बोले देवघर: सपनों की उड़ान को रोक रही समस्याएं
देवघर कॉलेज के आदिवासी कल्याण छात्रावास की स्थिति बेहद खराब है। छात्रावास की छत से पानी टपकता है, बिजली की कमी और साफ पानी की समस्या है। छात्रों को अध्ययन के लिए उचित जगह नहीं मिल रही है और सुरक्षा का...
देवघर कॉलेज कैंपस के आदिवासी कल्याण छात्रावास का हाल काफी खराब है। छात्रावास के आसपास चहुंओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। छात्रावास की छत से पानी का रिसाव होता है। बरसात के दिनों में छात्रों को रहने में काफी परेशानियां होती है। छात्रों के सामने पढ़ाई के साथ हर दिन नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। रात में बिजली नहीं होती, पंखे खराब पड़े हैं, पीने का पानी मिलना भी मुश्किल हो गया है। न ठीक से बैठकर पढ़ने की जगह है, न ही सुरक्षा की कोई गरांटी है। बावजूद इसके, ये छात्र उम्मीद नहीं छोड़ते। उनकी आंखों में आज भी अपने भविष्य की एक चमक है, जो इस जर्जर इमारत के अंधकार को चीरने की कोशिश कर रही है। छात्रों को और स्कूलों की बच्चों की तरह टॉप करने की मन में लालसा तो है पर सुविधाएं नहीं मिल रही है। इससे बच्चों के सपने सकार करने में परेशानियां हो रही है। विभागीय कर्मी भी इसे ठीक कराने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं कर रहे है।
आज खुद ही खस्ताहाल हो चुका है। जर्जर दीवारें, टपकती छतें, पानी से रीसती दीवारें और चारों ओर पसरी गंदगी-यहां रहने वाले छात्र सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि हर दिन एक नई चुनौती का सामना कर रहे हैं। छात्रावास का भवन इतना कमजोर हो चुका है कि हल्की बारिश में भी पानी टपकने लगता है। सीलन भरी दीवारें, धंसती हुई जमीन और टूटे हुए दरवाजे-ये सब उनकी हिम्मत को भी तोड़ने की कोशिश करते हैं। लेकिन इन परिस्थितियों के बावजूद, ये छात्र अपने सपनों को टूटने नहीं देना चाहते। रात में बिजली नहीं होती, पंखे खराब पड़े हैं, पीने का पानी मिलना भी मुश्किल हो गया है। न ठीक से बैठकर पढ़ने की जगह है, न ही सुरक्षा का भरोसा। बावजूद इसके, ये छात्र उम्मीद नहीं छोड़ते। उनकी आंखों में आज भी अपने भविष्य की एक चमक है, जो इस जर्जर इमारत के अंधकार को चीरने की कोशिश कर रही है। अब सवाल यह है-क्या प्रशासन उनकी इस जंग में उनका साथ देगा? या फिर वे यूं ही बदहाली में रहने को मजबूर रहेंगे? इन्हीं सब मुद्दों को लेकर हिन्दुस्तान से संवाद के दौरान छात्रों ने अपनी समस्याओं व उसके समाधान को लेकर अपनी-अपनी बात रखी। देवघर कॉलेज कैंपस में स्थित आदिवासी कल्याण छात्रावास की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में यहां रह रहे छात्र नारकीय जीवन जीने को विवश हैं। छात्रावास की जर्जर अवस्था, अस्वच्छ वातावरण, जल निकासी की समस्या और मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण यहां के छात्रों का रहना मुश्किल हो गया है। बावजूद इसके छात्र मजबूरी में यहां रह रहे हैं। बातचीत के दौरान छात्रों ने कहा कि छात्रावास की मरम्मत व सामग्री उपलब्ध कराने के लिए उनलोगों द्वारा कई बार कल्याण विभाग को आवेदन दिया गया है। लेकिन उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बातचीत के दौरान छात्रों ने कहा कि छात्रावास भवन को बने अभी महज 12 से 13 वर्ष ही हुए हैं। लेकिन पाईप से रीसता हुआ पानी भवन को कमजोर कर रहा है। लगातार दीवारों से पानी टपकता रहता है। लगता है छात्रावास के निर्माण में काफी अनियमितता बरती गई है। विभाग द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्थिति इतनी खराब है कि हल्की बारिश में भी छत से पानी टपकने लगता है। दीवारों में दरारें आ गई हैं, और कभी भी भवन का कोई हिस्सा गिर सकता है। छात्रों का कहना है कि वे हर दिन डर के साए में रहते हैं कि कहीं कोई दुर्घटना न हो जाए। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
आदिवासी कल्याण छात्रावास, देवघर कॉलेज कैंपस की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। भवन में लगे पाइप पूरी तरह से लीकेज हो चुके हैं, जिससे पानी लगातार रिस रहा है। इस पानी के रिसाव के कारण भवन की दीवारें और नींव कमजोर हो रही हैं, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। छात्रों ने कई बार शिकायत की कि पाइपों की मरम्मत कराई जाए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। बारिश में यह समस्या और गंभीर हो जाती है, क्योंकि पहले से कमजोर भवन पानी के दबाव को सहन नहीं कर पाता। कई स्थानों पर दीवारों में दरारें आ गई हैं और प्लास्टर गिरने लगा है। हर समय डर के साये में रहते हैं कि कहीं इमारत का कोई हिस्सा गिर न जाए। अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। छात्रों ने प्रशासन से तुरंत पाइप की मरम्मत और भवन की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की है।
सुझाव
1. छात्रावास की मरम्मत और रखरखाव: भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए तत्काल इसकी मरम्मत कराई जाए, ताकि छात्रों को सुरक्षित आवास मिल सके।
2. स्वच्छता व सफाई व्यवस्था में सुधार: परिसर में नियमित सफाई करवाई जाए, कचरा निस्तारण की उचित व्यवस्था हो।
3. बिजली, पानी और इंटरनेट सुविधा बहाल हो: खराब पंखे, बल्ब और नल को ठीक किया जाए और छात्रों के लिए इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
4. लाइब्रेरी और स्टडी रूम की सुविधा: छात्रावास में एक अच्छी लाइब्रेरी बनाई जाए और कॉमन स्टडी रूम में पर्याप्त टेबल-कुर्सी उपलब्ध कराई जाए।
5. सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए : टूटी चारदीवारी और गेट की मरम्मत हो, सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति की जाए।
शिकायतें
1. भवन की जर्जर स्थिति और गिरने का खतरा: दीवारों में दरारें आ गई हैं, पाइप लीकेज से पूरी इमारत कमजोर हो रही है, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है।
2. बिजली-पानी की गंभीर समस्या: बल्ब और पंखे खराब हैं, पीने के पानी और नहाने की सुविधा नहीं है, जिससे छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
3. गंदगी और मच्छरों से बीमारी का खतरा: सफाई न होने के कारण परिसर में गंदगी फैली है, जिससे दुर्गंध और मच्छरों के प्रकोप के कारण बीमारियां फैल रही हैं।
4. खेल सामग्री और इंटरनेट सुविधा का अभाव: छात्रों को पहले खेल सामग्री और इंटरनेट की सुविधा दी जाती थी, लेकिन अब वे दोनों सुविधाओं से वंचित हैं।
5. प्रशासन की उदासीनता: छात्रों ने कई बार अपनी समस्याओं को लेकर शिकायतें की हैं, अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
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