फूड कार्ट के लिए नहीं पड़ी एक भी निविदा, टेंडर रद्द
जमशेदपुर में किन्नरों और एसटी, एससी और ओबीसी की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 50 फूड कार्ट बनाने की योजना का टेंडर किसी ने नहीं भरा। सोमवार को डीसी ऑफिस में टेंडर जमा होने थे, लेकिन कोई संवेदक...

जमशेदपुर के किन्नरों और एसटी, एससी और ओबीसी की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने वाली योजना के टेंडर में किसी ने रुचि नहीं दिखाई। सोमवार को डीसी ऑफिस के योजना एवं विकास शाखा में टेंडर डाला जाना था। परंतु कोई संवेदक नहीं आया। इसके कारण टेंडर रद्द हो गया। अब फिर से इस टेंडर को प्रकाशित किया जाएगा। नीति आयोग की इस योजना के तहत 50 फूड कार्ट (खाने-पीने की ठेला नुमा दुकान) जिला प्रशासन बनवाएगा। इसके लिए जिला योजना पदाधिकारी ने 58 लाख 32 हजार रुपये का टेंडर निकाला था। इसके तहत सबसे कम दर दर्ज करने वाली एजेंसी को ठेका दिया जाएगा।
ठेका एजेंसी को 50 फूड कार्ट बनवाकर देना है। फिर वह अपने कारीगरों के माध्यम से ट्रांसजेंडरों व आरक्षित वर्ग की इच्छुक महिलाओं को प्रशिक्षित करेगा। यही नहीं, छह महीने तक उन्हें इसे चलाकर दिखाना भी होगा। ये फूड कार्ट जमशेदपुर अक्षेस, मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद क्षेत्र में खोले जाएंगे। 15 फूड कार्ट किन्नरों, 35 महिलाओं को कुल 50 फूड कार्ट बनाने की योजना है। इसमें से 30 प्रतिशत और 70 प्रतिशत का वर्गीकरण किया गया है। 30 प्रतिशत अर्थात 15 कार्ट किन्नरों जबकि शेष 35 आदिवासी, दलित व अन्य पिछड़े वर्ग की महिलाओं को दिए जाएंगे। हालांकि ट्रांसजेंडरों की ओर से अगर अधिक आवेदन आएंगे, तो उन्हें दी जाने वाली फूडकार्ट की संख्या बढ़ाई जाएगी। अर्थात इस योजना में उन्हें वरीयता देनी है।
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