Despite Ban Single-Use Plastic Thrives in Chatra Environmental Concerns Rise चतरा में धड़ल्ले से हो रहा है पॉलीथिन का इस्तेमाल, नहीं है कोई रोक-टोक, Chatra Hindi News - Hindustan
Hindi NewsJharkhand NewsChatra NewsDespite Ban Single-Use Plastic Thrives in Chatra Environmental Concerns Rise

चतरा में धड़ल्ले से हो रहा है पॉलीथिन का इस्तेमाल, नहीं है कोई रोक-टोक

राज्य सरकार द्वारा जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बावजूद चतरा में इसका उपयोग जारी है। दुकानदार हर दिन 100-200 पॉलीथिन थैलियां इस्तेमाल कर रहे हैं। ग्राहक विकल्प महंगे मानते हैं और...

Newswrap हिन्दुस्तान, चतराThu, 5 June 2025 05:28 AM
share Share
Follow Us on
चतरा में धड़ल्ले से हो रहा है पॉलीथिन का इस्तेमाल, नहीं है कोई रोक-टोक

चतरा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022 की जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद चतरा में धड़ल्ले से पॉलीथिन का इस्तेमाल जारी है। पर्यावरण दिवस 2025 की थीम भले ही "प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करना" हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है। चतरा, हंटरगंज, टंडवा, इटखोरी और सिमरिया की प्रमुख सब्जी व फल मंडियों का जायजा लेने पर सामने आया कि दुकानदार अब भी ग्राहकों को पतली पॉलीथिन थैलियों में सामान दे रहे हैं। औसतन एक दुकानदार प्रतिदिन 100 से 200 थैलियां इस्तेमाल कर रहा है। दुकानदारों का कहना है कि विकल्प महंगे हैं और ग्राहक थैला लेकर नहीं आते।

यदि कपड़े या जूट के थैले में सामान देने की बात की जाए तो ग्राहक नाराज़ होकर दूसरी दुकान की ओर रुख कर लेते हैं। पड़ताल में पाया गया कि 10 में से केवल 2 ग्राहक ही खुद का थैला लाते हैं। अधिकतर लोगों को यह जानकारी भी नहीं है कि सिंगल यूज पॉलीथिन पर प्रतिबंध लागू है। पूछताछ में पता चला कि ये पॉलीथिन झारखंड की सीमा से लगे बिहार और उत्तर प्रदेश के इलाकों से चोरी-छिपे लाकर मंडियों में बांटी जा रही है। बड़ी थैलियों में भरकर ये सामान देर रात मंडियों में पहुंचता है। कार्रवाई कितनों पर हुई? नगर निकाय और जिला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 12 महीनों में केवल 18 दुकानदारों पर जुर्माना लगाया गया। यह संख्या वास्तविकता के मुकाबले बेहद कम है। क्या प्रशासन कहता है? नगर परिषद के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "कई बार रेड की तैयारी होती है, लेकिन सूचना पहले ही लीक हो जाती है। दुकानदार स्टॉक छुपा देते हैं। क्या हैं विकल्प? सिंगल यूज प्लास्टिक के बदले में कपड़े, जूट, कागज और बायोडिग्रेडेबल बैग्स को बढ़ावा देने की बात की जाती रही है। लेकिन दुकानदारों के अनुसार: कपड़े के थैले: 10-15 रुपये प्रति पीस पड़ते हैं। कागज के थैले: कमज़ोर और नमी में खराब। बायोडिग्रेडेबल थैले: महंगे और स्थानीय बाज़ार में उपलब्ध नहीं है पॉलीथिन से बीमार हो रहे पशु पशु चिकित्सकों के अनुसार, चतरा जिले के अस्पतालों में हर महीने 5-7 गायें ऐसी लायी जा रही हैं जिनके पेट में पॉलीथिन के गुच्छे पाए जाते हैं। पशु चिकित्सक ने कहा पशु चिकित्सक डॉ. जमालउद्दीन ने कहा कि कई बार पशुओं का ऑपरेशन करना पड़ता है। पॉलीथिन पेट में जाकर पाचन तंत्र को जाम कर देती है जिससे पशु की जान तक चली जाती है।" पशुपालक जागरूक नहीं हैं और पॉलीथिन में लिपटा भोजन सड़कों पर फेंक देते हैं, जिसे जानवर निगल लेते हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।