शिक्षक अपने कर्तव्यों के प्रति पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी बरते: शिक्षा मंत्री
नेतरहाट आवासीय विद्यालय में छात्रों के सर्वांगीण विकास और कौशल उन्नयन के लिए संसाधनों की उपलब्धता पर शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने एक कार्यशाला में चर्चा की। उन्होंने शिक्षकों से निष्ठा और ईमानदारी से...

महुआडांड़, प्रतिनिधि। नेतरहाट आवासीय विद्यालय की स्थापना का उद्देश्य छात्रों का सर्वांगीण विकास और कौशल उन्नयन रहा है। यहां लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब और प्रयोगशालाओं जैसे संसाधन उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग कर छात्र अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं। उक्त बातें शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने नेतरहाट आवासीय विद्यालय में आयोजित आधुनिक शिक्षा, शिक्षक और वर्तमान चुनौतियां पर एक दिवसीय शैक्षणिक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा। उन्होने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कई नवाचार शुरू कर रही है। साथ ही, उन्होंने शिक्षकों से अपने कर्तव्यों के प्रति पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी बरतने की अपील की। इसके पूर्व उक्त कार्यशाला का उद्घाटन शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने किया।
शैक्षणिक काउंसलर डॉ. मनुकुल शैक्षणिक ने पावरपॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से उन्होंने शिक्षकों को उनकी शिक्षण प्रणाली को नवाचारों के साथ और प्रभावी बनाने के व्यावहारिक उपाय सुझाए। वहीं उपायुक्त डी.पी. पटेल ने कहा कि छात्रों का सर्वांगीण विकास ही शिक्षा का मूल लक्ष्य है। विद्यालय की 55-60 हजार पुस्तकों वाली लाइब्रेरी का उपयोग कर छात्र अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं। संयुक्त सचिव कुंवर सिंह पाहन ने कहा कि शिक्षकों से अपनी शिक्षण प्रणाली को और बेहतर बनाने का आह्वान किया। पूर्व कुलपति डॉ. कामिनी कुमार ने शिक्षकों को छात्रों के साथ मधुर और सहयोगात्मक संबंध स्थापित करना चाहिए, ताकि छात्र निर्भय होकर प्रश्न पूछ सकें। विधायक रामचन्द्र सिंह ने कहा नेतरहाट विद्यालय झारखंड का गौरव है। शिक्षक विद्यालय के आधार हैं और उन्हें छात्रों के साथ कुशल समन्वय बनाए रखना चाहिए। उन्होने विद्यालय का लाभ स्थानीय लोगों को भी मिले इसके बारे में शिक्षा मंत्री के समक्ष अपनी मांग रखी। इसके पूर्व कल्पतरु वृक्ष के पौधारोपण मंत्री ने किया। वहीं इस दौरान विद्यालय के प्राचार्य संतोष कुमार ने सभी अतिथियों का अंगवस्त्र और विद्यालय का प्रतीक चिह्न भेंटकर स्वागत किया। उन्होंने स्वागत भाषण दिया। इसके पश्चात मंत्री ने विद्यालय के नवनिर्मित अष्टम आश्रमवर्ग का उद्घाटन और नामकरण किया। आश्रम के तीन भवनों का नामकरण झारखंड के वीर सपूतों नीलाम्बर-पिताम्बर, सिदो-कान्हू और वीर बुधु भगत के नाम पर किया गया। मौके पर नेतरहाट के पूर्व छात्र प्रो. प्रिय रंजन,पूर्व प्राचार्य विन्ध्याचल पांडेय, विद्यालय के सभापति संतोष उरांव, अपर समाहर्ता रामा रविदास और जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रिंस कुमार शामिल थे।
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