बोले रामगढ़ : शहर के शौचालय बने बीमारी के घर, सफाईकर्मी भी नदारद
रामगढ़ के सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति अत्यंत खराब है। दरवाजे टूटे हुए हैं, पानी की सप्लाई बंद है और सफाई का अभाव है। स्थानीय लोग मजबूर होकर खुले में शौच करने को विवश हैं, जिससे स्वच्छता पर बुरा असर...

रामगढ़। छावनी की ओर से शहर में बने कई शौचालयों के दरवाजे टूटे हुए हैं, अंदर प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं है, और पानी की सप्लाई पूरी तरह ठप पड़ी हुई है। कई बार पानी की कमी के कारण लोग हाथ तक नहीं धो पाते। ऐसी स्थिति में लोग मजबूर होकर खुले में शौच करने को मजबूर हो जाते हैं, जिससे न सिर्फ स्वच्छ भारत मिशन की भावना को ठेस पहुंचती है, बल्कि पूरे क्षेत्र की स्वच्छता और सौंदर्य भी प्रभावित होता है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि छावनी परिषद द्वारा बनाए गए कई शौचालय महीनों से बंद पड़े हैं, जिसके कारण स्थानीय लोग उसका इस्तेमाल भी नहीं कर पा रहे हैं और जिनकी मरम्मत या सफाई की दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।
यह स्थिति विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यधिक परेशानी का कारण बन रही है जो लंबी दूरी की यात्रा पर होते हैं या जिनके पास निजी साधन नहीं होते। महिलाएं, जो पहले ही सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय की कमी से जूझती हैं, उन्हें इन गंदे और बदहाल शौचालयों की वजह से दुगनी परेशानी उठानी पड़ रही है। स्थानीय सामाजिक संगठनों, यात्रियों और आम नागरिकों ने कई बार इस गंभीर समस्या को लेकर छावनी परिषद में शिकायतें दर्ज करवाईं, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला, समाधान नहीं। इसमे प्रशासन की लापरवाही स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। शौचालयों के निर्माण में लाखों रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन अब उनकी हालत देखकर लगता है कि रखरखाव और नियमित सफाई के अभाव में यह सरकारी धन पूरी तरह व्यर्थ चला गया है। परिसर में नियमों और शुल्कों से संबंधित बोर्ड तो लगे हुए हैं, लेकिन उनके अनुपालन की कोई व्यवस्था नहीं है। कोई अधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण करने नहीं आता, जिससे दुर्गंद और गंदगी का साम्राज्य बना हुआ है। बदहाल शौचालयों की यह स्थिति न केवल जनस्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि यह शहर की छवि को भी धूमिल कर रही है, विशेषकर उन यात्रियों की नजर में जो बाहरी जिलों और राज्यों से आते हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत देशभर में स्वच्छता पर विशेष जोर दिया गया था। शौचालयों का निर्माण करवाया गया, जागरूकता अभियान चलाए गए, लेकिन जमीन पर उनका पूर्ति इस प्रकार लापरवाह तरीके से होगा, तो ऐसे अभियान सिर्फ कागज़ों तक ही सीमित रह जाएंगे। बस स्टैंड जैसे अत्यंत व्यस्त और महत्वपूर्ण स्थल पर ऐसी अव्यवस्था न सिर्फ प्रशासनिक उदासीनता का उदाहरण है, बल्कि यह स्पष्ट करता है कि स्थानीय निकाय अपनी जिम्मेदारियों को लेकर कितने गंभीर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब चुनाव पास आते हैं तो जनप्रतिनिधि जनता से वादे करते हैं कि वे सफाई और बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता देंगे, लेकिन चुनाव के बाद सब कुछ भुला दिया जाता है। शौचालय जैसे बुनियादी ढांचे का रखरखाव किसी भी शहर की नागरिक सुविधा का आधार होता है, और जब यही आधार कमजोर हो, तो पूरे शहर की व्यवस्था सवालों के घेरे में आ जाती है। सफाई कर्मियों की नियमित तैनाती नहीं की गई है, और न ही उनके कार्यों की निगरानी सुनिश्चित की जाती है, जिससे स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। शहरभर के शौचालयों की स्थिति बुरी,इस्तमाल के लायक नहीं सामाजिक संगठनों और स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है छावनी के बने शौचालयों की तत्काल सफाई और मरम्मत कराई जाए, और उन्हें सुचारु रूप से संचालित