क्यों भारत समेत दुनिया को मिली 90 दिन की मोहलत, पर चीन से होगी 125% वाली टैरिफ वसूली
- डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का कहना है कि करीब 75 देशों ने अमेरिका के साथ व्यापारिक असंतुलन को दूर करने की बात कही है और समझौते की मेज पर आए हैं। इसलिए उन्हें मोहलत दी जाती है। लेकिन चीन के साथ ऐसा नहीं किया जा रहा क्योंकि वह तो बदले की कार्रवाई करने ही धमकी दे रहा है और ऐसे कदम भी उठाए हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगाए 26 फीसदी टैरिफ को 90 दिनों यानी अगले तीन महीनों के लिए टाल दिया है। इसके साथ ही उन्होंने चीन को छोड़कर दुनिया भर के अन्य देशों को भी यह मोहलत दी है। चीन पर तो डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ में और इजाफा करते हुए 125 पर्सेंट कर दिया है, जो पहले 104 फीसदी ही था। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि चीन ने दुनिया के साथ काराबोरी रिश्तों का सम्मान नहीं किया। इसकी बजाय उसने उलटे ऐक्शन लेने की धमकी दी। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का कहना है कि करीब 75 देशों ने अमेरिका के साथ व्यापारिक असंतुलन को दूर करने की बात कही है और समझौते की मेज पर आए हैं। इसलिए उन्हें मोहलत दी जाती है। लेकिन चीन के साथ ऐसा नहीं किया जा रहा क्योंकि वह तो बदले की कार्रवाई करने ही धमकी दे रहा है और ऐसे कदम भी उठाए हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को लेकर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर लिखा, 'चीन ने वैश्विक बाजारों के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाया है। ऐसे में मैं उस पर लगाए टैरिफ को 125 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला तत्काल प्रभाव से लेता हूं। मुझे लगता है कि कुछ समय बाद चीन को यह अहसास होगा कि अमेरिका या फिर अन्य देशों के व्यापारिक हितों को नजरअंदाज करने के दिन अब लद गए।' इसके आगे उन्होंने लिखा कि चीन डील तो चाहता है, लेकिन उसे पता नहीं है कि यह कैसे होगा। उन्होंने कहा कि शी जिनपिंग एक प्राउड शख्स हैं। लेकिन उन्हें यह पता नहीं है कि डील पर कैसे आगे बढ़ना है।' अब आते हैं इस बात पर कि आखिर चीन ने भारत समेत दुनिया भर के देशों को टैरिफ में 90 दिनों वाली मोहलत क्यों दी है।
जानकार मानते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप के रिपब्लिकन साथी और कई कारोबारी लगातार अपील कर रहे थे कि टैरिफ को रोक लिया जाए। इन लोगों का कहना था कि एक साथ सभी देशों पर टैरिफ लगाने से ट्रेड वार शुरू हो सकता है। इससे वैश्विक बाजारों में गिरावट का दौर शुरू होगा। यही नहीं वैश्विक मंदी की आशंका भी जाहिर की गई थी। माना जा रहा है कि इन्हीं चिंताओं के चलते ट्रंप ने भारत, कनाडा और ब्राजील जैसे देशों को 90 दिनों की मोहलत दी है। भारतीय सूत्रों का तो कहना है कि बैकचैनल से अमेरिका के साथ ट्रेड डील पर वार्ता भी चल रही है और इस साल के अंत तक उस पर मुहर भी लग सकती है।
टैरिफ अटैक के फैसले से डोनाल्ड ट्रंप पीछे हटे तो उसका असर भी तुरंत दिखाई दिया। अमेरिकी बाजारों में इस फैसले से तेजी आने लगी है। इसके अलावा कई अन्य देशों में भी असर दिखा है। डाउ इंडेक्स में 2500 पॉइंट्स का उछाल आया है तो वहीं एस एंड पी में भी 6 फीसदी की ग्रोथ देखी गई है। तेल की कीमतों में भी 4 पर्सेंट का इजाफा हुआ है और डॉलर भी पहले से और मजबूत हो गया है। साफ है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने साथियों की बात को माना तो उन्हें लाभ भी दिखा, लेकिन चीन को लेकर उनका रुख अडिग तो है ही और सख्त भी हो गया है।
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