बोले रामगढ़ : गोला में डियर पार्क चालू हो जाए तो बढ़ेगा रोजगार, चमकेगा इलाका
गोला प्रखंड के पूरबडीह में वन विभाग द्वारा तैयार किया गया डियर पार्क अब तक चालू नहीं हो सका है। 17 एकड़ में फैले इस पार्क में कई प्रजातियों के हिरणों को रखने की योजना है। पार्क के उद्घाटन में देरी से...
गोला।गोला प्रखंड के पूरबडीह स्थित वन विभाग कार्यालय के पास डियर पार्क सह सॉफ्ट रिलीज सेंटर बन कर तैयार हो गया है। 17 एकड़ प्राकृतिक जंगलों की घेराबंदी करके इस पार्क को बनाया गया है। इस पार्क में जंगलों से भटके हिरणों के अलावा कई प्रजातियों के हिरण को रखने की योजना थी। लाखों खर्च करके हिरण पार्क बन जाने के बाद भी यह पार्क अब तक चालू नहीं हो सका है। जिससे सरकार को लाखों रुपए के राजस्व हानी हो रही है। हिन्दुस्तान के बोले रामगढ़ की टीम से यहां के लोगों ने अपनी समस्या साझा की। गोला मुरी मुख्य मार्ग पर पूरबडीह स्थित वन विभाग कार्यालय के पास डेढ़ दशक पूर्व 2009-10 में डियर सॉफ्ट रिलीज सेंटर पार्क बन कर तैयार हो गया था।
लेकिन अश्चर्य की बात है कि इतने साल बीत जाने के बाद भी आज तक इस पार्क का उदघाटन नहीं हो सका है। प्राकृतिक वनों से आच्छादित यहां की 17 एकड़ भूमि में हिरण पार्क फैला हुआ है। इसका निर्माण वन विभाग ने 18 लाख रुपए की लागत से कराया है। पार्क के अंदरुनी भाग में मिट्टी मोरम का रास्ता, पोस्टमार्टम हाऊस, रेस्ट रुम, कराल, तालाब, पेयजल, सीएलएम फेंसिंग व अन्य सुविधाएं बन कर तैयार है। इस पार्क में भटके हिरणों के अलावे 50 से अधिक हिरण व वन्य प्राणियों को रखने की योजना थी। लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण यह शुरु नहीं हो सका है। जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान होने के साथ घेराबंदी में लगे कंटीले तारों की बाड़ भी टूटने लगी है। दिवारें भी जगह जगह धंस रही है। अगर इस हिरण पार्क का शुभारंभ हो जाए तो यह रामगढ़ जिला का पहला हिरण पार्क होगा। यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग व रेलवे मार्ग दोनों तरह की उत्तम व्यवस्था है। यह पार्क मुरी मार्ग पर गोला से महज तीन किलो मीटर दूर व मुरी रेलवे स्टेशन से 20 किमी व गोला रेलवे स्टेशन से 4 किमी दूर है। इस हिरण पार्क से महज एक किमी के फासले पर हारुबेरा रेलवे स्टेशन है। मुरी, टाटा-बरकाकाना रेलखंड इसी के पास से गुजरी है। राज्य के किसी भी कोने के पर्यटक यहां सड़क व रेल मार्ग से पहुंच सकते हैं। हिरण पार्क का उदघाटन होने से सरकार को राजस्व लाभ होने के साथ क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे पलायन की समस्या में अंकुश लगेगा। बच्चों के साथ बड़े बुजूर्गों के लिए यह पार्क आकर्षण का केंद्र होगा। इसके उदघाटन होने से स्थानीय लोगों के साथ बाहर के भी पर्यटक यहां हिरण देखने पहुंचेंगे। वर्तमान रेंजर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि पार्क का निर्माण पूरा हो गया है। वन विभाग को हिरण मंगाने का प्रस्ताव भेज दिया गया है। हिरण पहुंचने के बाद पार्क का उदघाटन कर दिया जाएगा। हिरण पार्क खुलने के बाद पर्यटकों व स्थानीय निवासियों को खुले में विभिन्न प्रकार के हिरणों को देखने का मौका मिलेगा। पार्क में आने वाले आगंतुकों को प्रवेश पाने के लिए गेट पर पार्क टिकट लेना होगा। इससे सरकार को राजस्व लाभ होगा। दूसरी ओर हिरण पार्क के उदघाटन होने से जंगली जानवरों के लिए वरदान साबित होगा। 