पब्लिसिटी पाने की कोशिश, हमेशा गलत बोलते हैं; फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों पर ट्रंप का तीखा हमला
ट्रंप के बयान और जी-7 से जल्दी प्रस्थान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल मचा दी है। ईरान में भय का माहौल है। तेहरान के ग्रैंड बाजार को बंद कर दिया गया है, और पेट्रोल स्टेशनों पर लंबी कतारें देखी जा रही हैं।
इजरायल और ईरान में जारी जंग के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 शिखर सम्मेलन को बीच में ही छोड़कर कनाडा से अमेरिका के लिए रवाना हो गए। हालांकि उन्होंने साफ कहा है कि इस फैसले का इजरायल और ईरान के बीच किसी संभावित सीजफायर प्रयास से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि कारण इससे कहीं "बड़ा" है। ट्रंप ने मंगलवार तड़के एक पोस्ट में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, "पब्लिसिटी पाने की कोशिश में लगे राष्ट्रपति मैक्रों ने गलत तरीके से कहा कि मैं G-7 समिट से वॉशिंगटन इसलिए लौट रहा हूं क्योंकि मुझे इजरायल और ईरान के बीच ‘सीजफायर’ पर काम करना है। यह गलत है!"
ट्रंप ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, "उन्हें बिल्कुल अंदाजा नहीं है कि मैं वॉशिंगटन क्यों जा रहा हूं, लेकिन यह सीजफायर से कहीं ज्यादा बड़ा मामला है। जानबूझकर हो या गलती से, मैक्रों हमेशा गलत ही बोलते हैं। बने रहिए!" हालांकि ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह आखिर किन "बड़े" मामलों पर काम करने के लिए लौट रहे हैं।
हालांकि ट्रंप के तेवरों से लगता है कि उनके इरादे फिलहाल किसी समझौते या शांति वार्ता की दिशा में नहीं हैं, बल्कि वह किसी और बड़ी रणनीतिक योजना पर काम कर रहे हैं। स्थिति लगातार बदल रही है और ट्रंप के "Stay Tuned" संदेश से संकेत मिल रहा है कि आने वाले समय में अमेरिका की भूमिका को लेकर कोई बड़ा ऐलान हो सकता है।
क्या बोले थे फ्रांस के राष्ट्रपति?
जी-7 शिखर सम्मेलन कनाडा के कनानास्किस में 15 से 17 जून तक आयोजित हो रहा है, जिसमें ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका के नेता शामिल हुए। सोमवार को मैक्रों ने संवाददाताओं से कहा कि ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम के लिए एक "प्रस्ताव" दिया है। उन्होंने इसे सकारात्मक कदम बताते हुए कहा, "यदि अमेरिका युद्धविराम हासिल कर सकता है, तो यह बहुत अच्छी बात है।" हालांकि, ट्रंप ने मैक्रों के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने भी एक्स पर पोस्ट किया कि ट्रंप "मध्य पूर्व में हो रहे घटनाक्रमों" के कारण जल्दी लौट रहे हैं, लेकिन उन्होंने युद्धविराम की बात को स्पष्ट रूप से नकारा।
मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। शुक्रवार को इजरायल ने ईरान पर हवाई हमले शुरू किए, जिसके जवाब में ईरान ने तेल अवीव और हाइफा जैसे इजरायली शहरों पर मिसाइल हमले किए। ईरानी अधिकारियों ने 220 से अधिक नागरिकों की मौत की सूचना दी, जबकि इजरायल ने 24 नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की। ट्रंप ने सोमवार शाम को ट्रुथ सोशल पर एक और चौंकाने वाला बयान दिया, जिसमें उन्होंने तेहरान के निवासियों से "तुरंत शहर खाली करने" की चेतावनी दी। हालांकि, उन्होंने इस चेतावनी के पीछे कोई ठोस कारण नहीं बताया।
शिखर सम्मेलन में ट्रंप ने चेतावनी दी कि इससे पहले कि ‘‘बहुत देर हो जाए’’ ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगानी चाहिए। ट्रंप ने कहा कि ईरानी नेता ‘‘बातचीत करना चाहते होंगे’’ लेकिन उनके पास अपने परमाणु कार्यक्रमों को लेकर सहमति बनाने के लिए 60 दिन थे और फिर भी इजराइली हवाई हमले शुरू होने से पहले वे ऐसा करने में विफल रहे। अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ उन्हें समझौता करना होगा।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका इस संघर्ष में सैन्य रूप से शामिल होगा ट्रंप ने कहा, ‘‘ मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता।’’
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