राजधानी में मुख्य सड़कों से गायब होंगे ई-रिक्शा... जानें परिवहन विभाग की स्ट्रेटजी
जयपुर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव और अव्यवस्थित सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए परिवहन विभाग एक्शन मोड में आ गया है।

जयपुर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव और अव्यवस्थित सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए परिवहन विभाग एक्शन मोड में आ गया है। शहर की मुख्य सड़कों पर यातायात का दबाव कम करने और यात्री सुविधाओं को बेहतर करने की दिशा में विभाग ने नया ट्रैफिक प्लान तैयार किया है। इसके तहत अब पिंकसिटी की प्रमुख सड़कों से ई-रिक्शा हटाए जाएंगे, और उन्हें सेक्टर सड़कों तक सीमित कर दिया जाएगा।
आरटीओ को मिली ज़िम्मेदारी, फ्लाइंग स्क्वॉड करेगा निगरानी
परिवहन विभाग ने इस योजना की जिम्मेदारी आरटीओ प्रथम को सौंपी है। योजना को सख्ती से लागू करने के लिए उड़नदस्तों का गठन कर दिया गया है, जो नियमों के उल्लंघन पर तत्काल कार्रवाई करेंगे। अब ई-रिक्शा सिर्फ सेक्टर स्तर की कॉलोनियों और छोटी सड़कों पर ही चल सकेंगे, जबकि मुख्य सड़कों पर ऑटो, कैब, मिनी बस और लो-फ्लोर बसों का संचालन प्राथमिकता में रहेगा।
अवैध परमिट और मनमानी पर लगाम
शहर में मिनी बस संचालन को लेकर भी गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। कई बस संचालक ऐसे हैं जिन्होंने एक रूट के लिए परमिट लिया, लेकिन बसों का संचालन व्यस्त और लाभदायक रूटों पर कर रहे हैं। इससे जहां ट्रैफिक दबाव बढ़ा है, वहीं अन्य यात्रियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आरटीओ की ओर से अब ऐसे फर्जी और नियम विरुद्ध परमिट की जांच की जाएगी। जो बसें परमिट लेने के बाद भी संचालन नहीं कर रहीं, उनके परमिट भी निरस्त करने की तैयारी है।
यूनियनों के साथ अहम बैठक 20 जून को
आरटीओ प्रथम राजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि 20 जून को सार्वजनिक परिवहन से जुड़े सभी यूनियन पदाधिकारियों और बस संचालकों के साथ अहम बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में नियमों का पालन सुनिश्चित करने को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। बिना परमिट या नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है।
ई-रिक्शा के लिए कलर कोड योजना फेल
शहर में ट्रैफिक पुलिस की ओर से ई-रिक्शा संचालन के लिए पहले एक कलर कोड स्कीम लाई गई थी, ताकि उन्हें तय रूटों पर सीमित किया जा सके। लेकिन यह योजना क्रियान्वयन के अभाव में ठंडे बस्ते में चली गई। वर्तमान में परकोटे से लेकर प्रमुख मार्गों तक ई-रिक्शा की भरमार है, जिससे जाम और दुर्घटनाओं की आशंका हमेशा बनी रहती है। कई ई-रिक्शा चालक बिना लाइसेंस और सुरक्षा मानकों के सड़कों पर वाहन दौड़ा रहे हैं।
340 नए परमिट जारी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में 340 नए परमिट जारी किए गए हैं। इनसे शहर में अधिकृत वाहनों की संख्या बढ़ेगी और यात्री सुविधाओं में सुधार होगा। विभाग का मानना है कि नियमन और सख्ती के जरिए राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था को नया आकार दिया जा सकता है।
जयपुर में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर यह कदम बदलाव की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। यदि योजना को पूरी गंभीरता से लागू किया गया, तो आने वाले समय में शहरवासियों को जाम से राहत और सार्वजनिक परिवहन में सुधार की उम्मीद जरूर बंधेगी।
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