करने के लिए एक स्थायी निगरानी समिति बनाई जाए। इसके अलावा, सुझाव यह भी दिए गए हैं कि तकनीकी समाधान जैसे कि स्वचालित सफाई प्रणालियां या सीसीटीवी निगरानी भी लागू की जाए। शहर को स्वच्छ बनाने के लिए शौचालय साफ रहना जरूरी शहर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए जरूरी है कि शौचालय साफ हो। अन्यथा लोग इधर-उधर खुले में चले जाते हैं। रामगढ़ बस स्टैंड के पास बने शौचालय हर वक़्त गंदगी से भरे रहते हैं। गंदे शौचालय से बिगड़ी व्यवस्था के आम लोग और यात्री हो रहे परेशान, शहर के प्रमुख बस स्टैंड के पास स्थित सार्वजनिक शौचालय की बदहाल स्थिति ने आम जनता, यात्रियों और व्यापारियों को भारी परेशानी में डाल दिया है। महिलाओं और बुजुर्गों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी खराब शौचालय की ऐसी स्थिति में महिलाएं और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। रामगढ़ शहर में खरीदारी या फिर अन्य काम से पहुंचने वाले लोग या फिर शहर के ही लोगों को बाहर निकलने के दौरान जब शौचालय की आवश्यकता पड़ती है। तब वे पब्लिक टॉयलेट का ही रुख करते हैं ऐसे में गंदे शौचालय से वे परेशान होते है। इससे महिलाओं व बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। शौचालय के बाहर फेंक देते हैं कचरा शहर में दर्जनों जगह छावनी की ओर से शौचालय बनाये गए है। लेकिन आधे से ज्यादा गंदगी के कारण बेकार पड़े हैं। जिसमे कई शौचालय तो ऐसे है जहां अगल बगल के दुकानदारों ने ही गंदगी फैला रखी है। दुकानदार लय फिर अगल बगल रहने वाले लोग शौचालयों के बाहर घर व दुकान से निकला कचरा फेंक देते हैं। जिससे शौचालय का द्वार भी कचरा से भर जाता है। छावनी को ऐसे लोगों पर भी एक्शन लेना चाहिए। इनकी भी सुनिए शहर के लगभग सभी शौचायलयों की स्थिति खराब है। कोई गंदे पड़े हैं तो किसी में पानी नहीं है तो कोई टूटे-फूटे पड़े हैं। जिस कारण लोग उसमें जाना नहीं चाहते। बदबू के कारण अगल-बगल के लोग भी परेशान रहते हैं। अगर समय से शौचालय और शौचालय के अगल-बगल के जगह की सफाई हो, तो गंदी बदबू नहीं आएगी। - नीरज मंडल,अध्यक्ष आजसू मजदूर यूनियन न्यू बस स्टैंड रामगढ़ छावनी परिषद सबसे पहले शौचालय की सफाई कराए। पानी और बिजली का सप्लाई ठीक करवाना चाहिए। दरवाजे और पैन की मरम्मत करवानी चाहिए। जिससे स्थानीय लोगों व यात्री और सब्जी मंडी में सब्जी लेने वाले व्यक्ति उसे इस्तेमाल कर सके । गंदे व टूटे-फूटे शौचालय के कारण आम लोगों को काफी परेशानी होती है। -राजीव जायसवाल,सांसद प्रतिनिधि, रामगढ़ जिला सफाई की जवाबदेही तय हो कब कब सफाई होती है और कब नहीं उसकी जवाबदेही तय की जाए। शौचालय रहने के बावजूद भी इधर उधर भटकना पड़ता है। बस स्टैंड के समीप शौचालय सफाई के अभाव में गंदा होने के कारण आम नागरिक और यात्री शौचालय के अगल-बगल ही शौच करने को विवश होते हैं। सुभाष चौक में शौचालय के अगल बगल गंदगी होने के कारण और कई महीनो से शौचालय बंद है। लोग वहीं बाहर या कोने में पेशाब करते हैं। जिससे उस जगह बदबू फैली रहती है। वहीं राजा बांग्ला के पास बना शौचालय तब से बंद है जब से वह बन कर तैयार हुआ है। समस्याएं 1. शहर के ज्यादातर शौचालय खराब स्थिति में पड़े हैं,इनकी सफाई नहीं होती 2. बस स्टैंड के निकट का शौचालय के बाहर और अंदर पसरी गंदगी से यात्री परेशान 3. शहर में खरीदारी करने आने वाली महिलाओं को होती है ज्यादा परेशनी 4. रोजाना शौचालयों की सफाई नहीं कराता छावनी परिषद,इससे फैल रहा है दुर्गंध 5. कई शौचालय के बनाने के बाद आज तक लटके हैं ताले, इन्हें खोला ही नहीं गया सुझाव 1. सभी शौचालयों की हो रोजाना सफाई,इसके आसपास की गंदगी को साफ किया जाए 2. शौचालय में बिजली पानी का हो भरपूर इंतजाम, ताकि लोग इसका इस्तेमाल कर सकें 3. ताला लगे शौचालयों को आम लोगों के लिए खोला जाए,ताकि लोगों को राहत मिले 4. टूटे दरवाजे और पैन को कराया जाए दुरुस्त,ताकि लोग इसका उपयोग कर सकें 5. शौचालय के बाहर फेंके जाने वाले कचरे को बंद करवाए छावनी परिषद
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