भगवान के दर्शन से तुच्छ हैं संसार की सारी वस्तुएं : आराधना देवी
चितरा में आयोजित 9 दिवसीय श्री श्री 1008 महारूद्र यज्ञ के तीसरे दिन कथा वाचिका आराधना देवी ने भगवान के महत्व और रामकथा के महत्व पर प्रकाश डाला। श्रद्धालुओं ने भक्ति संगीत का आनंद लिया। यज्ञ स्थल पर...

चितरा,प्रतिनिधि। एसपी माइन्स चितरा कोलियरी के दुखिया बाबा मंदिर प्रांगण में आयोजित 9 दिवसीय श्री श्री 1008 महारूद्र यज्ञ के तीसरे दिन मुख्य पंडाल में संगीतमय रामकथा के दौरान कथा वाचिका आराधना देवी ने कहा कि भगवान के दर्शन के आगे संसार की समस्त भौतिक वस्तुएं तुच्छ हैं। जब जीवन में भगवान का प्रकाश फैलता है, तो हर दिशा आलोकित हो जाती है। उन्होंने कहा कि जो सत्संग में ताली बजाता है, उसका भाग्य बदल जाता है। जीवन में रामकथा को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने यह भी संदेश दिया कि लड़ाई-झगड़े में वाणी और हाथ पर ताला लगा लीजिए और सत्संग में इन्हीं से जीवन को सार्थक कीजिए।
कथा के दौरान उन्होंने भगवान श्रीराम की बाल लीलाओं, उपनयन संस्कार और गुरुकुल जीवन का जीवंत चित्रण प्रस्तुत किया। साथ ही उन्होंने ठुमक ठुमक नाचे ललना कौशल्या के अंगना.. जैसे भजनों को सुनकर श्रद्धालु भावविभोर होकर भक्ति में लीन हो गए। श्रद्धालु भक्ति रस से हुए सराबोर : वहीं रात्रि के समय मुख्य पंडाल में कोलकाता से आईं प्रसिद्ध भजन गायिका मिताली जायसवाल और भजन गायक सरोज लक्खा ने श्रद्धालुओं को भक्तिरस से भरे भजनों को सुनाकर सराबोर कर दिया। सरोज लक्खा ने घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो... से भजन संध्या की शुरुआत की। इसके बाद तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है...मां वेदों में जो तेरी महिमा कही है...जैसे कई भजनों ने समां बांध दिया। वहीं मिताली जायसवाल ने मेरे मन में बसे हैं राम...नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया दुर्जनों का नाश करते-करते...जैसे कई मनमोहक भजनों से श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया। बता दें कि दिन में जहां श्रद्धालु दुखिया बाबा मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रहे हैं, वहीं रात्रि में मेले की भव्यता श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही है। चुस्त सुरक्षा व्यवस्था में शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है चितरा महारूद्र यज्ञ: झारखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता ने यज्ञ स्थल व मेला का दौरा करने के दौरान कहा कि चितरा का यह 44 वां महारूद्र यज्ञ सुरक्षा और श्रद्धा दोनों के समन्वय का प्रतीक बन चुका है। जहां भीड़ निरंतर बढ़ रही है, लेकिन चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के कारण हर गतिविधि शांति और अनुशासन में हो रही है। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में सीसीटीवी से निगरानी, पुलिस गश्ती और स्वयंसेवकों की सक्रियता से संपूर्ण परिसर सुरक्षित है। कहा कि खुद मैं अपनी टीम के साथ लगातार निगरानी करता हूं, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तत्काल कार्रवाई की जा सके। ट्रैफिक व्यवस्था, खाद्य सामग्री की गुणवत्ता और मंदिर प्रांगण की पवित्रता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे पिछले 43 वर्षों से यह यज्ञ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ है, वैसे ही यह 44 वां वर्ष भी पूर्ण सफलता के साथ संपन्न होगा।
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