What is 8 decade old Pearl Harbor case, why Ukraine Operation Spiderweb on Russia being compared with US Connection क्या है 8 दशक पुराना पर्ल हार्बर केस, रूस पर यूक्रेनी ऑपरेशन स्पाइडरवेब से क्यों हो रही तुलना; ट्रंप भी मौन, International Hindi News - Hindustan
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क्या है 8 दशक पुराना पर्ल हार्बर केस, रूस पर यूक्रेनी ऑपरेशन स्पाइडरवेब से क्यों हो रही तुलना; ट्रंप भी मौन

ऑपरेशन स्पाइडरवेब के जवाब में रूस ने भी रविवार को ड्रोन की संख्या के लिहाज से यूक्रेन पर सबसे बड़ा हमला किया। यूक्रेन की वायुसेना ने बताया कि देश पर रूस ने 472 ड्रोन से हमले किए।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 3 June 2025 03:08 PM
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क्या है 8 दशक पुराना पर्ल हार्बर केस, रूस पर यूक्रेनी ऑपरेशन स्पाइडरवेब से क्यों हो रही तुलना; ट्रंप भी मौन

पिछले सवा तीन साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में पहली बार यूक्रेन ने रूस पर ऐसा घातक हमला किया है कि उसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। रविवार (01 जून) को यूक्रेन ने रूस पर ऑपरेशन स्पाइडरवेब लॉन्च किया और शुरुआती घंटों में ही सुदूरवर्ती साइबेरियाई इलाके में पांच रूसी एयरबेस को निशाना बनाया। इस हमले में यूक्रेन ने वहां खड़े 40 रूसी सैन्य विमानों को तबाह कर दिया है, जिसमें A-50, Tu-95 और Tu-22M3 जैसे बमवर्षक विमान सामिल हैं। एक साथ इतने बड़े पैमाने पर जंगी जहाजों को नुकसान पहुंचना रूस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

रक्षा विषेषज्ञों का अनुमान है कि यूक्रेन के ऑपरेशन स्पाइडरवेब से रूस को करीब 7 अरब डॉलर का भारी नुकसान उठाना पड़ा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की इस हमले की तैयारी पिछले 18 महीने से कर रहे थे। इस हमले में यूक्रेन ने 117 ड्रोन्स का इस्तेमाल किया था। इस हमले को रक्षा विश्लेषक रूस का पर्ल हार्बर करार दे रहे हैं, जिसमें रूस के हवाई मिसाइल वाहक बेड़े का लगभग एक तिहाई हिस्सा नष्ट हो गया है।

क्या है पर्ल हार्बर केस और उससे तुलना क्यों?

जब यूक्रेन द्वारा रूस पर किए गए इस हमले का पूरा विवरण सामने आया, तो लोगों ने सोशल मीडिया पर इसकी तुलना 7 दिसंबर 1941 में हवाई द्वीप के पर्ल हार्बर पर जापान के आश्चर्यजनक हवाई हमले से करना शुरू कर दिया। दरअसल, द्वितीय विश्व युद्ध में जापान ने हवाई द्वीप के ओहू द्वीप पर स्थित पर्ल हार्बर के अमेरिकी नौसैनिक सैनिक अड्डे पर अचानक आश्चर्यजनक रूप से हमला बोल दिया था, जिसमें अमेरिकी सेना को भारी नुकसान हुआ था। इस हमले में 2403 यूएस सैनिकों की मौत हो गई थी। यह हमला इतना हंभीर था कि अब तक द्वितीय विश्व युद्ध से बाहर रहा अमेरिका उसमें कूद पड़ा था।

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वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार मैक्स बूट ने लिखा कि तब किसी ने भी नहीं सोचा था कि जापानी सेना एक महासागर को पार करके एक पर्ल हार्बर जैसे एक 'अभेद्य किले' पर हमला कर सकते हैं, जैसा कि अमेरिकी रणनीतिकारों ने हवाई द्वीप का तब वर्णन किया था। फिर भी उन्होंने वह कर दिखाया था। ठीक उसी तरह यूक्रेन ने भी करीब 5000 किलोमीटर अंदर घुसकर रूस के अंदर रूसी एयरबेस पर खड़े सैन्य विमानों को तबाह कर दिया है।

युद्ध के नए नियम कैसे गढ़े गए?

बूट ने लिखा है कि सिर्फ एक घंटे से भी कम समय में, छह विमानवाहक युद्धपोतों से लॉन्च किए गए जापानी सैन्य विमानों ने 180 से अधिक अमेरिकी विमानों को नष्ट कर दिया था और एक दर्जन से अधिक पोतों को नष्ट या क्षतिग्रस्त कर दिया था। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया है कि "जैसे जापान ने 1941 में युद्ध नियमों को नए सिरे से लिखा था, ठीक उसी तरह इस बार यूक्रेनियों ने रविवार के हमले से युद्ध के नए नियमों को लिखा है।"

उन्होंने आगे लिखा, "रूसी हाई कमान को भी उतना ही झटका लगा होगा, जितना 1941 में अमेरिकियों को लगा था।" हालांकि, सोशल मीडिया पर ही कुछ लोगों ने इस तुलना को खारिज किया है और तर्क दिया है कि नुकसान वास्तव में यूक्रेन द्वारा बताए गए नुकसान से कहीं कम है। दूसरी तरफ, इस हमले पर ना तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और न ही रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी की है।

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