हलुदबनी के समीप जंगल में मिला लकड़ी का जखीरा
घाटशिला वन क्षेत्र में लकड़ी की अवैध कटाई और भंडारण की गुप्त सूचना पर वन विभाग ने शनिवार रात से अभियान चलाया। हलुदबनी गांव में 8 से 10 ट्रैक्टर और अन्य वाहनों से बड़ी मात्रा में लकड़ी जब्त की गई,...

घाटशिला, संवाददाता। घाटशिला वन क्षेत्र के में किस प्रकार धड़ल्ले से वनों की कटाई हो रही और वन माफिया इस प्रकार निडर होकर लकड़ी का बेखौफ भंडारण कर रहे हैं, इसका उदाहरण देखना है तो हेंदलजुड़ी पंचायत के हलुदबनी गांव में देखा जा सकता है। यहां पर लकड़ी का डीपो नहीं लकड़ी का जखीरा का भंडाफोड़ हो रहा है। वन विभाग शनिवार की रात्रि से 8 से 10 ट्रैक्टर, पिकअप समेत अन्य वाहन से लकड़ी को ढोकर घाटशिला ला रही थी, यह क्रम रविवार को संध्या चार बजे तक चला, लेकिन लकड़ी खत्म होने का नाम नहीं ले रही थी। जब्त की गई लकड़ी की कीमत 20 से 25 लाख रुपये आंकी जा रही है।
दूसरी ओर देरशाम को जब्त लकड़ी घाटशिला लाने के बाद वनकर्मी पूरे जांच-पड़ताल में जुट गये हैं। वन विभाग की मानें तो पोटास एवं अकाशिया की लकड़ी ही ज्यादा है, लेकिन उनके आड़ में कई सारी महंगी लकड़ी के इसमें शामिल होने की संभावना जतायी जा रही है। इस वन क्षेत्र में वनरक्षी के रूप में आकाश षाड़ंगी कार्यरत थे। जानकारी के अनुसार वन विभाग के एक वरिय अधिकारी को गुप्त सूचना मिली थी कि हेंदलजुड़ी पंचायत के हलुदबनी एकाशिया जंगल में बड़े मात्रा में वन माफियाओं द्वारा लकड़ी का भंडारण किया गया था। वरीय अधिकारी के निर्देश पर शनिवार की रात से ही जोरदार अभियान चलाया गया। इस दौरान जेसीबी, पिकअप वैन, 8 से 10 ट्रैक्टर को लेकर वनकर्मी पहुंचे। वनकर्मी को देख लकड़ी माफिया वहां से फरार हो गये। इसके बाद लकड़ी जब्त कर घाटशिला लाने की पहल शुरू हुई। दूसरी ओर वन विभाग के कर्मचारियों की लकड़ी का इतना बड़ा भंडारण देखकर नींद उड़ गई। मामले की जानकारी डीएफओ के साथ-साथ रेंजर को भी दी गई लेकिन रविवार को दिन के 1 बजे तक रेंजर इसकी सुध लेने नहीं पहुंचे थे, क्योंकि उन्हें कई वन क्षेत्र का प्रभार मिला हुआ है। हालांकि सभी भंडारण किये लकड़ी को घाटशिला देर शाम तक लाया गया। बता दें कि वनों की सुरक्षा को लेकर हर पंचायत में वन सुरक्षा समिति के साथ-साथ वनरक्षी को नियुक्त किया गया है, बावजूद इसके इस प्रकार भंडारण होने और वन विभाग के कर्मचारियों को न मालूम होना, लोगों को पच नहीं पा रहा है। इस संबंध में वनरक्षी आकाश षाड़ंगी ने कहा कि वह पिछले आठ महीने से प्रशिक्षण लेने बाहर गये थे, दो सप्ताह पहले ही वनक्षेत्र में योगदान दिया है, इस भंडारण की जानकारी उन्हें नहीं है। वहीं डीएफओ सबा अहमद अंसारी ने कहा कि अवैध भंडारण किये गये लकड़ी के जखीरा को जब्त कर घाटशिला वन विभाग के अधीन लाया गया है, इसे किसने भंडारण किया था और लकड़ी कहां से लाकर भंडारण हुई थी, जांच के बाद दोषियों पर निश्चित तौर पर कार्रवाई की जायेगी। साथ ही अगर इसमें हमारे वनकर्मी भी दोषी पाये जाते हैं तो उनपर भी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि जांच चल रही है, भंडारण किये लकड़ी की कीमत 20 लाख तक हो सकती है।
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