बोले रामगढ़: प्यास से तड़पते लोगों की गुहार पानी तो दिला दीजिए सरकार
रामगढ़ जिले के भदानीनगर स्थित लपंगा कॉलोनी में तीन महीनों से जल संकट और बिजली समस्या गंभीर हो गई है। पतरातू डैम से पानी की आपूर्ति ठप हो गई है और अधिकांश चापाकल और जलमीनार खराब पड़े हैं। लोग पानी...

भुरकुंडा। रामगढ़ जिले के भदानीनगर स्थित सीसीएल की लपंगा कोलियरी के बंद होने के बाद से कॉलोनी के निवासी गहरे संकट से जूझ रहे हैं। तीन महीनों से पानी की आपूर्ति पूरी तरह ठप है। पतरातू डैम से होने वाली जलापूर्ति बंद होने के बाद पंप भी जवाब दे चुके हैं। हर घर नल योजना के कनेक्शन तो हैं, पर पानी नहीं मिलता और जो मिलता है, वह पीने योग्य नहीं है। छह चापाकल और तीन सौर जलमीनार महीनों से खराब पड़े हैं, लेकिन विभाग मरम्मत के नाम पर सिर्फ आश्वासन देता है। हिन्दुस्तान के बोले रामगढ़ टीम से लोगों ने अपनी समस्या साझा की।रामगढ़
जिला अंतर्गत भदानीनगर स्थित सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) की लपंगा कोलियरी के बंद होने के बाद से क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। लपंगा कॉलोनी के लगभग 300 घरों में रहने वाले लोग पिछले तीन महीनों से जल संकट का सामना कर रहे हैं। पतरातू डैम से जलापूर्ति ठप हो जाने के बाद वैकल्पिक तौर पर लगाए गए सबमर्सिबल पंप की हालत भी खस्ता है। यह पंप मुश्किल से 15 मिनट ही काम करता है, जिससे आपात स्थिति में भी पानी मिल पाना संभव नहीं हो पा रहा। कॉलोनी में छह चापाकल और तीन सौर ऊर्जा से संचालित जलमीनार मौजूद हैं, लेकिन सभी महीनों से खराब पड़े हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार जिला प्रशासन और संबंधित विभागों को जानकारी दी, लेकिन अब तक मरम्मत का कोई कार्य नहीं किया गया। विभाग साधनों की कमी का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहा है, जबकि सीसीएल प्रबंधन भी चुप्पी साधे बैठा है। जल संकट के चलते कॉलोनीवासियों की दिनचर्या पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गई है। लोग या तो कुओं से पानी निकालने को मजबूर हैं या फिर पैसे खर्च कर पानी खरीद रहे हैं। यह स्थिति न सिर्फ मानसिक तनाव का कारण बनी है, बल्कि लोगों की आर्थिक स्थिति पर भी असर डाल रही है। विडंबना यह है कि हर घर नल योजना के तहत सभी घरों तक कनेक्शन तो पहुंच गए हैं, लेकिन नियमित जलापूर्ति नहीं हो रही। ऊपर से जो पानी मिल भी रहा है, वह पीने योग्य नहीं है। जल संकट के साथ-साथ लपंगा कॉलोनी बिजली समस्या से भी जूझ रही है। कॉलोनी में जर्जर तार और पुराने खंभों के कारण विद्युत आपूर्ति बेहद अस्थिर है। अक्सर बिजली कटौती होती रहती है और जर्जर लाइन के कारण दुर्घटना का खतरा बना रहता है। कॉलोनी के लोग कई वर्षों से इन पुराने खंभों और तारों को बदलने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सबसे चिंता की बात यह है कि सीसीएल की अति महत्वाकांक्षी जीवनधारा परियोजना भी इसी बंद पड़ी लपंगा कोलियरी में शुरू की जानी है। ऐसे में यह और भी हैरान करने वाली बात है कि जिस क्षेत्र को मॉडल के रूप में विकसित किया जाना था, उसकी बुनियादी सुविधाएं भी चरमराई हुई हैं। लपंगा स्थित वॉटर सप्लाई सेंटर भी वीरान पड़ा है। पहले यहां पतरातू डैम से पानी आता था, जिसे