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100 से अधिक किडनी मरीजों की जान खतरे में

100 से अधिक किडनी मरीजों की जान खतरे में, अस्पताल मुफ्त में डायलिसिस करने से किया इंकार100 से अधिक किडनी मरीजों की जान खतरे में, अस्पताल मुफ्त में डाय

Newswrap हिन्दुस्तान, बोकारोTue, 3 June 2025 03:12 AM
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100 से अधिक किडनी मरीजों की जान खतरे में

बोकारो, कृष्णा चौधरी। आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पतलों में डायलिसिस कराने वाले किडनी मरीजों की जान खतरे में पड़ गई है। डेढ़ साल से बकाया राशि नहीं मिलने से अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों का डायलिसिस करने से हाथ उठा दिया है। किसी मरीज की सांस फूल रही है तो किसी का पैर व चेहरा फूला है। इसी स्थिति में अपनी जान बचाने के लिए सोमवार को सिविल सर्जन के यहां गुहार लगा पहुंच गये। कुछ मरीज डायलिसिस के सहारे पांच छह साल से जिंदा है। किसी का सप्ताह में तीन बार तो किसी का एक से दो बार डायलिसिस होता है।

एक दिन भी डायलिसिस बंद हो गया तो मौत हो सकती है। बावजूद इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। मरीजों का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त में डायलिसिस होना बंद हो गया तो हमलोग मर जाएंगे। अस्पताल प्रबंधन द्वारा डायलिसिस बंद किया जाने से इनकी परेशानी बढ़ गई है। ये इतने सक्षम नहीं है कि 3000 रूपये देकर डायलिसिस करावा सके। इस बावत सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद का कहना है कि सोमवार दोपहर काफी संख्या में डायलिसिस मरीज आएं थे। एनएचएम के एमडी से बात हुई है। अस्पताल प्रबंधन को आश्वास किया गया है कि इस दिशा में पहल किया जाएगा। डायलिसिस करना जारी रखें। 110 मरीज करवाते हैं डायलिसिस : जानकारी के मुताबिक बोकारो में आयुष्मान योजना के तहत तीन अस्पताल वृति डायलिसिस एलएलपी अस्पताल, जैन हॉस्पिटल व मां शारदा इंरॉल्ड है। तीन अस्पताल में 110 से अधिक मरीज मुफ्त में डायलिसिस करवाते हैं। वृति अस्पताल के अवनीन्द्र कुमार उर्फ रवि का कहना है कि हम किडनी मरीजों का डायलिसिस करने में सक्षम नहीं है। डेढ साल से पैसा बकाया है। हमारे उपर पूरा कर्ज हो गया है। सीएस आठ माह पहले भी आश्वासन दिए थे, अभी तक कुछ नहीं हुआ। जीते जी मर जाएंगे : मो अजहर ने दर्द बया करते हुए कहा कि आयुष्मान से डायलिसिस नहीं होगा तो जीजे जी मेरे भैया मर जाएंगे। पैसे देकर कितना करवाएंगे। अशरफ अली प्राइवेट में काम करते थे। करीब डेढ़ साल से इनका डायलिसिस वृति में अस्पताल में हो रहा था। सरकार से पैसा नहीं मिलने के कारण अस्पताल डायलिसिस करने से इनकार कर दिया। मरीज प्रियंका देवी(38) ने बताया कि पांच साल से मेरा वृति अस्पताल में डायलिसिस हो रहा है। मेरे पति पान गुमटी चलाते हैं। कर्ज लेकर कितना डायलिसिस कराएंगे। सांस फूल रहा है, पूरा शरीर और चेहरा फूल गया है। बीते बुधवार को डायलिसिस हुआ था। ललन सिंह ने बताया कि जैन हॉस्पिटल प्रबंधन का कहना है कि डायलिसिस करवाना है तो नगद करवाए। डेढ़ साल से हम लोग का पेमेंट बकाया है कैसे करेंगे। मंत्री से मिलने पहुंचे ये मरीज: स्वास्थ्य मंत्री से मिलने के लिए डायलिसिस मरीजों ने बोकारो परिसदन के बाहर 12 बजे से लेकर तीन बजे तक इंतजार किया। अंत में सभी सिविल सर्जन से जाकर मिले। मंत्री से मिलने के लिए नूरजहां बेगम, गौरी देवी चंद्रा, जयराम महतो, मो लुकमान अंसारी, सुमित कुमार, दीपक मंडल, रामचंद्र दास, नेहा परवीन, रामकुमार वर्णवाल, अजय कुमार, सिमरन परवीन, शंकर ठाकुर, शरफू अंसारी, ओमप्रकाश प्रसाद सहित करीब 30 मरीज आए थे।

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