा कि अब तक मरने वालों में 197 नागरिक, 90 सैन्यकर्मी और 119 अन्य लोग शामिल हैं, जिनकी पहचान नहीं हो सकी है। इसने कहा कि घायलों में 100 नागरिक, 71 सैनिक और 483 अन्य लोग शामिल हैं, जिनकी शिनाख्त नहीं हुई है।
इजरायल और ईरान के बीच तनाव अभी बना हुआ है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को चेतावनी दी कि इजरायल में नागरिकों को निशाना बनाने की ईरान को बहुत भारी कीमत चुकानी होगी। नेतन्याहू ने यह टिप्पणी तेल अवीव के नजदीक बात याम शहर में सुबह-सुबह ईरानी मिसाइल हमले के स्थल का दौरा करते हुए की। इस हमले में कम से कम 7 लोग मारे गए और कई दर्जन अन्य घायल हो गए हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से नेतन्याहू के हवाले से बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया, ‘ईरान को नागरिकों (महिलाओं, बच्चों) की हत्या के लिए बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, जिसे उसने जानबूझकर अंजाम दिया है। हम अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेंगे। हम उन पर पूरी ताकत से हमला करेंगे।’
उत्तरी अरब शहर तमरा में 4 लोगों की मौत
इजरायल ने शुक्रवार की सुबह ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान के परमाणु, मिसाइल और सैन्य ढांचे को निशाना बनाया गया। बाद में ईरान ने इजरायल पर जवाबी हमले शुरू किए। इससे इजरायल पर ईरान की ओर से और जोरदार हमले की आशंका पैदा हो गई है, क्योंकि ईरान की कुछ मिसाइलें इजराइल की हवाई सुरक्षा प्रणाली को भेद कर देश के बीच में बने इमारतों को निशाना बनाने में सफल हुई हैं। एक अलग घटना में, उत्तरी अरब शहर तमरा में 4 लोग मारे गए, जिससे इजरायल की ओर से अभियान शुरू किए जाने के बाद से मरने वालों की संख्या 14 हो गई है। इजरायल का कहना है कि इस अभियान का उद्देश्य ईरान को परमाणु क्षमता हासिल करने से रोकना और उसके मिसाइल विकास कार्यक्रम को विफल करना है।
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