भूमिगत कोयला खनन के लिए इसेंटिव की घोषणा
भारत के कोयला मंत्रालय ने भूमिगत कोयला खनन को बढ़ावा देने के लिए कई नई नीतियों की घोषणा की है। इसमें प्रदर्शन सुरक्षा पर 50% छूट और राजस्व हिस्सेदारी का फ्लोर प्रतिशत 4% से घटाकर 2% करने जैसे कदम...

धनबाद, विशेष संवाददाता भारत के कोयला क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम के रूप में कोयला मंत्रालय ने भूमिगत कोयला खनन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई परिवर्तनकारी नीतिगत उपाय शुरू किए हैं। इसके लिए इंसेंटिव की घोषणा की गई है।
भूमिगत कोयला खनन के विकास/संचालन में तेजी लाने के लिए कोयला मंत्रालय ने प्रोत्साहनों का एक आकर्षक पैकेज पेश किया है। इन प्रोत्साहनों को भूमिगत कोयला ब्लॉकों के लिए प्रदर्शन सुरक्षा पर मौजूदा 50% छूट से आकर्षक बनाया गया है। इससे परियोजना के सुचारू कार्यान्वयन की सुविधा होगी। विशेषज्ञ बताते हैं कि इस पेशकश से कोल ब्लॉक लेने वाली निजी कंपनियां उत्साहित होंगी और भूमिगत खनन की ओर बढ़ेंगी। कैप्टिव एवं कॉमर्शियल माइनिंग के लिए आवंटित 133 कोयला खदानों में भूमिगत खदान भी शामिल हैं। आमतौर पर ओपेनकास्ट माइनिंग आसान है। भूमिगत खनन के प्रति रुचि घट रही है। इसकी वजह सुरक्षा संबंधी चुनौतियां और ज्यादा उत्पादन लागत है। इसेंटिव की पेशकश से कंपनियां भूमिगत खनन की ओर लौटेंगी।
फ्लोर रेवेन्यू शेयर में कमी
भूमिगत कोयला खदानों के लिए राजस्व हिस्सेदारी का फ्लोर प्रतिशत 4% से घटाकर 2% कर दिया गया है। यह लक्षित कमी पर्याप्त राजकोषीय राहत प्रदान करेगी और भूमिगत परियोजनाओं की वित्तीय व्यवहार्यता को बढ़ाएगी।
अग्रिम भुगतान की छूट
भूमिगत खनन उपक्रमों के लिए अनिवार्य अग्रिम भुगतान की आवश्यकता को पूरी तरह से माफ कर दिया गया है। यह उपाय एक महत्वपूर्ण वित्तीय बाधा को दूर करने वाला है। निजी क्षेत्र से व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा। परियोजना कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करेगा।
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