सरकार गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने का कर रही है प्रयास : राजीव रंजन प्रसाद
झारखंड सरकार गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है। झारखंड गो सेवा आयोग ने गोवंशीय पशुओं के संरक्षण और महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कई पहल की हैं। आयोग ने 5000 महिलाओं को गोबर...

सरकार गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने का कर रही है प्रयास : राजीव रंजन प्रसाद जामताड़ा,प्रतिनिधि। झारखंड प्रदेश के अलग-अलग जिले में संचालित निबंधीत 23 गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने, देसी नस्ल के गोवंशीय पशुओं का संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर झारखंड गो सेवा आयोग गंभीर है।यही नहीं गोबर संस्करण से हजारों महिलाओं को रोजगार से जोड़कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से झारखंड गौ सेवा आयोग काम कर रही है। उक्त बातें मंगलवार को श्रीश्री कृष्ण गौशाला चाकड़ी के निरीक्षण के दौरान झारखंड गौ सेवा आयोग रांची के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने पत्रकारों से कहा। राजीव रंजन प्रसाद ने कहा पूरे राज्य में 23 निबंधीत गौशाला संचालित है।
वर्तमान हेमंत सरकार गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहा है। आयोग के पिछले डेरी वर्षों के कार्यकाल में गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई प्रयास सफल हुए हैं। आगे भी आयोग प्रयास कर रही है कि गोबर संस्करण को रोजगार से जोड़कर हजारों महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाएगा। इसको लेकर राज्य स्तर पर अलग-अलग जिले से 5000 महिलाओं को गोबर से पूजन में आवश्यकता वाली सामग्री निर्माण एवं उसके बिक्री के प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य स्तर पर प्रशिक्षित प्रत्येक महिलाएं अपने-अपने प्रखंड में 50-50 महिला समूह को गोबर संस्करण से रोजगार सृजन करने से संबंधित प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोड़ने का प्रयास करेगी। आयोग से गौशाला प्रबंधन ही नहीं बल्कि पशुपालक भी सामान्य रूप से जुड़ सके और सुझाव तथा समस्याओं को आयोग तक पहुंच सके, इतना ही नहीं गोपालन को लेकर गौशाला में चल रहे सभी प्रकार की गतिविधियों से लोग घर बैठे जानकारी प्राप्त कर सके, इसको लेकर आयोग ने राज्य स्तर पर वेबसाइट लांच किया है। कहा कि हेमंत सरकार गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने में सभी प्रकार का प्रयास कर रहे हैं। इन्होंने पशु वंश के खाना मद में दी जा रही 20 रुपए को बढ़ाकर 100 रुपए प्रति गोवंश किया है। इस राशि को भविष्य में बढ़ाया जाएगा ऐसा आयोग एवं राज्य सरकार का प्रयास चल रहा है। कहा कि पूर्व में तस्करी के दौरान पकड़े गए गोवंश को गौशाला में रखरखाव के लिए जिला प्रशासन भेजते हैं इसके लिए उपायुक्त के अनुशंसा के बाद राज्य गौ सेवा आयोग की स्वीकृति के बाद गौशाला को गोवंश के संरक्षण से संबंधित राशि प्राप्त होता था। इसमें लंबे समय कागजी प्रक्रिया में नष्ट हो जाता था। जिस कारण गौशाला को परेशानी होती थी। अब सभी जिले के उपायुक्त से आयोग ने वार्ता कर ली है कि गोवंश गौशाला को सुपुर्द करते ही उनकी अनुशंसा झारखंड गौ सेवा आयोग को उपलब्ध करावे ताकि गौशाला प्रबंधन को शीघ्र राशि आवंटित की जा सके। उपाध्यक्ष राजू गिरी ने कहा कि आयोग प्रयास कर रही है कि प्रत्येक जिले में गोमुक्ति केंद्र का संचालन शुरू हो इसकी शुरुआत पलामू जिले से हुई है। शीघ्र ही अन्य जिले में गोमुक्ति धाम दिखेगी। आगे कहा कि शहरी क्षेत्र में सड़क पर भटकने वाले गोवंश के लिए जिला स्तर पर कांजी हाउस संचालित हो इसको लेकर आयोग ने प्रयास शुरू कर दी है। पहले चरण में जमशेदपुर में ढाई करोड़ की लागत से कांजी हाउस का निर्माण हो रहा है। ऐसा भी आयोग का प्रयास है कि जिले स्तर पर सीएसआर के सहयोग से कांजी हाउस का निर्माण हो इस दिशा में सरकार से वार्ता चल रही है। मौके पर अध्यक्ष उपाध्यक्ष समिति अन्य पदाधिकारी ने स्थानीय गौशाला प्रबंधन पदाधिकारी के साथ गौशाला में रह रहे गोवंश का निरीक्षण किया गौशाला में उपलब्ध सुविधाओं तथा समस्याओं के बारे में भी चर्चा किया। फोटो जामताड़ा 06 गोशाला का निरीक्षण करते गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष व अन्य
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