Police Arrest Three Cybercriminals in Deoghar Recover Phones and SIM Cards बुढ़ई : भिरखीबाद जंगल में छापेमारी, 3 गिरफ्तार, Deogarh Hindi News - Hindustan
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बुढ़ई : भिरखीबाद जंगल में छापेमारी, 3 गिरफ्तार

देवघर के बुढ़ई थाना अंतर्गत भिरखीबाद गांव में पुलिस ने तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। उनके पास से 3 मोबाइल फोन, 3 सिम कार्ड और ठगी से संबंधित सामग्री बरामद की गई। सभी पर फर्जी बैंक प्रतिनिधि...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवघरSun, 15 June 2025 04:07 AM
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बुढ़ई : भिरखीबाद जंगल में छापेमारी, 3 गिरफ्तार

देवघर, प्रतिनिधि बुढ़ई थानांतर्गत भिरखीबाद गांव के झाड़ी-जंगल में पुलिस ने छापेमारी के दौरान तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। उसके पास से 3 मोबाइल फोन, 3 सिम कार्ड और ठगी से संबंधित अन्य सामग्री बरामद की गई है। सबों पर फर्जी बैंक प्रतिनिधि, कस्टमर केयर और सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को ठगने का आरोप है। पुलिस ने सबों के खिलाफ प्रतिबिंब पोर्टल पर पूर्व में दर्ज शिकायतों की पुष्टि की है। कार्रवाई पुलिस उपमहानिरीक्षक सह पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग के दिशा-निर्देश में कार्रवाई की गयी। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बुढ़ई थाना क्षेत्र के भिरखीबाद गांव के समीप झाड़ियों में कुछ संदिग्ध साइबर ठगी के उद्देश्य से अस्थायी अड्डा बनाकर बैठे हैं।

सूचना पर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर टीम गठन किया गया। टीम ने छापेमारी कर तीन साइबर अपराधियों को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया। गिरफ्तार आरोपियों में करौं थाना के बदिया गांव निवासी 28 वर्षीय गुड़ मोहम्मद अंसारी, पिता- हाकिम मियां, पथरोल थाना के छोटा संगरा गांव निवासी 26 वर्षीया गौतम कुमार दास, पिता- जगदीश दास, करौं थाना के बदिया गांव निवासी 25 वर्षीय अफताब अंसारी, पिता- रजाक मियां शामिल है। छापेमारी टीम में साइबर थाना प्रभारी सह इंसपेक्टर सहदेव प्रसाद, एसआई घनश्याम गंझू सहित अन्य शामिल थे। अपराध की कार्यप्रणाली : पुलिस की प्रारंभिक जांच में स्पष्ट हुआ कि दोनों अपराधी बेहद शातिर साइबर ठग हैं, जो अलग-अलग योजनाओं और तरीकों का इस्तेमाल कर आमलोगों को ठगते थे। पीएम किसान योजना के नाम पर ठगी-आरोपी फर्जी वेबसाइट और लिंक के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान योजना के लाभुकों को निशाना बनाते थे। लोगों को लिंक भेजकर व्यक्तिगत जानकारी हासिल करते और फिर उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लेते थे। आरोपी खुद को फोन-पे, पेटीएम या अन्य डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म का कस्टमर केयर अधिकारी बता यूजर्स से संपर्क करते थे। कैशबैक ऑफर का झांसा देकर यूजर्स से गिफ्ट कार्ड जेनरेट कराते और फिर खुद रिडीम कर ठगी कर लेते थे। आरोपियों की एक और तरकीब थी कि खुद को एयरटेल पेमेंट बैंक प्रतिनिधि बता लोगों को बताते कि उनका कार्ड बंद हो गया है। उसके बाद चालू कराने के नाम पर ओटीपी मांगते और उससे ट्रांजेक्शन कर लेते थे।

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