जेनसोल इंजीनियरिंग स्कैम: NCLT ने प्रमोटर्स समेत 37 पर कस दिया बड़ा शिकंजा
NCLT को जेनसोल इंजीनियरिंग, उससे जुड़ी अन्य कंपनियों, मालिकों और कुल 37 लोगों/संस्थाओं के को दुनिया भर के बैंक खातों, लॉकर्स और हर तरह की संपत्ति (जमीन, मकान, शेयर आदि) का ब्यौरा देना होगा।

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की अहमदाबाद पीठ ने बुधवार, 28 मई को Gensol Engineering Ltd., उसकी संबंधित संस्थाओं और प्रमोटरों के खिलाफ वित्तीय कदाचार, कॉर्पोरेट धोखाधड़ी और शासन मानदंडों के व्यवस्थित उल्लंघन के गंभीर आरोपों के बाद कड़ी कार्रवाई शुरू की है। नियामकों द्वारा "महत्वपूर्ण सार्वजनिक हित" वाला बताया गया यह मामला, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA), SEBI, SFIO, RBI और आयकर विभाग सहित कई एजेंसियों की ज्वाइंट कार्रवाई का कारण बना है।
आरोप क्या हैं?
कंपनी के मालिक, अनमोल सिंह जाजी और पुनीत सिंह जाग्गी, पर आरोप है कि उन्होंने कंपनी के पैसे ग़लत तरीके से निकाल लिए (फंड डायवर्जन)। कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड (फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स) में हेराफेरी की गई। कंपनी की संपत्तियों को बिना इजाजत बेचा या गिरवी रखा गया।
कंपनी ने बैंकों को झूठ बताकर बड़े लोन लिए और फिर उन्हें चुकाने से मना कर दिया, जबकि दावा किया कि सब ठीक है। खास तौर पर, कंपनी की इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सहायक कंपनी के लिए मिले करीब 975 करोड़ रुपये के लोन का गलत इस्तेमाल होने का शक है।
NCLT ने क्या सख्ती की है?
NCLT ने जेनसोल इंजीनियरिंग, उससे जुड़ी अन्य कंपनियों, मालिकों और कुल 37 लोगों/संस्थाओं के खिलाफ ये कड़े आदेश दिए हैं:
1. जमा करो जानकारी: इन सभी 37 को अपने दुनिया भर के बैंक खातों, लॉकर्स, और हर तरह की संपत्ति (जमीन, मकान, शेयर आदि) का ब्यौरा देना होगा।
2. खाते और संपत्ति जब्त: RBI और भारतीय बैंक संघ (IBA) को आदेश है कि जेनसोल, उसके मालिकों और जुड़ी कंपनियों के सारे बैंक खाते और लॉकर्स फ्रीज कर दें और उनकी संपत्तियों पर कब्ज़ा कर लें।
3. संपत्ति बेचने पर रोक: जेनसोल और उससे जुड़े लोग अपनी कोई भी संपत्ति (भारत या विदेश में) बेच नहीं सकते, गिरवी नहीं रख सकते या ट्रांसफर नहीं कर सकते।
4. शेयर बाजार में रोक: कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय (MCA) शेयर बाजार (BSE और NSE) को बताएगा कि जेनसोल या उसके मालिकों द्वारा किसी भी शेयर की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दें।
5. शेयर जब्त: CDSL और NSDL (जहां शेयर जमा रहते हैं) को आदेश है कि आरोपियों के सारे शेयर फ्रीज कर दें और जब्त कर लें।
6. विदेश में भी कार्रवाई: MCA को ये भी अधिकार दिया गया है कि वो भारत के दूतावासों के जरिए विदेशों में भी ट्रिब्यूनल के इन आदेशों को लागू करवाए।
7. आयकर विभाग से जानकारी: आयकर विभाग को इन लोगों की संपत्तियों का विवरण पेश करने को कहा गया है।
जेनसोल इंजीनियरिंग की पूरी कहानी?
जेनसोल इंजीनियरिंग एक लिस्टेड कंपनी है, जो सोलर पावर प्रोजेक्ट्स (EPC) और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) के काम करती है। हाल के सालों में खासकर EV बिजनेस में आने के बाद इसका नाम काफी चमका था। लेकिन, जब इसके लोन के दस्तावेजों और वित्तीय हालात में गड़बड़ियां पकड़ी गईं, तो SEBI (शेयर बाजार नियामक) और SFIO (गंभीर धोखाधड़ी जांच एजेंसी) ने जांच शुरू की।
जांच में पता चला कि कंपनी के मालिकों ने कंपनी का पैसा अपनी दूसरी कंपनियों और निजी खातों में डाला। कंपनी की असली आर्थिक हालत छिपाकर बैंकों और निवेशकों को गुमराह किया गया। बिजनेस बढ़ाने और इलेक्ट्रिक कारें बनाने के नाम पर लिए गए लोन के पैसे से शक है कि मालिकों ने अपने लिए महंगी प्रॉपर्टी खरीदी।
अगली सुनवाई 3 जून को
अगली सुनवाई 3 जून 2025 को NCLT की नियमित पीठ के सामने होगी। सभी 37 आरोपियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं ताकि वे अपना पक्ष रख सकें। जांच के नतीजों के आधार पर और भी सख्त कार्रवाई हो सकती है।
यह मामला साल 2025 के अब तक के सबसे बड़े कॉर्पोरेट घोटालों में से एक है। इसने भारत के तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक व्हीकल और ग्रीन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में जांच-पड़ताल (ड्यू डिलिजेंस) और नियमों की सख्ती पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।