17 एकड़ के इस पार्क को कई भाग में बांटा गया है। आगंतुक मिट्टी मोरम से बनाए गए रास्ते से पार्क के हर कोने में आसानी से आ जा सकते हैं। आज भी इस पार्क में जंगल से भटके कई हिरण रखे गए हैं। जबकि राष्ट्री पक्षी मोर भी बड़ी तादाद में इस पार्क को बसेरा बना लिया है। वन विभाग के एक कर्मी ने बताया कि हिरण बेहद संवेदनशील जानवर हैं। हलकी आहट में भी हिरण चौंक जाते हैं। अगर कोई ज़ोर से चिल्लाता है या तेज आवाज में वाहन का हॉर्न बजाने पर हिरण को दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में हिरण की मौत भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि हिरण पार्क के आस पास का क्षेत्र शोर रहित और गंदगी रहित होना चाहिए। ताकि हिरण शांत वातावरण में रह सके। पार्क शुरू होने से हिरणों की जनसंख्या में होगी वृद्धि पूरबडीह स्थित डियर सॉफ्ट रिलीज सेंटर पार्क का उदघाटन होने से हिरणों की जनसंख्या में वृद्धि होगी। एक अनुमान के अनुसार गोला के जंगलों में बड़ी तादाद में हिरण हैं। हिरणों को जंगल में सुरक्षा प्रदान करना वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है। अक्सर भोजन पानी की तलाश में हिरण आबादी वाले क्षेत्रों में घुस जाते हैं और किसी तरह की दुर्घटना का शिकार होकर अपनी जान गंवा बैठते हैं। पार्क शुरू होने से पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बल पार्क का उदघाटन होने से पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा। जंगली जीवों विशेष कर हिरणों के रखरखाव को लेकर पर्यावरण को और अधिक उपयुक्त बनाने की दिशा में उपाय किए जा सकते हैं। हिरणों को भारी बारिश और चिलचिलाती गर्मी से बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। इसके अतिरिक्त कुत्तों के घुसपैठ को रोकने के लिए पार्क परिसर के चारों ओर कंटीले तार की बाड़ लगाई गई है। पार्क में हिरणों विचरण के लिए है पर्याप्त जगह पार्क की संरचना बेहद खुबसुरत है। जिसमें कंक्रीट का फर्श और एक कृत्रिम छिछला तालाब बनाया गया है। तालाब सूखने पर पानी भर दिया जाता है। वन कर्मी मनीष शर्मा ने बताया कि हिरण आम तौर पर एक जगह खाते हैं और पेड़ों की छाया में आराम करते हैं व जुगाली करते हैं। गर्मी के दिनों में हिरण जलस्रोत के पास गीली जमीन पर बैठना पसंद करते हैं। हिरण अपने आवास के प्रति संवेदनशील माने जाते हैं। प्राकृतिक आवास जैसा महसूस करेंगे हिरण डेढ़ दशक पूर्व ही यहां का हिरण पार्क बन कर तैयार है। सिर्फ विभाग की उदासीनता के कारण पार्क की शुरुआत नहीं हो सकी है। प्राकृतिक जंगलों की घेराबंदी कर इस पार्क को बनाया गया है। आज भी यहां दर्जन भर हिरण हैं, जिनमें अधिकतर सांभर प्रजाति के हिरण शामिल बताए जाते हैं। हिरणों को प्राकृतिक आवास जैसा अनुभव उपलब्ध कराने के लिए इस पार्क में हर जतन किए गए हैं। यही कारण है कि यहां रखे गए कुछ हिरणों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पूरे पार्क में हरियाली छाई हुई है। वन विभाग की ओर से पार्क के अंदर हिरणों के खाने लायक पेड़ पौधों को प्रयाप्त मात्रा में बागवानी की गई है। हिरणों को शांत वातावरण मिले इसका भी ख्याल रखा गया है। हिरणों के शिकार पर लगेगा अंकुश हिरणों का गैरकानूनी ढंग से