ठगी के शिकार हो रहे हैं उपभोक्ता
मधुपुर में माप-तौल विभाग की लापरवाही के कारण उपभोक्ता ठगी का शिकार हो रहे हैं। दुकानदार इलेक्ट्रॉनिक तराजू को मनमाने तरीके से सेट कर कम वजन का सामान दे रहे हैं। इससे उपभोक्ता अधिक मूल्य देकर कम सामान...

मधुपुर। माप-तौल विभाग की लापरवाही के कारण इन दिनों उपभोक्ता ठगी के शिकार हो रहे हैं। शहरी और ग्रामीण इलाकों के दुकानों में प्रयोग होने वाले इलेक्ट्रॉनिक तराजू के वजन पर प्रश्न चिह्न लग रहा है। इलेक्ट्रॉनिक तराजू का सेटिंग कर उपभोक्ताओं को कम समान तोल कर दिया जा रहा है। उपभोक्ता को अधिक मूल्य देकर कम वजन पर ही संतोष करना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक दुकानदारों द्वारा अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक तराजू का इस्तेमाल किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक तराजू को दुकानदार अपने मन मुताबिक सेट कर रहे हैं। एक किलो में 900 ग्राम समान मिलाना आम बात हो गई है।
सब्जी फल किराना दुकानों में उपभोक्ताओं को कम समान दिया जा रहा है। जिसके कारण आम लोगों में असंतोष व्याप्त है। अगर विभाग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक तराजू की जांच कर दी जाए तो सारा राज खुल जाए। लेकिन विभाग को इस ओर ध्यान नहीं जाने के कारण उपभोक्ताओं में रोष व्याप्त है। उपभोक्ताओं का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक तराजू के प्रयोग से जहां दुकानदार मालामाल हो रहे हैं वहीं उपभोक्ता ठगे जा रहे हैं। इस कमरतोड़ महंगाई में आम आवाम को काफी परेशानी हो रही है, लेकिन विभाग कान में तेल डालकर सोया हुआ है। उपभोक्ताओं का कहना है कि किसी भी दुकान में मूल्य तालिका भी नहीं लगी है। जिसके कारण अलग-अलग किराना दुकानों में सामानों का अलग-अलग मूल्य निर्धारित कर दिया गया है। अनाज और खाद्य सामग्री का अलग-अलग मूल्य गंभीर जांच का विषय बना हुआ है।
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