पांच पेट्रोल पंप से 102 डीजी बैट्री चोरी में टेक्नीशियन समेत चार गिरफ्तार
पांच पेट्रोल पंप से 102 डीजी बैट्री चोरी में टेक्नीशियन समेत चार गिरफ्तारपांच पेट्रोल पंप से 102 डीजी बैट्री चोरी में टेक्नीशियन समेत चार गिरफ्तारपांच

बोकारो। हेडक्वार्टर डीएसपी अनिमेष गुप्ता के निर्देशन में इंस्पेक्टर नवीन कुमार सिंह की एसआईटी ने जिले में संचालित आईओसीएल पेट्रोल पंप से लगातार बैट्री चोरी के मामले का उद्भेदन कर दिया है। एसआईटी ने इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप से बैट्री चोरी में शामिल चार आरोपियों को चोरी गए बैट्री चोरी में प्रयुक्त कार औजार मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया है, जिन्हें उनके स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर कोर्ट में प्रस्तुत कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। जेल गए आरोपियों में इंजीनियर उर्फ सागर कुमार, रौशन कुमार वर्मा, मुकुल कुमार, अनुराग कुमार शामिल है। बुधवार को बालीडीह थाने में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में हेडक्वार्टर डीएसपी अनिमेष गुप्ता ने बालीडीह इंस्पेक्टर नवीन कुमार सिंह के साथ उक्त जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गिरोह के सभी सदस्य चास थाना क्षेत्र के यदुवंश नगर के रहने वाले है, जो बालीडीह थाना क्षेत्र के एक व जरीडीह, चास मु0 थाना क्षेत्र के दो-दो पेट्रोल पंप से चोरी की घटना में शामिल थे। पांचों पंप से गिरोह ने 102 डीजी बैट्री का चोरी किया था। बैट्री सॉल्यूशन कंपनी का टेक्नीशियन डीएसपी ने बताया कि इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंप व सीएनजी ऑपरेटर करने के लिए अधिकृत कैटरेक्ट कंपनी डीजी बैट्री इंस्टॉल कर मेंटेनेंस भी करती है। आरोपी इंजीनियर उर्फ सागर उसी बैट्री सॉल्यूशन कंपनी का टेक्नीशियन है, जो गिरोह का मास्टरमाइंड है। मेंटेनेंस के लिए उसका पेट्रोल पंप में आना जाना आम बात था। इसी क्रम में वो इंडियन ऑयल के वैसे पंप को टारगेट करता था, जहां सीसीटीवी कैमरा खराब हो गया हो। उसे पंप के समय व मौजूद कर्मियों की संख्या का भी इल्म होता था। कई दिनों के रेकी के बाद रणनीति बनाकर चोरी की घटना को अंजाम देता था। कोलकाता भेजते थे चोरी की बैट्री पुलिस गिरफ्त में आए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि पेट्रोल पंप से चोरी के बाद बैट्री को चास में डंप करते थे। कोलकाता से कुछ लोग आकर कीमत चुकाने के बाद बैट्री ले जाते थे। पंप से चोरी की गई एक बैटरी की कीमत आठ हजार से 14 हजार रुपए के बीच है, परंतु चोर गिरोह के सदस्य पश्चिम बंगाल के कोलकाता से आए व्यापारियों को एक से दो हजार रुपए में चोरी किए गए बैटरी को बेच देते थे। एसआईटी ने आईओसीएल के अधिकृत बैट्री सॉल्यूशन कंपनी को घटना की जानकारी दी है। साथ ही पूछताछ में मिले जानकारी के आधार पर कोलकाता में बैठे आरोपियों को गिरफ्त में लेने की रणनीति पर काम कर रही है।
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