बोले हजारीबाग : हर रोज जाम, हर कोना बदबूदार पूछ रहे लोग-कब सुधरेगा बरही
बरही के लोग कूड़ा-कचरा, अतिक्रमण और सड़क जाम की समस्याओं से जूझ रहे हैं। बरही चौक पर पेयजल और सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे स्थानीय नागरिकों और यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।...

बरही । बरही के लोग कूड़ा-कचरा, अतिक्रमण और सड़क जाम की समस्या से जूझ रहे हैं। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेजों ने ग्रांड ट्रंक रोड पर बराकर नदी के पास और वर्तमान बरही प्रखंड तथा अंचल कार्यालय स्थल पर सैनिक पड़ाव का निर्माण किया था। वर्तमान में बरही का चौराहा अंतरराज्यीय होने के कारण प्रतिदिन हजारों यात्री और व्यावसायिक वाहन बरही चौक से होकर गुजरते हैं। बरही चौराहे को देखकर दूसरे राज्यों के नागरिकों के दिलो-दिमाग में झारखंड की छवि बनती है। इसके बावजूद बरही चौराहा उपेक्षा और प्रशासनिक लापरवाही का दंश झेल रहा है। बरही चौक के चारों ओर सर्विस रोड पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है।
पैदल चलने वालों को सड़क पर चलना मुश्किल हो रहा है। सार्वजनिक सर्विस रोड पर अतिक्रमण को न्यायालय ने अवैध बताया है। पैदल चलने वालों का ही सर्विस रोड पर चलने का अधिकार है। इसके बावजूद बरही के सर्विस रोड पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है । सड़क अतिक्रमण के कारण दुर्घटनाएं भी होती हैं। बरही चौक पर पेयजल की कोई सार्वजनिक सुविधा नहीं है। बाहर से आने वाले यात्री, सब्जी-फल विक्रेता और खरीदारी करने आने वाले ग्राहकों को बोतल बंद पानी खरीदकर पीना पड़ता है। यहां तक कि आसपास स्थित छोटे दुकानों और होटलों में भी पानी की व्यवस्था नहीं है। बरही चौक के आसपास रहने वाले लोग और दुकानदार बताते हैं कि वे खुद पानी खरीदकर नहाते हैं और पीते हैं। बरही चौक के आसपास के मोहल्लों मल्लाह टोली, धोबी टोला, तिलैया रोड में भू-जल स्तर इतना नीचे चला गया है कि चापाकल से पानी ही नहीं निकलता। नहाने और कपड़ा धोने के लिए लोग जवाहर घाट जाते हैं, जबकि पीने का पानी खरीदकर पीते हैं। बरही में न तो नगरपालिका है और न ही बरही अधिसूचित क्षेत्र समिति (नोटिफाइड एरिया कमिटी) बनी है। यही कारण है कि बरही की साफ-सफाई का जिम्मा लेने वाला कोई सरकारी विभाग नहीं है। बरही में ग्राम पंचायत है, लेकिन वह भी साफ-सफाई की जिम्मेदारी से बचना चाहती है। बरही चौक से सटी चार पंचायतें हैं बरही पूर्वी, बरही पश्चिमी, कोनरा और बेंदगी। जब तक बरही को नोटिफाइड एरिया घोषित नहीं किया जाता, तब तक इन चारों पंचायतों को मिलकर बरही की साफ-सफाई का जिम्मा लेना चाहिए। बरही चौराहा न केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि व्यापार, पर्यटन और परिवहन के लिहाज से भी इसकी भूमिका बेहद अहम है। हर दिन हजारों ट्रक, बसें और निजी वाहन इस चौराहे से गुजरते हैं, जिससे यहां के छोटे व्यापारियों को रोज़गार का अवसर मिलता है। लेकिन सड़कों पर पसरी गंदगी, जगह-जगह कूड़े के ढेर और पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण बरही चौराहा एक बदहाल तस्वीर पेश करता है। बरसात के मौसम में नालियों के जाम होने से सड़कों पर गंदा पानी भर जाता है। इससे यात्रियों