माचिस के नाम पर सिगरेट का कारोबार, करोड़ों की टैक्स चोरी; बिहार के सिंडिकेट का आंध्र प्रदेश से कनेक्शन
वाहन की पूरी जांच की गई तो अधिकारियों की टीम चौंक उठी। 20-25 माचिस के कार्टून के नीचे सिगरेट के बड़े-बड़े बंडल रखे हुए थे। प्रशासन द्वारा दबाव दिए जाने पर वाहन चालक द्वारा पेश किया गया जिसमें ई- वे बिल में माल को नवादा के हिसुआ से रांची दर्शाया गया था।

बिहार में वाणिज्य-कर विभाग द्वारा मंगलवार की रात्रि को चलाए गए वाहन जांच अभियान के दौरान सिगरेट सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ है। माचिस के नाम पर जीएसटी के तहत निबंधित एक ब्रांड की सिगरेट के कारोबार का खुलासा हुआ।विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस कारोबार के माध्यम से करोड़ों की कर चोरी होने की आशंका है। साथ ही, इस सिंडिकेट के तार दूसरे राज्यों झारखंड और आंध्र प्रदेश से भी जुड़ रहे हैं। बुधवार को विभागीय सूत्रों ने बताया कि वाणिज्य-कर आयुक्त संजय कुमार सिंह के निर्देश पर ई-वे बिल की जांच को लेकर विशेष वाहन जांच अभियान चलाया गया। इसके लिए विभाग की ओर से 40 टीमों का गठन किया गया था।
इसके बाद, वाहन की पूरी जांच की गई तो अधिकारियों की टीम चौंक उठी। 20-25 माचिस के कार्टून के नीचे सिगरेट के बड़े-बड़े बंडल रखे हुए थे। प्रशासन द्वारा दबाव दिए जाने पर वाहन चालक द्वारा पेश किया गया जिसमें ई- वे बिल में माल को नवादा के हिसुआ से रांची दर्शाया गया था। इसके बाद हिसुआ में प्रशासन की मदद से छापेमारी की गई तो वहां सिगरेट निर्माण फैक्ट्री की जानकारी मिली। इसके बाद वहां के कर्मियों से पूछताछ के बाद पटना के पटना सिटी इलाके में भी एक छोटी फैक्ट्री की जानकारी मिली।
झारखंड एवं आंध्र प्रदेश में भी चल रहा कारोबार
वाणिज्य-कर विभाग के सूत्रों के अनुसार, नवादा एवं पटना में जिलाधिकारियों की मदद से पुलिस प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गई। पूरे अभियान की निगरानी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से की जा रही थी। दस्तावेजों के विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ कि यह मामला न केवल गंभीर कर चोरी से जुड़ा है बल्कि इसमें सुनियोजित सिंडिकेट की भी संलिप्तता हो सकती है। इसमें बिहार से झारखंड एवं आंध्र प्रदेश में भी सिगरेट के कारोबार किए जाने की सूचना मिल रही है।