स्टोर कर कॉलोनी में सप्लाई किया जाता था। लेकिन पिछले दो वर्षों से यह व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। सीसीएल की अन्य कॉलोनियों जैसे सौंदा, सेंट्रल सौंदा, रिवर साइड और गिद्दी में भी जलापूर्ति प्रभावित है, लेकिन लपंगा कॉलोनी की हालत सबसे खराब है। यहां तीन माह से जलापूर्ति पूरी तरह ठप है। स्थानीय निवासियों ने भुरकुंडा परियोजना पदाधिकारी को कई बार लिखित रूप से जल और बिजली समस्या से अवगत कराया है, लेकिन कोई ठोस पहल अब तक नहीं हुई है। लोगों का कहना है कि वे इस स्थिति को अपनी नियति मान चुके हैं, क्योंकि कोई सुनवाई नहीं हो रही। हर दिन पानी की व्यवस्था के लिए भटकना अब उनकी दिनचर्या बन गई है। कॉलोनीवासियों की मांग है कि जलमीनार और चापाकलों की जल्द से जल्द मरम्मत कराई जाए, समरशेबल पंप को दुरुस्त किया जाए पानी-बिजली की समस्या से राहत चाहते हैं लोग लपंगा कॉलोनी में रहने वाले लोग इन दिनों जल संकट और बिजली की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। कॉलोनी में पानी की आपूर्ति पतरातू डैम से होती है, लेकिन अब यह व्यवस्था स्थायी नहीं रह गई है। इसकी सबसे बड़ी वजह पतरातू से लपंगा तक की पाइपलाइन में लगे अवैध कनेक्शन और पतरातू वॉटर सप्लाई सेंटर की अव्यवस्था है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि रास्ते में दर्जनों अवैध कनेक्शन हैं। अस्थायी माध्यम से होती है पतरातू डैम से जलापूर्ति लपंगा कॉलोनी में पानी की आपूर्ति पतरातू डैम के माध्यम से होती है, लेकिन अब यह व्यवस्था स्थायी और भरोसेमंद नहीं रह गई है। गर्मी के मौसम में डैम का जलस्तर घटने के साथ-साथ सप्लाई लाइन में लगातार बाधाएं आ रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब इस स्रोत पर पूरी तरह निर्भर रहना संभव नहीं है। पानी की कमी के चलते रोजमर्रा के कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। सप्लाई सेंटर की लापरवाही से नहीं पहुंच रहा घरों तक पानी पतरातू डैम से लपंगा कॉलोनी तक बिछाई गई पाइपलाइन में कई जगह अवैध कनेक्शन जोड़े गए हैं, जिससे पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हो रही है। बीच रास्ते में कई स्थानों से अवैध रूप से जल लिया जा रहा है, जिससे लपंगा तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंचता। इसके अलावा, पतरातू वॉटर सप्लाई सेंटर की देखरेख में भारी लापरवाही बरती जा रही है। लीकेज की मरम्मत समय पर नहीं होती। पीने के पानी का हो स्थायी समाधान स्थानीय लोगों ने सीसीएल प्रबंधन से मांग की है कि लपंगा कॉलोनी में अन्य कोलियरियों की तरह क्वायरी का पानी फिल्टर कर सप्लाई किया जाए। क्वायरी में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है, जिसे आधुनिक फिल्ट्रेशन तकनीक से शुद्ध कर घर-घर पहुंचाया जा सकता है। इस व्यवस्था से पतरातू डैम पर निर्भरता घटेगी और कॉलोनी को नियमित रूप से स्वच्छ पानी मिलेगा। अन्य क्षेत्रों में यह व्यवस्था सफल रही है, इसलिए लपंगा में भी इसे लागू करना व्यावहारिक विकल्प होगा। लोगों का कहना है कि यदि यह समाधान लागू किया गया, तो उन्हें लंबे समय तक जल संकट से राहत मिल सकती है और उन्हें एक स्थायी समाधान मिलेगा। समस्या बनी मुसीबत लपंगा कॉलोनी में बिजली की समस्या भी गंभीर