और स्थानीय नागरिकों को आवागमन में परेशानी होती है। नगर परिषद या अधिसूचित क्षेत्र समिति के अभाव में यहां सफाई, जल-निकासी, सड़क मरम्मत या ठोस कचरा प्रबंधन जैसे मूलभूत कार्यों के लिए कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है। स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधि और समाजसेवियों को मिलकर बरही को एक आदर्श और स्वच्छ चौराहा बनाने की दिशा में ठोस पहल करनी होगी। प्रस्तुति : श्याम मोहन शर्मा पर्यटनस्थल बने बरही चौक बरही चौराहा केवल एक ट्रैफिक प्वाइंट नहीं, बल्कि ऐतिहासिक धरोहरों से जुड़ा स्थल है। सम्राट अशोक द्वारा निर्मित ग्रांड ट्रंक रोड, अंग्रेजों द्वारा बनाए गए सैन्य पड़ाव, और कर्नल कनीवेट की कब्र जैसे स्थल इसकी ऐतिहासिक पहचान हैं। लेकिन इन स्थलों का संरक्षण नहीं हो रहा है। यदि इन धरोहरों का पुनरुद्धार किया जाए और इसे पर्यटनस्थल के रूप में विकसित किया जाए, तो स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलेगा और बरही की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बन सकती है। नालियों की नहीं होती है सफाई बरही चौराहा और आसपास का क्षेत्र गंदगी और कचरे के ढेर से पटा रहता है। नालियों की नियमित सफाई नहीं होती, जिससे जलजमाव की स्थिति बनी रहती है। कहीं-कहीं कचरा सड़क पर फैलता है, जिससे राहगीरों को दुर्गंध और असुविधा का सामना करना पड़ता है। साफ-सफाई की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है क्योंकि न तो नगरपालिका है और न ही अधिसूचित क्षेत्र समिति। चारों पंचायत अगर मिलकर ठोस कचरा प्रबंधन की योजना बनाएं, नियमित सफाई कर्मी बहाल करें। अतिक्रमण से होती है परेशानी बरही चौक पर सर्विस रोड समेत मुख्य सड़कों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। दुकानदारों ने फुटपाथ और सड़क तक सामान फैलाकर ट्रैफिक को बाधित कर रखा है। इससे अक्सर जाम की स्थिति बनती है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। पैदल चलने वालों को भी सड़क पर उतरना पड़ता है। इससे हादसा होने का भय बना रहता है। प्रशासन भी अतिक्रमण के खिलाफ कोई विशेष कार्रवाई नहीं करती है। साथ ही ट्रैफिक पुलिस के नहीं रहने से स्थिति और खराब हो जाती है। लोगों ने कहा- चौक में शौचालय की व्यवस्था की जाए बरही चौराहा की सर्विस रोड और फुटपाथ पर दुकानदारों व ठेला चालकों ने अतिक्रमण कर लिया है। इससे सड़क संकरी हो गई है। -विनोद विश्वकर्मा बरही चौक और आस-पास के क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन की कोई व्यवस्था नहीं है। सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे रहते हैं व नालियों की सफाई नहीं होती। -अब्दुल मनान बरही चौक पर पेयजल की सुविधा नहीं है। स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों को बोतलबंद पानी खरीदकर पीना पड़ता है। -भगवान केशरी सड़कों पर ट्रक, ऑटो व बसों की अव्यवस्थित पार्किंग होती है। अतिक्रमण और चौकसी के अभाव में रोजाना घंटों जाम लगता है। -रिजवान अली बरही चौराहा जैसे व्यस्त स्थान पर कोई सार्वजनिक शौचालय नहीं है। यात्री, विक्रेता और राहगीर खुले में शौच को मजबूर होते हैं। -संजय गुप्ता
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।