हज कमेटी शुरू कर रही है UPSC कोचिंग, इस बार दूसरे अल्पसंख्यकों के लिए भी सीटें
देश में 21 केंद्रों पर 13 जुलाई को एक प्रवेश परीक्षा होगी। इसके बाद एक निबंध लेखन और बाद में इंटरव्यू किए जाएंगे। इस प्रक्रिया के जरिए 100 उम्मीदवारों का चयन किया जाना है। कोचिंग प्रोग्राम 11 अगस्त से शुरू होगा। कुल 100 सीटें हैं।

HCI यानी भारतीय हज कमेटी ने एक बार फिर मुंबई की आवासीय कोचिंग सुविधा शुरू करने जा रही है। खबर है कि समिति ने इस बार मुस्लिम अभ्यर्थियों के अलावा अन्य अल्पसंख्य समुदायों के बच्चों को भी शामिल करने का फैसला लिया गया है। इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है। संस्थान को दिसंबर 2023 में बंद कर दिया गया था। हालांकि, तब कमेटी ने कहा था कि यह अस्थायी है और इसे दोबारा जल्द शुरू किया जाएगा।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हज कमेटी ने अन्य अल्पसंख्यकों, एससी एसटी और ओबीसी के लिए 20 फीसदी सीटें देने का फैसला किया है। जबकि, 80 प्रतिशत सीटें मुस्लिम अभ्यर्थियों के लिए रिजर्व रहेंगी। खास बात है कि यह पहला मौका है जब कमेटी ने अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लिए भी सीटें शामिल करने का ऐलान किया है।
कैसे होगा सिलेक्शन
कमेटी ने 22 मई को अधिसूचना जारी की थी, जिसके जरिए नए बैच के लिए आवेदन बुलाए गए। इसके तहत साल 2026 सिविल सर्विसेज परीक्षाओं के लिए उम्मीदवारों को तैयार करना है। देश में 21 केंद्रों पर 13 जुलाई को एक प्रवेश परीक्षा होगी। इसके बाद एक निबंध लेखन और बाद में इंटरव्यू किए जाएंगे। इस प्रक्रिया के जरिए 100 उम्मीदवारों का चयन किया जाना है। कोचिंग प्रोग्राम 11 अगस्त से शुरू होगा। कुल 100 सीटें हैं।
HCI की कोचिंग
हज के लिए जाने वाले लोगों से मिलने वाले अनुदान से यह कोचिंग काम करती है। इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी। अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अब तक करीब 1500 छात्र कोचिंग ले चुके हैं और 25 का सिविल सर्विसेज में चयन हुआ है।
HCI के सीईओ शानवाज सी ने अखबार को बताया, '(अल्पसंख्यक) मंत्रालय ने सहयोग देने की बात कही है। जिन राज्यों में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है, हम वहां ऐसे ही कोचिंग सेंटर खोलने पर विचार कर रहे हैं।' खास बात है कि रहना और कोचिंग मुफ्त कराई जाती है और भोजन सब्सिडी के रेट पर मिलता है। डिप्टी सीईओ सदाफत अली ने अखबार से कहा, 'हम भोजन पर होने वाले खर्च के लिए नीति बनाने पर काम कर रहे हैं।'