बंकर के अंदर ही रहो; पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में डर का माहौल, बॉर्डर पर बढ़ाए जवान
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी सरकार ने भारत से लगने वाले एलओसी बॉर्डर पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। साथ ही, सैनिकों को बंकर के अंदर से ही निगरानी करने की हिदायत दी है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत की ओर से कड़े ऐक्शन लिए गए, जिसके बाद पड़ोसी देश में हलचल मच गई। पाकिस्तान में लोगों को भारत की ओर से हमले का डर सता रहा है। इस बीच, पाकिस्तानी सरकार भी एक्टिव हो गई और भारत से लगने वाले एलओसी बॉर्डर पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। साथ ही, सैनिकों को बंकर के अंदर से ही निगरानी करने की हिदायत दी है।
सीएनएन-न्यूज 18 ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तानी सेना की 10वीं कोर, जिसका मुख्यालय रावलपिंडी में है और सियालकोट में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात जवानों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। पाकिस्तानी जवानों को बॉर्डर के पास बंकर में ही रहने के लिए कहा गया है। वहीं, भारत में भी सभी सेनाएं पूरी तरह से अलर्ट हैं। भारत ने जी-20 के देशों के राजदूतों को बुलाकर पहलगाम आतंकी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी। माना जा रहा है कि इसके जरिए पाकिस्तान की आतंकवाद को लेकर पोल खोली गई।
वहीं, केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर देश के विभिन्न राजनीतिक दलों की राय जानने के लिए गुरुवार को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई, जिसमें प्रमुख दलों के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया और आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ ही विभिन्न दलों के कई प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया।
बैठक के बाद खरगे ने कहा कि बैठक में सभी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया और सभी ने एक स्वर में इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि सभी दलों ने सरकार से जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया है। बैठक की अध्यक्षता कर रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी दलों के नेताओं को विश्वास दिया कि सरकार कश्मीर में शांति बहाली के लिए सभी जरूरी उपाय करेगी। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि सभी दलों के नेताओं ने सरकार को विश्वास दिलाया है कि वह जो भी कदम उठाएगी, विपक्षी दल उनके साथ खड़े होंगे।
इजरायल समेत कई देशों के नेताओं ने की निंदा
इस बीच, विश्व के कई प्रमुख नेताओं ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात कर या संदेश के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में लोगों के मारे जाने की घटना की कड़ी निंदा की और गहरा शोक व्यक्त किया। जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (द्वितीय) ने पीएम मोदी को फोन किया और इस भयानक आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, ''आतंकवाद को उसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में खारिज किया जाना चाहिए और इसका कोई औचित्य नहीं हो सकता।'' इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम मोदी को फोन किया और भारतीय धरती पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने भारत के लोगों और पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की। वहीं, जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने भी प्रधानमंत्री को फोन कर भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर मे हुए आतंकी हमले में लोगों की मौत पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
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