karachi jail break judge in pakistan reprimanded police in prisoners escaped case पाक में जेल से भागे कैदियों पर पुलिस का बहाना सुन गुस्से से तमतमाए जज, फटकारा, International Hindi News - Hindustan
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पाक में जेल से भागे कैदियों पर पुलिस का बहाना सुन गुस्से से तमतमाए जज, फटकारा

कराची जेल ब्रेक ने पाकिस्तानी पुलिस की फजीहत करा दी है। भूकंप के दौरान जेल की दीवार टूटने के बाद भागे 200 कैदियों में से 115 को पुलिस पकड़ चुकी है। बाकियों की खोजबीन में पुलिस ने जज के सामने ऐसी दलील दी, जिससे जज का पारा हाई हो गया।

Gaurav Kala कराची, पीटीआईSun, 8 June 2025 08:43 PM
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पाक में जेल से भागे कैदियों पर पुलिस का बहाना सुन गुस्से से तमतमाए जज, फटकारा

पाकिस्तान के कराची में मलिर जेल से भूकंप के दौरान फरार हुए 200 से ज़्यादा कैदियों के मामले में पुलिस की थ्योरी पर कोर्ट ने सख्त ऐतराज जताया है। कोर्ट ने दोबारा पकड़े गए 115 कैदियों की पुलिस हिरासत की मांग खारिज करते हुए जांच अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा कि जब कोई ठोस सबूत या नया खुलासा ही नहीं है, तो फिजिकल रिमांड क्यों चाहिए? कोर्ट का यह रुख तब आया जब पुलिस ने इन अंडर-ट्रायल कैदियों को फिर से पूछताछ के नाम पर अपनी हिरासत में लेने की कोशिश की।

पुलिस ने कोर्ट से इन 115 आरोपियों को 14 दिन की फिजिकल रिमांड पर देने की अपील की थी ताकि बाकी फरार कैदियों की तलाश की जा सके। लेकिन अदालत ने कहा कि ये सभी पहले से अंडर-ट्रायल कैदी (UTPs) हैं। किसी के खिलाफ कोई व्यक्तिगत आरोप या भूमिका स्पष्ट नहीं है और न ही पुलिस हिरासत से कोई नई बरामदगी या सबूत सामने आने की संभावना है।

भूकंप के बाद जेल में मचा था हड़कंप

पिछले सोमवार रात आए 3.6 तीव्रता के भूकंप में मलिर जेल की एक दीवार गिर गई। हड़बड़ाहट में कैदियों को बाहर निकाला गया, इसी अफरा-तफरी में 216 कैदी फरार हो गए, जिनमें दोषी और विचाराधीन दोनों शामिल थे। यह घटना जेल प्रशासन और गृह मंत्रालय के लिए शर्मिंदगी का कारण बन गई।

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90 कैदी अभी भी फरार

126 फरार कैदी या तो खुद लौट आए हैं या दोबारा गिरफ्तार किए गए हैं। 90 कैदी अब भी फरार हैं, जिनकी तलाश के लिए व्यापक तलाशी अभियान जारी है। एक 25 वर्षीय कैदी, जो नशे के मामले में बंद था, मॉरीपुर के मदनी कॉलोनी में अपनी बहन के घर फांसी लगाकर आत्महत्या कर बैठा। वह जेल लौटने को लेकर अवसाद में था। उधर, जेल के वरिष्ठ अधिकारी जुल्फिकार अली पीरजादा ने बताया कि दोबारा पकड़े गए अधिकतर कैदियों पर अब आतंकवाद-निरोधी कानून (ATA) के तहत नए मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

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