शिकार भी किया जा रहा है। जंगलों के आस पास रहने वाले लोग तीर धनुष या फिर जाल में फंसा कर हिरणों का शिकार करते हैं। हिरण पार्क के खुलने से हिरणों के अवैध शिकार पर अंकुश लगेगा। साथ ही भटके हिरणों को पार्क में सुरक्षित ढंग से रखा जा सकता है। यहां हिरणों के लिए खाने के लिए प्रयाप्त मात्रा में हरी घास व पानी के लिए तालाब बनाए गए हैं। ग्लोबल वार्मिंग इस दौर में लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। रोजगार के परंपरागत साधन भी समाप्त होते जा रहे हैं। ऐसे में हिरण पार्क के उदघाटन होने से युवाओं को रोजगार मिलेगा। पर्यटन और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा और पलायन की समस्या भी रुकेगी। साथ ही क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। - ममता देवी, रामगढ़, विधायक अब समय आ गया है कि स्थानीय लोग आगे बढ़कर हिरण पार्क के उदघाटन के लिए आन्दोलन का बिगुल फुंके। वैसे भी धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखने वाला प्रसिद्ध शक्तिपीठ रजरप्पा मंदिर यहां से महज 16 किमी दूर है। इस पार्क के उदघाटन होने से वन्यजीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। सैलानी भी पहुंच कर आनंद उठाएंगे। -महाबीर महतो,समाजसेवी हिरण पार्क खुलने से हिरणों को सुरक्षित ठिकाना मिलेगा। प्राकृतिक कारणों से असमय मौत पर भी लगाम लगेगा।-जलेश्वर महतो,जिप सदस्य, गोला मध्य क्षेत्र हिरण पार्क शुरु होने से सरकार को लाखों का राजस्व प्राप्त होगा। यहां के स्थानीय सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलगा। -रेखा सोरेन, जिप सदस्य, गोला पूर्वी क्षेत्र हिरणों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को पार्क को शुरु करने की पहल करनी चाहिए। -मनोज महतो,पूर्व 20 सुत्री अध्यक्ष चुनौती के बावजूद वन विभाग इस बात से उत्साहित है कि हिरणों के लिए यह पार्क बेहतर घर है। इसका जल्द हो उद्घाटन। -मनीष शर्मा, गोला वन क्षेत्र पार्क को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने की संभावना प्रबल है। सरकार पार्क का उद्घाटन जल्द करे। -प्रभाष प्रकाश सिंह,मुखिया, सरगडीह हिरणों को जितना संभव हो सके मानवीय संपर्क से दूर रखना जरुरी है। प्लास्टिक के पैकेट उनके लिए घातक हैं। -जीतलाल टुडू, मुखिया, उपरबरगा हिरण का दिल काफी कमज़ोर होता है। इसे प्राकृतिक वातावरण में सुरक्षित ढंग से रखा जा सकता है। -शिव शंकर कुमार, प्रभारी फोरेस्टर हिरण बेहद संवेदनशील जानवर होते हैं। इस बात को ध्यान में रख कर पार्क में विशेष इंतजाम किए गए हैं। -आलम अंसारी, झामुमो नेता वन विभाग को हिरण पार्क की मरम्मत करवा कर इसे शिघ्र शुरु करने की दिशा में ठोस पहल करनी चाहिए। -प्यारेलाल महतो, मुखिया, हुप्पू हिरण पार्क के उद्घाटन होने से प्रखंड क्षेत्र के लोग यहां आकर शांति के कुछ पल बीता सकते हैं। मनोरंजन का बेहतरीन जगह है।-दिनेश महतो,जिला उपाध्यक्ष,आजसू पार्क बन कर तैयार है, उद्घाटन नहीं किया जाना ताज्जुब की बात है। सुरक्षा की दृष्टि से पार्क का उद्घाटन तुरंत होना चाहिए। -जयप्रकाश महतो,आजसू पार्क व आस पास के हरे भरे जंगल सभी को आकर्षित करता है। पार्क के शुरु होने पर पर्यटकों को यह जगह आकर्षित करेगा। -सुनीता देवी, मुखिया, कुम्हरदगा
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