देहरादून से पकड़े हत्यारोपी का खालिस्तानी आतंकी पन्नू से लिंक, दिल्ली पुलिस को फोन में क्या-क्या मिला
दिल्ली पुलिस द्वारा देहरादून के रायपुर इलाके से गिरफ्तार हत्या के आरोपी गुरदास सिंह का खालिस्तानी लिंक सामने आया है। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि गुरदास सिंह के माेबाइल फोन की जांच से पता चला है कि उसका खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू से कनेक्शन है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा देहरादून के रायपुर इलाके से गिरफ्तार हत्या के आरोपी गुरदास सिंह का खालिस्तानी लिंक सामने आया है। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि गुरदास सिंह के माेबाइल फोन की जांच के दौरान पता चला है कि उसका खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू से कनेक्शन है। उसके फोन में कई आपत्तिजनक चीजें भी मिली हैं। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि इस मामले की जांच और दूसरी खुफिया एजेंसियों के साथ तालमेल कर मामले का खुलासा करने के लिए गुरदास सिंह की पुलिस रिमांड जरूरी है।
कोर्ट ने पुलिस की अपील को मंजूर करते हुए उसे चार दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है। वकील दीपक ने बताया कि शुरुआती जांच में गुरदास के फोन को जब्त कर उसकी जांच की तो उसका एंटी नेशनल और चरमपंथी संगठनों से लिंक सामने आया। उसके फोन में खालिस्तानी आतंकी पन्नू के कई वीडियो मिले हैं, जिनमें वह भड़काऊ भाषण देते हुए नजर आ रहा है। यहीं नहीं गुरदास के फोन में खालिस्तानी भिंडरावाले से संबंधित सामग्री भी मिली है।
हत्या के मामले में वांटेड था गुरदास : बता दें कि शाहदरा डिस्ट्रिक्ट के मानसरोवर पार्क इलाके का रहने वाला गुरदास हत्या के एक मामले में वांटेड था। उसके खिलाफ कोर्ट द्वारा गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था। इसके अलावा गुरदास के खिलाफ मानसरोवर पार्क थाने में आर्म्स एक्ट के तहत भी केस दर्ज है। दिल्ली पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश कर रही थी। सूचना के आधार पर एएसआई अंकित देशवाल के नेतृत्व में गठित टीम ने 6 जून को गुरदास को रायपुर के गुरुद्वारा नानकसर के पास से गिरफ्तार किया है। गुरदास की निशानदेही पर पुलिस ने दिलशाद गार्डन इलाके में पार्क की गई बाइक से पिस्टल और मैग्जीन बरामद की है।
आरोपी के मोबाइल में 100 से अधिक वीडियो मिले
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को आरोपी के मोबाइल से 100 से अधिक वीडियो मिले हैं, जिनमें खालिस्तानी आतंकी भारत विरोधी बातें करते हुए दिखाई दे रहे हैं। माना जा रही है कि पुलिस जल्द ही गुरदास को छत्तीसगढ़ भी लेकर जाएगी। जहां इनका गिरोह फिलहाल सक्रिय है। अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी को फंडिंग कौन करता है और किसके जरिए इस तक पैसा पहुंचाया जा रहा है।