बोले रामगढ़: राशन कार्ड तो बना,अब हर माह पूरा राशन भी दिलवा दें हुजूर
रामगढ़ जिले में अनाज गबन के कई मामले सामने आए हैं। जन वितरण प्रणाली की दुकानदार पर 75 क्विंटल अनाज के गबन का आरोप है। 137 राशन कार्डधारियों को पिछले 9 महीनों से केवल आधा अनाज मिल रहा है, जिससे उनमें...

रामगढ़। जिले में अनाज गबन के कई मामले उजागर हुए हैं। सभी मामले में कार्रवाई के लिए आगे की प्रक्रिया भी की जा चुकी है। लेकिन अबतक उसका कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। कुछ मामलों में अनाज की वसूली जरूर हुई है। लेकिन अब तक कोई कठोर कार्रवाई सामने नहीं आई है। कभी सरकारी गोदाम से अनाज गबन का मामला हो तो कभी जनवितरण प्रणाली के दुकान से अनाज गबन का मामला। दोनों ही मामले में अबतक आगे की कार्रवाई जरूर हुई है। हिन्दुस्तान के बोले रामगढ़ की टीम से यहां के लोगों ने अपनी समस्या साझा की। बुढ़िया मंदिर महिला मंडल नामक जन वितरण प्रणाली की दुकानदार पर करीब 75 क्विंटल अनाज जिसमे 57.72 क्विंटल चावल, 13.55 क्विंटल गेहूं और 4.71 क्विंटल चना दाल के गबन का आरोप लगा है।
इस मामले पर जनवितरण प्रणाली के संचालिका पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। जिसका मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है। लेकिन जिस अनाज का गबन जनवितरण प्रणाली के दुकानदार ने की हो उसके भुक्तभोगी उसके राशन कार्डधारी लाभुक परेशान हो रहे हैं। यहां पर 137 राशन कार्डधारियों के परिवार को पहले तो 75 क्विंटल अनाज प्राप्त तो हुए नहीं। लेकिन बाद में भी सभी लाभुकों को लगातार 9 माह से सिर्फ आधा ही अनाज वितरण किया जा रहा है। कम अनाज वितरण के कारण सभी राशन कार्डधारियों में रोष भी व्याप्त है। जिस कारण जनवितरण प्रणाली के दुकानदार और राशन कार्डधारियों के बीच हमेशा नोक-झोंक होते रहता है। हालांकि मामले का बीच-बचाव कर रोक दिया जाता है। लेकिन इस समस्या के कारण विक्रेता को अनाज वितरण करने में देरी होती है। साथ इस कारण कई तरह की समस्या भी उत्पन्न होता है। इस मामले को लेकर जनवितरण प्रणाली के दुकानदार ने कई बार विभाग को सूचित किया और पत्र भी दिया है। लेकिन जल्द इस मामले का समाधान निकलने और पूरा अनाज देने की बात कह कर उसे समझा दिया जाता है। वहीं कई राशन कार्डधारियों ने भी को बार विभाग के पास जाकर मौखिक और लिखित रूप से कम अनाज प्राप्त होने की सूचना दी है। लेकिन अबतक लाभुकों को पूरी अनाज नहीं मिल पाई है। जिला आपूर्ति विभाग की ओर से लाभुकों को पूरी अनाज मिल पाए उसके लिए अपने ऊपर राज्य को दो बार पत्राचार कर चुकी है। फिर भी अबतक इसका समाधान नहीं निकल पाया है। इधर कम अनाज मिलने के मामले में राशन कार्डधारियों में रोष तो देखा ही जा रहा है, साथ ही वे कह रहे हैं कि विभाग संबंधित जनवितरण प्रणाली के दुकानदार से अनाज की वसूली क्यों नहीं कर रही। उसके गबन किए गए अनाज की वसूली उससे करे। लेकिन विभाग उल्टे गरीब और लाचार जिनका इस अनाज गबन में दूर-दूर तक कोई हांथ नहीं है उससे अनाज वसूली करने में लगी हुई है। जो कहीं से न्याय संगत नहीं है। लाभुक बता रहे हैं की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013, जिसे