खूंटी में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ
खूंटी जिले में जनजातीय समुदायों के विकास के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरुआत की गई। इस योजना का उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य, और आजीविका में सुधार करना है। 403 गांवों के 52,732...

खूंटी, संवाददाता। जनजातीय समुदायों के समग्र विकास और उनके सशक्तिकरण की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई नई योजना धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ बुधवार को खूंटी जिले में हुआ। इस योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर समेकित जनजातीय विकास अभिकरण (आईटीडीए), खूंटी के तत्वावधान में समाहरणालय सभागार में एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला एवं जिला स्तरीय समिति की बैठक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत उप विकास आयुक्त (डीडीसी) श्याम नारायण राम, आईटीडीए निदेशक आलोक शिकारी कच्छप सहित अन्य अधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर की। इस दौरान जिला एवं प्रखंड स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
जनजातीय गौरव का प्रतीक है यह अभियान: डीडीसी श्याम नारायण राम ने अपने संबोधन में कहा कि यह अभियान जनजातीय क्षेत्र खूंटी के लिए गर्व की बात है। भगवान बिरसा मुंडा जैसे महानायक के नाम पर यह योजना शुरू करना ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने बताया कि यह अभियान वर्ष 2029 तक चलेगा, जिसका उद्देश्य जनजातीय समुदायों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है। डीडीसी ने बताया कि इस योजना के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और सामाजिक अवसंरचना के क्षेत्र में व्याप्त अंतराल को समाप्त कर समग्र और सतत विकास सुनिश्चित किया जाएगा। सभी विभागों की योजनाओं को एकीकृत करते हुए कार्य योजना बनाई जाएगी, जिससे जनजातीय परिवारों को सीधा लाभ मिल सके। कौशल विकास, स्वरोजगार और पक्के घर मिलेंगे: डीडीसी ने कहा कि जनजातीय परिवारों के लिए कौशल विकास, स्वरोजगार और उद्यमिता संवर्धन के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी पात्र परिवारों को पक्का घर, गांवों में सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट्स को सक्रिय किया जाएगा। डीडीसी ने कहा कि सरकारी आवासीय विद्यालयों, छात्रावासों और आदिवासी स्कूलों के बुनियादी ढांचे को पीएम-श्री स्कूलों की तर्ज पर उन्नत किया जाएगा। शिक्षा में नामांकन और उपस्थिति बढ़ाने के लिए स्थानीय संसाधनों को मजबूत किया जाएगा। 403 गांवों के 52,732 जनजातीय परिवारों को मिलेगा लाभ: आईटीडीए निदेशक आलोक शिकारी कच्छप ने बताया कि अभियान के तहत खूंटी जिले के सभी प्रखंडों के कुल 403 गांवों में रहने वाले 52,732 जनजातीय परिवारों को लाभ पहुंचाना लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ जन-जन तक अभियान के रूप में पहुंचाया जाएगा। जनजातीय उत्पादों को मिलेगा बाजार: उन्होंने बताया कि पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत गृह-प्रवास इकाइयों को बढ़ावा दिया जाएगा। वहीं, जनजातीय उत्पादों के विपणन के लिए बहुउद्देशीय विपणन केंद्र स्थापित किए जाएंगे ताकि जनजातीय उत्पादकों को उचित मूल्य और उपभोक्ताओं को सीधे खरीद की सुविधा मिल सके। पीपीटी के माध्यम से दी गई योजना की जानकारी: जिला कल्याण पदाधिकारी प्रमोद राम ने पीपीटी प्रजेंटेशन के माध्यम से योजना के सभी पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता के लिए विभागीय समन्वय और सामूहिक प्रयास जरूरी है। कार्यशाला में कई पदाधिकारी रहे मौजूद: कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. नागेश्वर माझी, डीपीआरओ सैयद राशिद अख्तर, डीटीओ मारुति मिंज सहित जिला एवं प्रखंड स्तर के अनेक पदाधिकारी शामिल थे। सभी ने अभियान के क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।
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