ट्रंप की कूटनीति का बड़ा कमाल, काला सागर में यूक्रेन-रूस ने सीजफायर पर बनाई सहमति
- अमेरिका ने मंगलवार को ऐलान किया कि दोनों देशों ने न केवल युद्धविराम पर हामी भर दी है, बल्कि ऊर्जा संरचनाओं (एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर) पर हमले रोकने के लिए भी नए कदम उठाने को तैयार हैं।

तीन साल से ज्यादा वक्त से जारी रूस-यूक्रेन जंग के बीच आखिरकार ब्लैक सी (काला सागर) में सीजफायर की सहमति बन गई है। अमेरिका ने मंगलवार को ऐलान किया कि दोनों देशों ने न केवल युद्धविराम पर हामी भर दी है, बल्कि ऊर्जा संरचनाओं (एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर) पर हमले रोकने के लिए भी नए कदम उठाने को तैयार हैं।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बड़ा समझौता सऊदी अरब में हुई तीन दिनों की वार्ता के बाद सामने आया, जिसमें रूस और यूक्रेन के तकनीकी प्रतिनिधियों ने भाग लिया। व्हाइट हाउस के मुताबिक, इस बातचीत में व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा, समुद्री मार्गों को सुरक्षित बनाने और युद्ध में उनके सैन्य उपयोग को रोकने पर सहमति बनी।
ट्रंप की मध्यस्थता ने किया कमाल
इस समझौते के पीछे सबसे बड़ा हाथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का माना जा रहा है। ट्रंप ने हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर बात की थी और दोनों को इस 30-दिन के युद्धविराम के लिए राजी कर लिया था। हालांकि, इस सीजफायर को लागू करने और उसकी निगरानी करने के तरीके अब भी अस्पष्ट बने हुए हैं।
अमेरिका करेगा रूस की अर्थव्यवस्था को समर्थन?
रूस ने इस समझौते के बदले अमेरिका से कुछ व्यापारिक रियायतें हासिल कर ली हैं। व्हाइट हाउस के अनुसार, अमेरिका रूस को कृषि और उर्वरक (फर्टिलाइजर) निर्यात के लिए वैश्विक बाजार तक फिर से पहुंच बनाने में मदद करेगा। इसके अलावा, समुद्री बीमा लागत घटाने और वित्तीय लेन-देन की सुविधा देने पर भी चर्चा हुई है।
कैसे हुआ ये समझौता?
इस डील की रूपरेखा सऊदी अरब में हुई 12 घंटे की गुप्त बैठक में तय की गई थी। बैठक के बाद रूस के पूर्व उप-विदेश मंत्री ग्रिगोरी करासिन ने कहा कि अमेरिका-रूस की बातचीत कठिन जरूर थी, लेकिन रचनात्मक रही। उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों को भी इस वार्ता में जोड़ा जाएगा।
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