बोले देवघर: पानी व बिजली संकट से मिले निजात
तुलसीबाड़ी मोहल्ले के सफाई कर्मचारी और उनके परिवार गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। पानी की कमी के कारण लोग बजरंगी चौक तक लंबी यात्रा करते हैं। मोहल्ले में सिर्फ एक चापाकल है, जबकि जलापूर्ति की...
पूरे शहर को साफ रखने वाले सफाई कर्मचारी व उनके परिवार के सदस्य खुद ही बदहाली की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। शहर के बीचोबीच अवस्थित तुलसीबाड़ी मोहल्ले के लोग मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं। वर्षों से पानी संकट, बिजली संकट, नाली सहित अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए लगातार जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि से गुहार लगाते रहे। लेकिन, स्थिति नहीं सुधरी। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान की ओर से बोले देवघर से बातचीत के दौरान वहां के लोगों का दर्द छलक कर उनकी जुबां पर आ गया। उन्होंने अपनी परेशानियों का साझा करते हुए उनके समाधान पर भी चर्चा की गई। शहर से बीचोबीच स्थित तुलसीबाड़ी में रहने वाले लोगों की संख्हा में लगभग 3000 से अधिक है। लेकिन, समस्याओं की कमी नहीं है। आकाश मलिक, अजय तुरी, सुनील राम कहते हैं कि मोहल्ले के करीब 80 प्रतिशत लोग नगर निगम में सफाई कर्मचारी का काम करते हैं। नित्य दिन के साथ-साथ त्यौहारों का मौसम हो या सावन का महीना वहलोग पूरे शहर को साफ सुथरा व स्वक्ष रखने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। इसका उद्देश्य शहर के लोगों के साथ-साथ अन्य जिले व राज्यों से आने वाले लोगों के बीच शहर की एक अच्छी छवि बने और लोग देवघर की सकारात्मक छवत लेकर वापस जाएं। मोहल्ले के करीब 500 घरों में 3000 से अधिक की आबादी निवास करती है। इतनी आबादी पर पानी के लिए महज एक चापाकल मौजूद है। वह भी एक संस्था की ओर से कई साल पूर्व लगवाया गया था। इस चापाकल के भरोसे सभी परिवार अपनी जरूरत पूरा करने के लिए मजबूर हैं। मोहल्ले में जलापूर्ति के लिए नगर निगम की ओर से पांच जगह नल कनेक्शन दिया गया है, लेकिन नल में 5 से 6 दिन में एक बार पानी आता है। करीब आधे घंटे तक पानी सप्लाई की जाती है, उसी से लोग पानी लेते हैं इस दौरान कुछ लोगों को तो पानी मिल जाता है लेकिन ज्यादातर लोग लाइन में ही खड़े रहते हैं। पानी बंद होने की वजह से उन्हें वापस लौट जाना पड़ता है।
बजरंगी चौक से पानी लाने को ग्रामीण विवश : तुलसीबाड़ी मोहल्ला एक सामान्य आवासीय क्षेत्र है, वहां पानी की भारी कमी हो रही है। मोहल्ले में घरों की संख्या लगभग 500 है और यहां की आबादी लगभग 3 हजार है। हालांकि, इस इलाके के लोग पानी की भारी कमी का सामना कर रहे हैं, क्योंकि यहां पानी सप्लाई सिर्फ पांच कनेक्शनों से होती है, जो तीन से चार दिन में केवल 20 से 25 मिनट के लिए चालू होती है। पानी आपूर्ति की गंभीर समस्या मोहल्ले के निवासियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। चूंकि पानी की आपूर्ति सीमित समय के लिए ही होती है, ऐसे में निवासियों को यह सुनिश्चित करना होता है कि उस थोड़े समय में जितना हो सके, पानी इकट्ठा कर लें। लेकिन कई बार यह कनेक्शन चालू होने के दौरान भी दबाव कम होता है, जिससे पानी की आपूर्ति और भी कम हो जाती है। पानी की इस कमी के कारण, मोहल्ले के लोग अक्सर जल के लिए परेशान रहते हैं। यहां के निवासियों को पानी की जरूरत पूरी करने के लिए बजरंगी चौक तक जाना पड़ता है।
बजरंगी चौक से लोग अपने बर्तन और टैंकरों में पानी भरकर लाते हैं। यह एक लंबी और थकाने वाली यात्रा होती है, जो किसी भी समय में समाप्त नहीं होती। कई लोग तो मजबूरी में पानी के लिए लंबी लाइन में भी खड़े होते हैं। इस समस्या का सामना कर रहे मोहल्ले के निवासी इस बारे में स्थानीय प्रशासन से कई बार शिकायतें भी कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। पानी की किल्लत को लेकर लोगों में नाराजगी भी देखी जा रही है। वहीं, कुछ लोग यह मानते हैं कि अगर प्रशासन जल्द इस मुद्दे पर ध्यान नहीं देगा, तो समस्या से और भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
सुझाव
1. नगर निगम को पानी की सप्लाई बढ़ानी चाहिए और इसे नियमित रूप से उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि लोगों को पर्याप्त पानी मिल सके।
2. मोहल्ले में सार्वजनिक शौचालय बनवाए जाने चाहिए, ताकि महिलाएं सुरक्षित और स्वच्छ तरीके से अपनी जरूरतें पूरी कर सकें।
3. नगर निगम को मोहल्ले में सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ानी चाहिए और कचरा उठाने के लिए नियमित व्यवस्था करनी चाहिए।
4. महिलाओं की सुरक्षा के लिए मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट्स और गश्ती सुरक्षा तंत्र स्थापित किया जाए, ताकि वे सुरक्षित महसूस कर सकें।
5. बरसात के समय जल निकासी की व्यवस्था को सुधारने के लिए नालों और पानी की सही निकासी का प्रबंध किया जाना चाहिए।
शिकायतें
1. मोहल्ले में पानी की सप्लाई बहुत कम है, सिर्फ कुछ समय के लिए पानी आता है, और वह भी दबाव में नहीं होता। हमें पानी के लिए लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ता है।
2. मोहल्ले में शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है, महिलाओं को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है, जो कि असुरक्षित और अस्वस्थ है।
3. हम सफाई कर्मचारी होते हुए भी अपने मोहल्ले में साफ-सफाई की उचित व्यवस्था से वंचित हैं। कचरा फैला रहता है और नगर निगम की ओर से सफाई के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं मिलते।
4. महिलाओं को खुले में शौच जाने के दौरान असुरक्षा का सामना करना पड़ता है, खासकर रात के समय। यह एक बड़ी चिंता का विषय है।
5. मोहल्ले में जल निकासी और नाले की व्यवस्था नहीं है, जिससे बारिश के समय सड़कों पर कीचड़ और गंदगी फैल जाती है।
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