गैंगरेप में बयानों से पलटी पीड़िता, बोली पुलिस के दबाव में दिए थे
Agra News - एक अपहरण और गैंगरेप मामले में पीड़िता अपने पूर्व बयानों से मुकर गई है। उसने कहा कि पुलिस के दबाव में उसने गलत बयान दिए थे। अदालत ने आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया और वादी के खिलाफ विधिक...

अपहरण, गैंगरेप, एससी-एसटी एवं पॉक्सो ऐक्ट के मामले में पीड़िता पूर्व बयानों से पलट गई। उसने कहा कि पूर्व बयान उसने पुलिस के दबाव में दिए थे। आरोपियों ने उसके साथ कोई गलत काम नहीं किया। अदालत ने गवाही से मुकरने पर वादी के विरुद्ध विधिक कार्रवाई के आदेश दिए। साथ ही कोर्ट ने आरोपित दुर्गेश एवं धर्मेंद्र उर्फ धर्मवीर निवासी कागारौल को साक्ष्य के अभाव में बरी करने के आदेश दिए। आरोपियों की ओर से अधिवक्ता विनय गौड़ एवं सचिन कुमार बघेल ने तर्क प्रस्तुत किए कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा है। वादी ने थाना शाहगंज में 30 अप्रैल 2019 को अपनी 15 वर्षीया पुत्री के अपहरण के आरोप में आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।
दो मई को पीड़िता की बरामदगी के बाद पुलिस ने पीड़िता के चिकित्सीय परीक्षण एवं मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराए बयान के आधार पर अपहरण के साथ सामूहिक दुराचार, एससी-एसटी ऐक्ट एवं पॉक्सो ऐक्ट की धारा में मुकदमा तरमीम किया था। पीड़िता ने पुलिस एवं मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयानों में कथन किया कि घटना वाले दिन आरोपित ने उसकी गर्दन पर चाकू रखकर गाड़ी में बैठा लिया। इसके बाद उसके मुंह पर रुमाल रखकर बेहोश कर दिया। सुनसान जगह पर ले जाकर घटना को अंजाम दिया। वादी एवं अन्य गवाह भी पूर्व कथन से मुकर गए।
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