Pig head and rats sent to magazine office in indonesia government supporters suspected इस देश में मैग्जीन के कार्यालय में भेजा गया सुअर का सिर और चूहे, सरकार समर्थकों पर शक, International Hindi News - Hindustan
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इस देश में मैग्जीन के कार्यालय में भेजा गया सुअर का सिर और चूहे, सरकार समर्थकों पर शक

  • इंडोनेशिया के एक मैग्जीन के कार्यालय में सुअर का सिर और बिना सिर वाले चूहों के शरीर को डिलीवर किया गया है। मैग्जीन को सरकार का कटु आलोचक माना जाता है। ऐसे में मैग्जीन ने इस मामले की जांच की मांग की है।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानSun, 23 March 2025 12:30 PM
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इस देश में मैग्जीन के कार्यालय में भेजा गया सुअर का सिर और चूहे, सरकार समर्थकों पर शक

इंडोनेशिया में एक सरकार की आलोचना करने वाली एक मैग्जीन के कार्यालय में सुअर का कटा हुआ सिर और बिना सिर के चूहों को भेजा गया है। इसके बाद इंडोनेशिया में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने की मांग की गई है। मैग्जीन की तरफ के इस पूरे मामले की जांच करने की मांग की जा रही है। 1970 के दशक के इंडोनेशिया में प्रकाशित होने वाली साप्ताहिक पत्रिका टेम्पो के कार्यालय में यह घटना सामने आई है।

एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक टेम्पो को वर्तमान इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो की नीतियों की आलोचना करने के लिए जाना जाता है। राष्ट्रपति सुबियांटो इंडोनेशियाई सेना के एक पूर्व जनरल हैं, जिनके ऊपर कई समूहों ने पूर्व तानाशाह सुहार्तो के शासन के दौरान क्रूरता करने के आरोप लगाए थे।

शनिवार को टेम्पो के कार्यालय में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक सफाई कर्मी को एक डिब्बा मिला। इस डिब्बे को खोलकर देखने पर इसमें 6 चूहे रखे हुए थे, जिनके सिर को काट दिया गया था। पत्रिका की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि इससे पहले गुरुवार को भी एक पत्रकार के लिए कटे हुए सुअर का सिर तोहफे के तौर पर आया था, इसके कान भी कटे हुए थे।

कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स में एशिया के प्रमुख बेह लिह यी ने शनिवार को बताया कि यह डराने-धमकाने का एक खतरनाक तरीका है। इस तरह की घटनाएं जानबूझकर की जाती है। इंडोनेशिया में पत्रकारों को प्रतिशोध के डर के बिना स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित तरीके से अपना काम करने में सक्षम होना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडोनेशिया के कार्यकारी निदेशक उस्मान हामिद ने कहा कि इस मामले की जांच शुरू की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात का जोखिम है कि इंडोनेशिया में पत्रकार होना मौत की सजा जैसा होगा।

टेम्पो के प्रधान संपादक सेत्री यासरा ने कहा कि इस तरह की डिलीवरी का उद्देश्य प्रकाशन के काम को कमजोर करना है, लेकिन हम अपने मिशन के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे।

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