भारत में एक सामाजिक कल्याण कानून के रूप में लागू किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य पात्र लोगों को रियायती कीमतों पर पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध कराकर खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है। लेकिन ऊपर बैठे लोग इस कानून का खुलकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। जब इस मामले की गहराई से पता लगाया गया तो पता चला कि आरोपित दुकानदार की ओर से जो करीब 85 क्विंटल अनाज गबन किया गया है। उसी के एवज में सरस्वती महिला समूह को आधे अनाज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जबकी आधा अनाज काटा जा रहा है। लेकिन विभाग के इस कार्रवाई में भुक्तभोगी राशन कार्डधारियों को बनना पड़ रहा है। पहले आरोपित दुकानदार की इर से इन्हें काम अनाज दिया गया। महिला मंडल के कार्डधारियों को 9 माह से मिल रहा आधा अनाज अनियमितता के आरोप में बुढ़िया मंदिर महिला मंडल जनवितरण प्रणाली की दुकान को अक्टूबर में सस्पेंड कर दिया था। मामले में इसकी संचालिका पिंकी देवी के ऊपर रामगढ़ थाने में अनाज गबन के मामले में कई धाराओं में केस भी दर्ज कराई थी। अब ये मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इन लाभुकों को महज आधा ही अनाज का वितरण किया जा रहा है। ये सिलसिला पिछले 9 माह से ही चल रहा है। खाद्य सुरक्षा कानून का विभाग रखे ख्याल केंद्र और राज्य सरकार की यह प्राथमिकता है कि कोई भी गरीब भूखा न रहे उसे दो वक्त का भोजन उपलब्ध हो इसकी सुनिश्चितता सरकार बखूबी रखती है। लेकिन जिले में इस कानून का सम्मान नहीं के बराबर है। मौजूदा समय में वार्ड 28 के करीब 137 राशन कार्डधारियों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत दो समय का भोजन के लिए अनाज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। हर माह काटा जा रहा 10.5 क्विंटल अनाज बुढ़िया मंदिर महिला मंडल जनवितरण प्रणाली की दुकानदार की ओर से की गई अनाज की अनियमितता के कारण अब हर माह उसके राशन कार्डधारियों का अनाज काटा जा रहा है। इसके हिस्से का हर माह करीब 10.5 क्विंटल अनाज काटकर आपूर्ति किया जा रहा है। जिस कारण इस दुकान के करीब 138 राशन कार्डधारियों को आधे अनाज किसी किसी को तो पूरे अनाज नहीं मिल पा रहा है। खाद्यान वितरण के नियम में हो बदलाव लोगों का कहना है कि अगर कहीं भी अनाज गबन का मामला प्रकाश में आता है और विभाग तत्परता दिखाते हुए उस अनाज गबन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती है और अनाज को रिकवर करती है तो ये विभाग के लिए उपलब्धि हो जाती है। लेकिन किसी परिस्थिति में अनाज जब्त नहीं किए जाते हैं तो वैसे परिस्थिति में राशन कार्डधारियों से अनाज की तय मात्रा में कटौती कहीं से न्यायोचित नहीं है। अगर गबन अनाज का लाभुकों से कटाने का नियम है तो ऐसे नियमों का विभाग बदलाव कर के एक न्यायोचित नियम की शुरुवात करनी चाहिए। ताकि बेकसूर गरीब राशन कार्डधारियों का राशन न कट सके। खाद्य सुरक्षा कानून का उल्लंघन खाद्य सुरक्षा कानून का उद्देश्य लोगों को पर्याप्त और अच्छी गुणवत्ता वाले भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। ताकि वे गरिमापूर्ण जीवन जी सकें। यह कानून भारत में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) 2013 के रूप में जाना जाता है। उचित अनाज नहीं मिलने से आज ये कार्डधारी सही से दो टाईम का भोजन नहीं खा पा रहे हैं। इनके बीच सबसे ज्यादा समस्या तब उतपन हुई थी जब विद्यालय बंद थे और इनके बच्चे स्कूल नहीं जा रहे थे। विभाग के मना करने के बावजूद हमे बुढ़िया मंदिर महिला मंडल के जनवितरण प्रणाली के दुकान के राशन कार्डधारियों का अनाज का वितरण कार्य हमें दिया। इसके बावजूद लाभुकों के अनुरूप कम अनाज की आपूर्ति हमें हर माह की जा रही है। जिस कारण राशन कार्डधारियों के बीच अनाज वितरण में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। - वीणा देवी, वितरक सरस्वती महिला समूह बुढ़िया मंदिर महिला मंडल के करीब 138 लाभुक हैं। जिनमे से अधिकांश के शिकायत पर दुकान की जांच कराई गई। जिसके बाद कार्रवाई की गई। लेकिन विभाग की ओर से दुकानदार की ओर से की गई अनाज की अनियमितता के बाद कटौती कर अनाज का आबंटन किया जा रहा है। जिस कारण लाभुकों को कम राशन दिया जा रहा है। - रंजीता टोप्पो, जिला आपूर्ति पदाधिकारी किसी के कारगुजारियों का खामियाजा गरीब क्यों भुगतें। संबंधित पर कार्रवाई हो तो हमलोगों से अनाज की वसूली क्यों हो रही है।- विजय नायक विभाग की ओर से कम हो या ज्यादा हर माह मिलता जविप्र की दुकान को होता है। फिर भी लेट से पहुंचने पर बोला है अनाज खत्म हो गया है। - आशीष तिवारी पहले के जनवितरण प्रणाली की दुकानदार की कार्यप्रणाली से परेशान था। सींच था अब हालात सुधरेगा। लेकिन अब भी वही रोना है। - शीलू मुंडा नौ माह से जब अनाज उठाने आते हैं तब या तो आधा अनाज मिला है या अनाज मिला ही नहीं। नहीं मिलने से आधे पेट ही गुजारा करना पड़ता है। - रामलोचन महतो किस्मत से ही कभी पूरा अनाज लेकर घर गया हूं। अक्सर यही बोला जाता है कि अनाज कम आवंटन हुआ था। इसलिए खत्म हो गया। - मानो देवी पहले के जनवितरण प्रणाली की दुकानदार के यहां भी कम अनाज मिलता था और अब भी कम ही अनाज लेकर जाना पड़ता है। -देवयंति देवी बीते 9 माह में महज 4 से 5 बार ही राशन दुकान से अनाज प्राप्त हो पाया है। अधिकांस बार यही बोला जाता है कि अनाज खत्म हो गया है। - मैना कुमारी कब तक हमलोगों के हिस्से की अनाज की कटौती होगी। अनाज किसी और की ओर से गबन किया तो खामियाजा हम क्यों भुगतें। -उर्मिला देवी विभाग मामले में चुप्पी साधे क्यों है। क्यों नहीं हमलोगों को पूरी अनाज दिलाने के लिए तत्पर है। कब तक हमलोगों को आधे पेट मे गुजारा करना पड़ेगा।- बॉबी देवी काम ही अनाज सही लेकिन हर माह अनाज वितरण की तय मात्रा को विभाग निर्धारित करे, ताकि हम बाकी के राशन के लिए उपाय कर सकें। - राजेंद्र महतो काम अनाज वितरण को लेकर कई बार जिला आपूर्ति विभाग को शिकायत किया। लेकिन आजतक इसपर कोई कार्रवाई नहीं कि गई है। - कविता देवी माह छोड़ दीजिए अब साल से भी ज्यादा बीतने को है। आजतक कभी भी पूरा अनाज नहीं मिला है। जब भी राशन लेने आता हूं आधा अनाज मिलेगा। - रेखा देवी
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