संयम, साधना और सेवा को जीवन का हिस्सा बनाएं : शंकराचार्य
बाबा वैद्यनाथ की नगरी देवघर में 26वां साधना एवं राष्ट्र रक्षा शिविर शुरू हुआ। इसमें वेद मंत्रों के साथ साधना और राष्ट्र धर्म पर मार्गदर्शन दिया गया। शिविर का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और राष्ट्रभक्ति...

जसीडीह प्रतिनिधि बाबा वैद्यनाथ की नगरी देवघर के मैहर गार्डन के प्रांगण में 26वां साधना एवं राष्ट्र रक्षा शिविर का शुभारंभ शुक्रवार को हुआ। शिविर की शुरूआत वेद मंत्रों और मंगलाचरण के साथ हुई। उसके पश्चात श्रीमज्जगद्गुरु द्वारा साधना और राष्ट्र धर्म पर गहन मार्गदर्शन दिया गया। कहा कि सच्ची साधना केवल आत्मिक उन्नति ही नहीं, राष्ट्र की रक्षा और कल्याण का भी आधार बनती है। श्रीमज्जगद्गुरु ने अनुयायियों का आह्वान करते हुए कहा कि संयम, साधना और सेवा को जीवन का हिस्सा बनाएं। कहा कि विश्व में सबसे पुराना सनातन धर्म है और सनातन धर्म के कुछ अवशिष्ट व्यक्तियों को अलग-अलग मंतारण होने के कारण अन्य धर्म आया है, जिसमें सब का मूल सनातन ही है। इस कलियुग में मानव को धैर्य बनाकर रखने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीरामचरितमानस को कुछ अल्पज्ञानी कथावाचकों की ओर से तोड़-मोड़कर लोगों के बीच भरोसा जा रहा है। उसको लेकर सावधान रहने की जरूरत है। शंकराचार्य ने कहा कि जिसे कोई भी वेद शास्त्र का ज्ञान नहीं है, बावजूद वह दूसरे को अल्प ज्ञान देने में जुटे हैं। इस अवसर पर शिविर में तीन दिवसीय अखंड हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया गया है। इसमें बड़ी संख्या में साधक जन भाग ले रहे हैं। हनुमान जी की कृपा से वातावरण भक्तिमय और ऊर्जा से परिपूर्ण हो गया है। यह पाठ न केवल आध्यात्मिक लाभ का स्रोत बना है, बल्कि राष्ट्र रक्षा के लिए सामूहिक चेतना जाग्रत करने का माध्यम भी बन रहा है।
आध्यात्मिक, राष्ट्रोन्मुखी शिविर का आयोजन : शिविर संयोजकों ने बताया कि यह आयोजन प्रतिवर्ष होता है और इसका उद्देश्य भारतीय संस्कृति, संस्कार और राष्ट्रभक्ति को जन-जन तक पहुंचाना है। आध्यात्मिक, राष्ट्रोन्मुखी शिविर का आयोजन समाज को जागरूक बनाने, आत्मबल वृद्धि और राष्ट्र सेवा की भावना प्रबल करने के उद्देश्य से किया गया है। पुरी गोवर्धन मठ के श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के पूरे भारतवर्ष से विशेषकर हिमाचल,पंजाब, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओड़िसा, उत्तर प्रदेश, बिहार व बंगाल से पहुंचे अनुयायी इसमें भाग ले रहे हैं। 13 अप्रैल तक शिविर पूर्वाह्न 11 से 1 बजे तक व शाम 5 से 7 बजे तक चलेगा। शंकराचार्य का आशीर्वाद प्राप्त करने व उनकी एक झलक पाने के लिए भक्तजनों में उत्साह देखा जा रहा था। 26वां साधना एवं राष्ट्र रक्षा शिविर में शंकराचार्य ने अपने प्रवचन के बाद भक्तों द्वारा पूछे गये धर्म से संबंधित प्रश्नों का उत्तर भी दिया। शंकराचार्य के साथ मंच पर शंकराचार्य के निजी सचिव स्वामी निर्विकल्पानंद महाराज, प्रफुल्ल ब्रह्मचारी महाराज व ऋषिकेष महाराज उपस्थित थे। भारतवर्ष के सभी प्रांतों से आए अनुयायियों में विशेषकर सीमा तिवारी, सुधा शर्मा, मूलचंद राठी, देवाशीष गोस्वामी, चंद्र प्रकाश जंडियाल, सुशील ठाकुर, शंभूनाथ झा व सुनील मिश्रा सहित सैकड़ों भक्त उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में आनंद वाहिनी की पश्चिम बंगाल व बिहार की अध्यक्षा निभा प्रकाश ने अहम भूमिका निभाई। प्रशासन की तरफ से हर तरह का सहयोग किए जाने की भी बात कही गयी। पुलिस प्रशासन दिन-रात मुस्तैद है। शनिवार व रविवार को भारतवर्ष के और भी प्रांतों से भक्तों के आने की उम्मीद जतायी गयी है।
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