रूप ले चुकी है। रोजाना घंटों बिजली कटौती होती है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वोल्टेज की समस्या के कारण पंखे, टीवी, फ्रिज और अन्य जरूरी उपकरण काम नहीं कर पा रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई और बुजुर्गों की देखभाल में भी काफी परेशानी हो रही है। गर्मी के मौसम में बिजली कटौती लोगों के लिए अतिरिक्त मुसीबत बन गई है। पतरातू डैम के पाइप लाइन पर अवैध कनेक्शन का लोड इतना बढ़ गया है कि सीसीएल कॉलोनियों तक पानी पहुंच ही नहीं पा रहा है। मसले पर सीसीएल प्रबंधन गंभीर है, लेकिन इस विषय पर संज्ञान लेकर प्रशासन को भी ड्राइव चलाना चाहिए, ताकि सभी को पानी मिले। बहुत जल्द सिविल विभाग से मंत्रणा कर समस्या को पाटने का प्रयास करेंगे। - अजय सिंह,जीएम, सीसीएल बरका-सयाल प्रक्षेत्र लपंगा कॉलोनी में पानी और बिजली की समस्या बेहद गंभीर हो गई है। पतरातू डैम से जलापूर्ति अब स्थायी नहीं रही, जिससे लोग रोजाना परेशान हो रहे हैं। बिजली के तार और खंभे इतने जर्जर हो चुके हैं कि हल्की हवा में भी गिरने का खतरा बना रहता है। सीसीएल प्रबंधन से मांग की है कि क्वायरी का पानी फिल्टर कर सप्लाई किया जाए। -रामनारायण कुमार,मुखिया, चोरधरा पंचायत जलापूर्ति पतरातू डैम से होती है, लेकिन यह अब भरोसेमंद नहीं रही। तार और खंभे इतने जर्जर हो चुके हैं कि गिरने का खतरा बना रहता है। -विक्की सरकार पानी और बिजली की समस्या कॉलोनी के लोगों के लिए गंभीर हैं। अवैध कनेक्शन खराब पाइपलाइन से पानी कम आता है। -मुकेश कुमार पानी की आपूर्ति पतरातू डैम से अस्थायी हो गई है, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बिजली के जर्जर तार और खंभे खतरे में हैं। -कामेश्वर पाहन पानी-बिजली की समस्या कॉलोनी में बढ़ती जा रही है। तीन माह से पतरातू डैम का पानी नहीं मिल रहा। खंभे और तार जर्जर हैं। -श्रवण कुमार पानी की सप्लाई अब पूरी तरह से अस्थायी हो गई है। अवैध कनेक्शनों की भरमार से कॉलोनी तक पानी ही नहीं पहुंचता है। -राजेंद्र सिंह दारा लपंगा कॉलोनी में पानी की सप्लाई अब डैम से भरोसेमंद नहीं रही। बिजली के खंभे और तार जर्जर हो चुके हैं, इनसे हादसा हो सकता है। -तरूण राज डैम से पानी की सप्लाई में अनियमितता बनी हुई है, जिससे कॉलोनीवासियों को परेशानी हो रही है। बिजली के खंभे और तार पुराने हैं। -रामस्वार्थ राय पानी की समस्या गंभीर है। डैम से नियमित जलापूर्ति नहीं हो रही। तार और खंभे बहुत पुराने हैं और किसी भी वक्त गिर सकते हैं। -उमेश रविदास बिजली के तार और खंभे इतने जर्जर हैं कि हल्की हवा या बारिश में गिरने का खतरा बना रहता है। क्वायरी का पानी देने की व्यवस्था हो। -धनेश्वर यादव पानी की कमी और बिजली की समस्या कॉलोनी के लोगों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। पतरातू डैम पर निर्भरता खत्म हो रही है। -पॉर्थो कुमार डे पानी की आपूर्ति पतरातू डैम से अब स्थायी नहीं रही। तार-खंभे जर्जर हो चुके हैं, जो किसी भी वक्त गिर सकते हैं। दुर्घटना की आशंका रहती है। -करण सिंह कॉलोनी में पानी और बिजली की समस्या गंभीर हो गई है। पतरातू डैम से पानी अब आता ही नहीं है और बिजली के खंभे व तार बहुत पुराने हैं।-सरजू करमाली
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