मोसाद के इशारे पर ही इकट्ठा हुए थे टॉप ईरानी कमांडर, इजरायल ने ऐसे बिछाया मौत का जाल
मोसाद ने ईरान में यहां तक घुसपैठ कर ली थी कि उसके इशारे पर ईरान के टॉप कमांडर भी मीटिंग के लिए इकट्ठा हो गए। इसके बाद इजरायल ने उनपर अटैक कर दिया।
इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमला करके अपनी खुफिया एजेंसी मोसाद का एक बार फिर लोहा मनवा दिया है। इजरायल ने खुद कहा है कि इस ऑपरेशन की तैयारी कई सालों से चल रही थी। इजरायल ने इस हमले को 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' नाम दिया है। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान नमें घातक सीक्रेट नेटवर्क बना लिया था। यही नहीं मोसाद ने ऐसा जाल बिछाया कि ईरान के कमांडर भी मीटिंग के लिए एक ही जगह पर इकट्ठे हो गए। ऐसे में उनको निशाना बनाना इजरायल के लिए आसान हो गया। मोसाद के एजेंट्स सेना में भी घुसपैठ कर गए थे और वे शीर्ष अधिकारियों को भी
महीनों पहले पहुंच गए थे इजरायल के ड्रोन
इजरायल ने पहले ही प्लान बना लिया था कि इस बार का हमला बेहद घातक होगा। इजरायल ने सैन्य अधिकारियों, सैन्य ठिकानों और परमाणु ठिकानों को लक्ष्य बनाया था। इजरायली रक्षा सूत्रों के मुताबिक ईरान में पहले ही विस्फोटक ड्रोन पहुंचा दिए गए थे। ईरान में ही इजरायल ने अपना ड्रोन बेस तैयार कर लिया था इन्हें गुप्त ठिकानों पर तैनात कर दिया गया था। वहीं ईरान को इस तैयारी की कानों कान भनक नहीं लगी। मोसाद के एजेंस्ट्स ने हथियारों को केंद्रीय ईरान तक पहुंचा दिया।
तीन चरणों में हुआ हमला
इजरायल के प्लान के मुताबिक ईरान पर तीन चरणों में हमला किया गया। शुक्रवार को इजरायल ने पहले ईरान के डिफेंस और वेपनरी सिस्टम को निशाना बनाया। इसके बाद इजरायल ने ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह किया। तीसरे चरण में ईरान के सरफेस टु सरफेस मिसाइल लॉन्चर को निशाना बनाया गया। इस हमले में इजरायल ने अनमैन्ड एरियल वीइकल यानी ड्रोन का सहारा लिया।
इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर प्लांट और यूरेनियम एनरिचमेंट फैसिलिटी को भी निशाना बनाया। इजरायल की सेना ने बताया कि 100 टारगेट को हिट करने के लिए लगभग 200 एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया। नातांज में मुख्य परमाणु संशोधन केंद्र को निशाना बनाया गया। इसके अलावा इजरायल ने पश्चिमी ईरान में दर्जनों रडार इंस्टालेशन को तबाह कर दिया।
कैसे ईरानी कमांडर्स को इकट्ठा कर मार दिया गया
इजरायल के इस हमले में ईरान के रेवोलूशनरी गार्ड के हेड जनरल हुसैनी सलामी, आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी, इमर्जेंसी कमांड हेड गुलाम अली राशिद, एयरफोर्स चीफ आमिर अली हाजीजेदह की भी मौत हो गई। एक इजरायली अधिकारी ने फॉक्स न्यूज को बताया कि पहले से ही ईरानी कमांडर्स के लिए जाल बिछा दिया गया। एक मीटिंग के लिए उनको इकट्ठा करने इजरायल के प्लान का हिस्सा था। मोसाद ने सेना के टॉप अधिकारियों को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया था। मोसाद को पता चल गया था कि उनका प्लान कामयाब हो रहा है और अब वे मीटिंग के लिए इकट्ठा होंगे।
ईरान को 1980 के इराक युद्ध के बाद सबसे बड़ा जख्म मिला है। वहीं इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि संभावित खतरे को टालने के लिए इजरायल पर यह हमला किया गया है। उन्होंने कहा, अगर हम ऐसा नहीं करते तो हम ही नहीं होते। हमने इतिहास से सबक लिया है कि अगर दुश्मन कहता है कि हम तुम्हें खत्म करदेंगे तो उसपर विश्वास करिए। अगर दुश्मन आपको तबाह करने के लिए अपनी क्षमता बढ़ाता है तो उसे वहीं रोक दीजिए।
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