बच्चों की बेसिक शिक्षा पर जोर
चाईबासा में कोल्हान नितिर तुरतुंग की वार्षिक बैठक हुई। मुख्य अतिथि कमलेश्वर तिरिया ने संगठन की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। 2024-25 में 500 युवाओं को मार्गदर्शन देने की बात कही गई।...

चाईबासा, संवाददाता। शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार और प्रशिक्षण के क्षेत्र में आदिवासी एवं जरूरतमंद युवाओं को नि:शुल्क मार्गदर्शन देने वाली सामाजिक संस्था कोल्हान नितिर तुरतुंग की पांचवीं वार्षिक आम बैठक चाईबासा स्थित एक रेस्टोरेंट में हुई। बैठक में मुख्य अतिथि रेल मंत्रालय नई दिल्ली के वित्त बजट निदेशक कमलेश्वर तिरिया मौजूद थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य विगत वर्ष के कार्यों की समीक्षा, संगठन की भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श और संगठन को और अधिक सशक्त एवं प्रभावशाली बनाना रहा। इस अवसर पर संस्था के तीनों केंद्रों कुचाई, चक्रधरपुर, और चाईबासा से जुड़े पदाधिकारी और सदस्य सक्रिय रूप से उपस्थित थे। केंद्रीय अध्यक्ष माझीराम जामुदा ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान संस्था द्वारा 500 से अधिक युवाओं को शिक्षा, प्रशिक्षण एवं करियर मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
उन्होंने संगठन की उपलब्धियों, चुनौतियों और आगामी रणनीतियों पर प्रकाश डालते हुए सामाजिक, सांस्कृतिक और सामुदायिक विकास को संगठन की प्राथमिकता बताया। महासचिव प्रेम सिंह डांगिल ने शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे विभिन्न संगठनों के एकता, सहभागिता और आंतरिक समन्वय को सुदृढ़ करने पर बल दिया। उन्होंने गांव गांव लीडरशिप के लिए सदस्यों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ाने के साथ पुस्तकालय, अध्ययन केंद्र व प्रशिक्षण को प्रभावशाली बनाने को नवाचार एवं मनोवैज्ञानिक आधारित सुझाव प्रस्तुत किए। मुख्य अतिथि ने संस्था को युवाओं के लिए नियमित कार्य करने का सुधाव दिया। संरक्षक ज्ञान सिंह दोराईबुरु ने संगठन की वित्तीय मजबूती पर केंद्रित चर्चा की। उन्होंने संगठन के दीर्घकालिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए फंड संग्रहण के नए विकल्पों एवं संसाधनों के प्रभावी उपयोग पर बल दिया। प्रधान बिरूवा सर ( आयुब स्कूल, निदेशक)ने युवाओं ने बेसिक शिक्षा पर जोर देने की बात कही। तीनों केंद्रों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। इन रिपोर्टों में समुदाय आधारित कार्यक्रमों, युवाओं के लिए आयोजित प्रशिक्षण सत्रों, एवं स्थानीय स्तर पर की गई पहलों का उल्लेख किया गया। प्रत्येक केंद्र ने भविष्य की चुनौतियों और योजनाओं पर भी खुलकर विचार साझा किए। बैठक में झारखंड प्राशासनिक अधिकारी प्रवीण गगराई, कुचाई के बीडीओ साधु चरण देवगम साथ ही संस्था के प्रमुख पदाधिकारियों का योगदान सराहनीय रहा। प्रमुख उपस्थितजनों माझीराम जामुदा, प्रेम सिंह डांगिल, ज्ञान सिंह दोराईबुरु, ललिता सुंडी, जयसिंह कुंटिया, जगदीश बिरूली, शैलेन्द्र सुंडी, रघुनंदन बिरूवा, रामचंद्र सोय, गोपाल कृष्ण सोय,प्रधान बिरूवा,नरेंद्र कुदादा, सहित तीनों केंद्रों के पदाधिकारी प्रमुख रूप से शामिल थे।
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