सरना कोड के बिना जनगणना का होगा विरोध
धनबाद में सोनोत संताल समाज केंद्रीय समिति ने सरना धर्म कोड की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। आदिवासी समुदाय पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होकर गोल्फ मैदान से रणधीर वर्मा चौक पहुंचे। वक्ताओं ने कहा कि...

धनबाद, वरीय संवाददाता। सोनोत संताल समाज केंद्रीय समिति के नेतृत्व में सरना धर्म कोड की मांग को लेकर रणधीर वर्मा चौक पर एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया। मौके पर जिलेभर के आदिवासी अपनी पारंपरिक वेश-भूषा में नगाड़े, ढोल, तीर-धनुष आदि के साथ गोल्फ मैदान में जुटे। वहां से कला भवन, एसएसएलएनटी कॉलेज होते हुए रणधीर वर्मा चौक पहुंचे। जुलूस में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। जुलूस रणधीर वर्मा चौक पहुंच कर सभा में तब्दील हो गया। वक्ताओं ने कहा कि सरना धर्म कोड आदिवासियों की पहचान है। देश में सभी धर्मों के लोगों के लिए धर्म कोड की व्यवस्था है, लेकिन अफसोस की बात है कि आदिवासी अपनी पहचान के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार जातीय जनगणना करने जा रही है। उसमें सभी धर्मों के लिए धर्म कोड की व्यवस्था की गई है, लेकिन आदिवासियों के लिए कोई धर्म कोड नहीं है। कहा कि आदिवासी प्रकृति के पूजक हैं। हमारा धर्म सरना है। ऐसी स्थिति में यदि जनगणना होती है तो आदिवासी धर्म के कॉलम में क्या लिखेंगे। सरकार सरना कोड के बिना जनगणना कराती है तो आदिवासी क्षेत्रों में पुरजोर विरोध किया जाएगा। कार्यक्रम के बाद प्रतिनिधिमंडल ने डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। मौके पर रमेश टुडू, अनिल टुडू, रति लाल टुडू, महालाल सोरेन, गुरु चरण बास्की, राजेंद्र किस्कू, बोदीनाथ हांसदा, नुनू लाल हेम्ब्रम, मंगल मुर्मू, दिलीप टुडू, सोना राम मुर्मू, सूरज कांत सोरेन, महालाल हेम्ब्रम, शंभू टुडू, रमेश मरांडी, देवीलाल मुर्मू, नरेश हेम्ब्रम, बिरजू सोरेन, अरुण हेम्ब्रम, हेमंत कुमार सोरेन, श्रीकांत मुर्मू, अशोक टुडू, लखन लाल टुडू, महाबीर हांसदा, विजय हांसदा, रविशंकर बास्की, एक्स्प्रेस हांसदा, बेलो देवी, भारती टुडू, अमीषा सोरेन, शांति देवी, लक्ष्मी देवी सहित अन्य शामिल थे।
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