Divine Energy of Devotion Krishna Leela Stage Performance at Sri Sri 108 Shiva Shakti Mahayagna श्रीकृष्ण नाम, शिव-शक्ति महायज्ञ में कृष्ण लीला का भावपूर्ण मंचन, Deogarh Hindi News - Hindustan
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श्रीकृष्ण नाम, शिव-शक्ति महायज्ञ में कृष्ण लीला का भावपूर्ण मंचन

देवघर के सिरसा नुनुथर गांव में श्री श्री 108 श्री शिव शक्ति महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवे दिन कृष्ण लीला का भव्य मंचन हुआ। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का आनंद...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवघरThu, 19 June 2025 04:40 AM
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श्रीकृष्ण नाम, शिव-शक्ति महायज्ञ में कृष्ण लीला का भावपूर्ण मंचन

देवघर, प्रतिनिधि। मोहनपुर प्रखंड के त्रिकुट पहाड़ की तलहटी में स्थित सिरसा नुनुथर गांव इन दिनों भक्ति और आध्यात्म की अलौकिक ऊर्जा से गुंजायमान है। गांव में चल रहे सात दिवसीय श्री श्री 108 श्री शिव शक्ति महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन कृष्ण लीला का भावपूर्ण मंचन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही, जिन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का रसास्वादन किया। मौके पर उपस्थित आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री ने श्रीकृष्ण के बाल्य कांड से लेकर किशोर कांड तक के विभिन्न प्रसंगों का सजीव वर्णन किया। उन्होंने श्रोताओं को बताया कि श्रीकृष्ण केवल एक देवता ही नहीं, बल्कि धर्म, न्याय और करुणा के प्रतीक हैं।

उन्होंने यह भी समझाया कि श्रीकृष्ण की लीलाएं केवल चमत्कारिक घटनाएं नहीं, बल्कि जीवन के गूढ़ रहस्यों को उजागर करने वाली शिक्षाएं हैं। आचार्य शास्त्री ने पूतना वध का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि किस प्रकार बालकृष्ण ने बचपन में ही अधर्म का अंत कर धर्म की स्थापना की। उन्होंने कहा, पूतना एक राक्षसी थी जो शिशुओं की हत्या कर देती थी, लेकिन जब वह श्रीकृष्ण के पास पहुंची, तो भगवान ने उसे मोक्ष प्रदान किया। इससे यह संदेश मिलता है कि भगवान भक्त और शत्रु में भेद नहीं करते, केवल भावनाओं को देखते हैं। इसके बाद उन्होंने गोवर्धन लीला पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने जब इंद्रदेव के अभिमान को चूर करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठा लिया, तो वह केवल एक चमत्कार नहीं था, बल्कि समाज को यह संदेश था कि प्रकृति की पूजा करो, आडंबर और अभिमान से दूर रहो। उन्होंने इस प्रसंग के माध्यम से सहयोग, सेवा और सामूहिकता के महत्व को भी रेखांकित किया। कथा के दौरान जैसे-जैसे श्रीकृष्ण की लीलाएं वर्णित होती रहीं, उपस्थित श्रद्धालु भक्ति में लीन होते गए। कार्यक्रम स्थल भजनों, मंत्रोच्चारण और जयकारों से गूंज उठा। गांव के बुजुर्ग, महिलाएं, युवा और बच्चे सभी भावविभोर हो श्रीकृष्ण के दिव्य रूपों का स्मरण करते नजर आए।

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