2 सीओ पर 1.97 लाख का जुर्माना, फाइन नहीं भरा तो होंगे सस्पेंड; बड़े अधिकारियों पर क्यों गिरी गाज
जून माह में जुर्माना की राशि जमा करने के बाद ही सभी का इस माह का वेतन जारी होगा। समीक्षा में पाया गया कि मुशहरी एवं कांटी अंचल ने आवेदन को रिवर्ट ज्यादा किया है।इसे देखते हुए जुर्माना लगाया गया है।

दाखिल-खारिज के मामले मे लापरवाही पर बिहार में दो सीओ(अंचलाधिकारी) पर गाज गिरी है। मुजफ्फरपुर के डीएम सुब्रत कुमार सेन ने मुशहरी, कांटी सीओ व उनकी टीम पर 01 लाख 97 हजार तीन सौ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें मुशहरी सीओ, राजस्व अधिकारी व संबंधित कर्मचारियों पर एक लाख दो हजार व कांटी के सीओ, राजस्व अधिकारी व कर्मचारियों पर 95 हजार 300 रुपये जुर्माना लगा है। कई बार चेतावनी देने के बावजूद कार्यशैली में सुधार नहीं होने पर यह कार्रवाई की गयी है। कई सीओ से इसी मामले में शो कॉज किया गया है।
जून माह में जुर्माना की राशि जमा करने के बाद ही सभी का इस माह का वेतन जारी होगा। जुर्माना राशि जमा नहीं करने वाले अधिकारियों व कर्मियों को निलंबित किया जाएगा। डीएम ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में जिला समन्वय समिति की बैठक में योजनाओं की अंचलवार समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान पाया गया कि पिछले एक माह में मुशहरी और कांटी का अभियान बसेरा में भी कोई प्रगति नहीं हुई है।
डीएम ने मुशहरी एवं कांटी के साथ ही खराब प्रदर्शन करने वाले मुरौल, सरैया, बंदरा के सीओ से भी स्पष्टीकरण मांगा है। परिमार्जन की समीक्षा में भी पाया गया कि मुशहरी एवं कांटी अंचल ने आवेदन को रिवर्ट ज्यादा किया है। डीएम ने इस मामले में भी दोनों सीओ से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया है। उन्होंने दाखिल खारिज, भूमि मापी, लगान वसूली, अभियान बसेरा के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया।
ये दोनों अंचल शहरी क्षेत्र से सटे हैं। यहां दाखिल खारिज में लूट खसोट चरम पर है। पाया गया कि इन दोनों प्रखंडों में हजारों मामले पेंडिंग है। लोग कार्यालयों के चक्कर काटते रहते हैं पर काम नहीं होता। दलालों के माध्यम से पैसों की मांग की जाती है। समीक्षा में लापरवाही उजागर होने पर डीएम ने यह ऐक्शन लिया है।