आदिवासी संगठनों का 4 जून को झारखंड बंद, सफल बनाने पर बैठक
आदिवासी बचाओ मोर्चा और विभिन्न आदिवासी संगठनों ने 4 जून को झारखंड बंद का आह्वान किया है। भारत आदिवासी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार पर वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया है। मुख्य मुद्दे में...

आदिवासी बचाओ मोर्चा एवं विभिन्न आदिवासी संगठनों की ओर आहूत 4 जून के झारखंड बंद को सफल बनाने के लिए भारत आदिवासी पार्टी के साथ विभिन्न सामाजिक एवं अन्य संगठनों ने तैयारी शुरू कर दी है। इन संगठनों की तैयारी बैठक बारीडीह स्थित शकुंतला उद्यान में रविवार को आयोजित हुई। इस मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भारत आदिवासी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि राज्य सरकार अपने वादे के अनुसार एक भी नीति बनाने में विफल रही है। बंदी का मुख्य मुद्दा केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली के पास से रैंप हटाना, आदिवासियों के धार्मिक स्थल सिरम टोली रांची, मरंगबुरू (पारसनाथ पहाड़) लुगु बुरु, मूढ़हार पहाड़, पिठोरिया देवड़ी दिरी तमाड़ की रक्षा, आदिवासियों का धार्मिक सामाजिक और रैयती जमीन की लूट पर रोक, पेसा की नियमवाली को यथाशीघ्र लागू करना और स्थानीय नीति यथाशीघ्र बनाने की मांगें हैं।
उन्होंने बंदी को सफल बनाने के लिए आदिवासी सामाजिक संगठनों से विशेष रूप से अपील की है। भारत आदिवासी पार्टी के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कार्तिक मुखी ने कहा कि इन मुद्दों पर राज्य सरकार की ओर से कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। 4 जून को केंद्रीय सरना स्थल सिरम टोली के पास रैंप का उद्घाटन होने जा रहा है। इसलिए बाध्य होकर 4 जून को झारखंड बंद आहूत की गयी है। पार्टी के जिला अध्यक्ष मदन मोहन सोरेन ने कहा कि जल, जंगल, जमीन और प्राकृतिक संसाधनों की लूट चरम पर है। अब अपने हक और अधिकार के लिए रोड पर उतरना ही होगा। इस अवसर पर संजय नायक, विमल कालिंदी, सुदाम सिंह मुंडा, दिनकर कच्छप, संजय मुंडा, इंद्रजीत मुंडा, भोगान हेम्ब्रम, शिवनाथ सिंह मुंडा आदि उपस्थित थे।
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