पुतिन के फेर में फंस गए ट्रंप? काला सागर में सीजफायर पर सहमति जताते ही थमा दी डिमांड लिस्ट
रूस ने US के साथ सऊदी वार्ता पर एक बयान प्रकाशित किया है। इसमें कई शर्तें लगाई गई हैं जो काला सागर समझौते से जुड़ी हुई हैं। इसमें कहा गया है कि यह समझौता तभी लागू होगा, जब रूसी बैंकों पर से प्रतिबंध हटाए जाएंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन से ही दुनिया भर में चल रहे युद्धों को खत्म कराने की कोशिशों में जुटे हैं। ताकि उन्हें वैश्विक शांति दूत के रूप में नई पहचान मिल सके। पिछले तीन साल से चल रहे यूक्रेन-रूस युद्ध को खत्म कराने के लिए भी उनकी टीम कड़ी मेहनत कर रही है। पहले यूक्रेन ने तीस दिनों के युद्धविराम पर सहमति जताई। बाद में रूस ने ऊर्जा और अन्य अहम ठिकानों पर हमले नहीं करने के आंशिक युद्धविराम पर अपनी सहमति दी और अब रूस और यूक्रेन ने सटे काला सागर में सीजफायर करने पर सहमति जताई है।
पिछले तीन साल से युद्धग्रस्त दोनों देशों का एक साथ एक मुद्दे पर एकमत होना ट्रंप की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। हालांकि, सऊदी अरब में इस सीजफायर पर सहमति जताते ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नया दांव चल दिया है और अमेरिकी प्रतिनिधियों के पास अपनी डिमांड की लिस्ट सौंप दी है। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी प्रतिनिधियों ने अमेरिका से कहा है कि काला सागर समझौते के प्रभावी होने से पहले अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाया जाना चाहिए।
रूस ने क्या डिमांड सौंपी?
रूसी राष्ट्रपति के दफ्तर क्रेमलिन ने अमेरिका के साथ सऊदी वार्ता पर एक बयान प्रकाशित किया है। इसमें कई शर्तें लगाई गई हैं जो काला सागर समझौते से जुड़ी हुई हैं। इसमें कहा गया है कि यह समझौता तभी लागू होगा, जब रूसी बैंकों पर से प्रतिबंध हटाए जाएंगे, जो खाद्य और उर्वरकों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में शामिल रहे हैं और वे स्विफ्ट के जरिए जुड़े रहे हैं। स्विफ्ट- एक नेटवर्क है जो बैंकों के बीच सुरक्षित वित्तीय लेनदेन को सरल बनाता है और संदेश भेजने की सुविधा देता है।
रूस की इस शर्त का मतलब है कि रूस प्रभावी और स्पष्ट रूप से कह रहा है कि काला सागर में युद्ध विराम के प्रभावी होने से पहले उसके बैंकों, खाद्य उत्पादकों और निर्यातकों, इसके साथ ही खाद्य निर्यात में शामिल बीमा कंपनियों पर से प्रतिबंध हटाए जाने चाहिए। 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला था, तब अमेरिका ने रूस पर कड़े और आर्थिक प्रतिबंध लगाते हुए ये सेवाएं रोक दी थीं।
वॉशिंगटन ने क्या दिया जवाब
इस बीच, व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका रूस के कृषि निर्यात को बहाल करने में मदद करेगा। रियाद में रूस के साथ वार्ता के बाद व्हाइट हाउस द्वारा जारी बयान में ये बात कही गई है। बयान में कहा गया है कि अमेरिका और रूस सुरक्षित नौवहन सुनिश्चित करने, बल प्रयोग को समाप्त करने और काला सागर में वाणिज्यिक जहाजों के सुचारू संचालन के लिए सैन्य हमले को रोकने पर सहमत हुए हैं। अमेरिका ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध में ऊर्जा ठिकानों पर हमले रोकने के उपाय विकसित करने पर भी सहमत हुआ है।
जेलेंस्की फिर चेता रहे
अमेरिका ने यह भी कहा कि वॉशिंगटन रूस को कृषि और उर्वरक उत्पादों के निर्यात तक पहुंच बहाल करने और बंदरगाहों तक पहुंच बढ़ाने में मदद करेगा। हालांकि, इसमें रूस पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की चर्चा स्पष्ट रूप से नहीं की गई है। उधर, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन समझौते के अपने हिस्से को पूरा करेगा लेकिन अगर रूस किए गए वादे से मुकरता है तो उस पर ना सिर्फ कड़े प्रतिबंधों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर दबाव बनाएगा बल्कि हथियारों की भी मांग करेगा।
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