मृतका का शव अराजू गांव स्थित ससुराल पहुचने पर परिजनों का रो-रोकर हुआ बुरा हाल
पेटरवार फोटो 01 मृतका का फाइल फोटो फॉलोअप पेटरवार, प्रतिनिधि। सड़क दुर्घटना में

पेटरवार, प्रतिनिधि। सड़क दुर्घटना में मृत हुई पूनम देवी का शव जैसे ही उसके ससुराल अराजू पहुंचा वैसे ही परिजन चीत्कार कर उठे जिसके चलते गांव में मात्तमी सन्नाटा पसर गया। पत्नी की मौत होने की सूचना पाकर गोवा में कार्य कर रहे उसका पति गुड्डू साव बुधवार को अपने घर पहुंचा। घर मे पत्नी की शव को देखते ही वह फफक- फफक कर रोने लगा जिसके चलते माहौल काफी गमगीन हो गया। मौके पर मौजूद लोगों ने उसे ढांढस बंधाया। मृतका का अंतिम संस्कार गांव के निकट स्थित गवाई नदी के तट पर बुधवार को 3:30 बजे कर दिया गया।
क्या था मामला: बताया जाता है कि रामगढ़ जिले के करमा गांव निवासी रामचंद्र साव अपनी बेटी पूनम देवी (27 वर्ष), नाती विजय साव(6 वर्ष) व अजय साव (5 वर्ष) को एक बाइक में बैठाकर अपनी पुत्री पूनम देवी के ससुराल जरीडीह थाना क्षेत्र के अराजू गांव छोड़ने मंगलवार को जा रहे थे कि जिले के कसमार थाना क्षेत्र के बेमरो टांड स्थित भगत बोहवा नाला के पास विपरीत दिशा से आ रही एक अज्ञात बाइक चालक ने बाइक में जोरदार टक्कर मार दी थी जिसके कारण बाइक पर सवार पूनम देवी, विजय साव, अजय साव और पूनम देवी के पिता रामचंद्र साव(55 वर्ष) घायल हो गए थे। इस घटना में पूनम देवी के सिर के पिछले हिस्से में गंभीर चोट लगी थी जबकि इसके दोनों पुत्रों को शरीर के विभिन्न हिस्सों में चोट लगी थी। 108 एम्बुलेंस ने नही दिया रिस्पॉन्स: इस घटना में गंभीर रूप से घायल पूनम देवी को सी एच सी पेटरवार के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राहुल प्रियदर्शी ने प्राथमिक चिकित्सा के उपरांत सदर अस्पताल रेफर कर दिए जाने के बाद उसके परिजनों ने 108 निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा को फोन करते रहे लेकिन 108 निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा ने कोई रिस्पॉन्स नही दी। परिजनों ने थक हार कर एक निजी वाहन से गंभीर रूप से घायल पूनम देवी को सदर अस्पताल बोकारो ले गए थे। गंभीर रूप से घायल महिला को जब निजी वाहन से बोकारो ले जाया गया तब 10:15 बजे एक बीमार 108 एम्बुलेंस आया लेकिन उक्त एम्बुलेंस का टायर पंचर था और बैटरी की कमी के कारण एम्बुलेंस स्टार्ट नही हो पा रहा था। ऑक्सीजन मिलने से बच सकती थी जान: अराजू के लोगों ने इस घटना पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि इस घटना में गंभीर रूप से घायल पूनम देवी को सदर अस्पताल जाने के लिए ऑक्सीजन रहित 108 एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध होती तो संभवतः उसकी जान बच सकती थी। ऑक्सीजन रहित एम्बुलेंस नही मिलने के कारण परिजन उसे एक निजी कार से सदर अस्पताल बोकारो ले गए थे। पति गोवा में करते है मजदूरी: अपने परिवार का भरण पोषण के लिए मृतका का पति गुड्डू साव गोवा में तिहाडी मजदूरी का काम करते है जिससे उसका परिवार का भरण पोषण होता है। अभी हाल ही में वह काम करने के लिए गोवा गया था लेकिन उसे क्या पत्ता था कि हमारी पत्नी हमसे हमेशा- हमेशा के लिए रुठ जाएगी। बच्चों के सिर से उठा मां की ममता: पूनम देवी की मौत के बाद उसके दो बच्चों के सिर से मां की ममता उठ गई जिसके कारण दोनों नाबालिग बच्चे असहाय हो गए। अपने मां की शव को देखकर दोनों नाबालिग बच्चों का रो- रोकर बुरा हाल हो गया था जिसके कारण गांव का माहौल काफी गमगीन हो गया था।
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