जिले में ओसीआर रीडिंग से निकाले जाएंगे बिजली बिल
धनबाद में अब ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर) रीडिंग से बिजली बिल निकाले जाएंगे। ऊर्जा मित्रों का नाम बदलकर ऊर्जा साथी रखा गया है। विभाग ने बिलिंग प्रतिशत में गिरावट को देखते हुए इस नई प्रणाली को...

धनबाद, रौशन कुमार सिन्हा धनबाद समेत पूरे राज्य अब ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर) रीडिंग से बिजली बिल निकाले जाएंगे। यह एक एप्लीकेशन है, जिसका टेंडर निकालकर फाइनल होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बिजली विभाग ने निर्णय लिया है कि अब ऊर्जा मित्रों को एजेंसी के जरिए नहीं, बल्कि स्वयं रखेगा। विभाग ने ऊर्जा मित्र का नाम बदल कर ऊर्जा साथी कर दिया है। बिजली बिल बनाने के एवज में ऊर्जा साथियों को विभाग की ओर से ही राशि का भुगतान किया जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय रांची भेजा गया है। आदेश आते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
बता दें कि जिले में फिलवक्त एजेंसी के अधीन 450 ऊर्जा मित्र कार्यरत हैं। क्या है ओसीआर रीडिंग ओसीआर एक एप्लीकेशन है। ओसीआर से मीटर रीडिंग डिमांड का फोटो कैप्चर कर बिजली बिल बनेगा। इससे बिजली बिल में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। ऊर्जा साथी (मीटर रीडर) अपने मोबाइल में इस एप्लीकेशन को डाउनलोड करेंगे। ऊर्जा मित्र मीटर में उठी यूनिट के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं। बिल कम करके बनाने एवं गलत रीडिंग डालने का इसमें कोई विकल्प है। जो मीटर में दिखेगा, उसी के आधार पर बिजली बिल बनेगा। इससे उपभोक्ताओं को सही बिजली बिल मिलेगा। बिलिंग प्रतिशत में गिरावट पर विभाग ने उठाया कदम जिले में बिलिंग प्रतिशत में गिरावट आयी है। मई महीना बीत जाने के करीब है। ऊर्जा मित्रों ने उपभोक्ताओं का बिजली बिल मात्र 20 प्रतिशत ही बनाया है। 80 प्रतिशत लोगों को बिल नहीं मिला है। इससे लोगों की परेशानी पूरी तरह से बढ़ गई है। कई ऐसे कनेक्शन धारक हैं, जिन्हें सात-आठ महीने से बिजली बिल नहीं मिला है। यह समस्या किसी एक उपभोक्ताओं की नहीं, बल्कि हजारों लोगों की है। इससे लोग परेशान हैं। एक साथ बिल आने पर लोगों को भुगतान करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बिजली बिल नहीं आने पर कई लोग कार्यालय का चक्कर लगाने को भी मजबूर है। जिले में अब ओसीआर रीडिंग के तहत बिजली बिल निकाले जाएंगे। इसके लिए प्रक्रिया अंतिम चरण में है। एजेंसी द्वारा शत-प्रतिशत बिल नहीं बनाया जा रहा है। बिलिंग प्रतिशत में लगातार गिरावाट आ रही है। इसे देखते हुए ऊर्जा मित्रों को विभाग के अधीन ऊर्जा साथी के रूप में रखकर राशि भुगतान किया जाएगा। इसके लिए मुख्यालय को रिपोर्ट बनाकर भेजा गया। आदेश आते ही काम शुरू किया जाएगा। -एसके कश्यप, अधीक्षण अभियंता
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